Wednesday, March 25, 2009

गोपालस्वामी ने सिर्फ़ सलाह दी भा ज पा को - मार्च 25, 2009

हिन्दी अनुवाद:

चुनाव आयोग की सलाह को खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी द्वारा वरुण गाँधी को पीलीभीत से पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा करने के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त एन. गोपालस्वामी ने कहा है कि आयोग ने अपना काम किया है और यह भगवा दल के ऊपर है कि वह इसे स्वीकार करे अथवा छोड़ दे।

गोपालस्वामी ने यहाँ कहा कि यह एक सलाह है। यह उन पर है कि वे इसे लेते हैं अथवा छोड़ देते हैं। हमने अपना काम किया है। यहाँ हमारा काम खत्म हो जाता है।

कर्नाटक में 23 अप्रैल को होने वाले चुनाव के मद्देनजर गोपालस्वामी यहाँ चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रदेश के एक दिन के दौरे पर आए थे। उन्होंने कहा कि आयोग ने कोई निर्देश नहीं दिया है, बल्कि केवल सलाह दी है।

यह पूछे जाने पर कि आयोग के पास ऐसे निर्देश जारी करने की शक्तियाँ हैं तो गोपालस्वामी ने रुखे अंदाज में कहा यह कोई आदेश नहीं है। यह एक सलाह है। लोगों को सलाह देने पर क्या कोई प्रतिबंध है?

भाजपा को वरुण की उम्मीदवारी वापस लेने के आयोग की सलाह का बचाव करते हुए गोपालस्वामी ने कहा हमने टेप देखा है और संतुष्ट हैं, इसलिए हमने यह सलाह जारी की।

चुनाव आयोग ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी से कहा था कि वह पीलीभीत से वरुण को उम्मीदवार नहीं बनाए। वरुण गाँधी के कथित रूप से सांप्रदायिक भाषण की जाँच के बाद आयोग ने पार्टी को यह सलाह दी थी।

भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग की सलाह को खारिज करते हुए कहा था कि किसी पार्टी को उम्मीदवार के चयन के बारे में सलाह देना चुनाव आयोग के क्षेत्र के बाहर का विषय है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पिछले दस सालों से लोगों को आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों के बारे में जाग्रत करने की कोशिश करता रहा है।

उन्होंने कहा आप (प्रेस) भी इस संबंध में लिखते रहे हैं, लेकिन क्या होता है। कई बार उन्हें टिकट मिलता है और वे जीत जाते हैं। अगर हमारे पास शक्ति होती तो यह निश्चित है कि हम इससे आगे जा सकते थे।

उत्तरप्रदेश के मैनपुरी में समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायमसिंह द्वारा जिलधिकारी को धमकाने के मामले में गोपालस्वामी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा तथ्य जाने बगैर मैं अपनी प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता। यह मुद्दा आज दिल्ली पहुँचा है और हमारे लोग इस पर विचार कर रहे हैं।

English Translation:

With the BJP deciding to field Varun Gandhi from Pilibhit Lok Sabha seat ignoring the Election Commission's advice, Chief Election Commissioner N Gopalaswami on Tuesday said it has done its duty and it was for the saffron party to 'take it or leave it.'

"It is an advisory. It is for those to take it or leave it. We have done our duty. Our duty ends there", Mr. Gopalaswami told reporters here winding up his day-long exercise to review preparations for the first phase of Lok Sabha elections to be held in Karnataka on April 23.

He said the Commission has not given any directive but only an "advisory". Asked whether the EC had powers to issue such directives, Mr. Gopalaswami shot back "it is not an order, it is an advisory. Is there any ban on giving advice to people?".

Defending the Commission's action in asking the BJP to withdraw Mr. Varun's candidature, Gopalaswami said "we have seen the tape, and are satisfied. Hence, we passed the order (advisory)."

The EC had on Sunday, while condemning Mr. Varun Gandhi's allegedly inflammatory speech with communal overtones, asked BJP not to field him from Pilibhit. The BJP rejected the EC's advice, maintaining the EC had no jurisdiction to make any suggestions on party candidates.

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