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Thursday, March 6, 2008

'गज़ा में मानवीय परिस्थितियाँ बदतर'

ब्रिटेन की सहायता एजेंसियों का कहना है कि गज़ा में 1967 में इसराइली कब्ज़े के बाद से अब तक की सबसे ख़राब मानवीय परिस्थितियाँ हैं।

ब्रिटेन की इन एजेंसियों ने वहाँ रह रहे 15 लाख फ़लस्तिनियों के अनुभवों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है।
इस एजेंसियों में एमनेस्टी इंटरनेशनल, सेव द चिल्ड्रन, ऑक्सफ़ैम और क्रिस्चन एड शामिल हैं।

सहायता एजेंसियों ने कहा है कि इसराइल ने गज़ा पर जो प्रतिबंध लगा रखे हैं वह अवैधानिक सामूहिक सज़ा है जो सुरक्षा भी प्रदान नहीं कर पा रही है।

दूसरी ओर इसराइल का कहना है कि उसकी सैन्य कार्रवाई और दूसरे क़दम क़ानूनी और जायज़ हैं और इसराइल पर रॉकेट हमले रोकने के लिए ज़रुरी भी हैं।

त्रासदी

इसराइल ने गज़ा पर लगाए गए प्रतिबंधों को और सख़्त कर दिया था जब पिछले साल जून में हमास गुट ने इलाक़े पर कब्ज़ा कर लिया था।
गज़ा के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखकर उन्हें सज़ा देने को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता

केट एलन, एमनेस्टी, यूके

संयुक्त राष्ट्र कई बार चेतावनी दी है कि इसराइल ने जो घेरेबंदी कर रखी है उसके चलते गज़ा में आवश्यक सेवाएँ भी ध्वस्त होने की कगार पर हैं।

अब ब्रितानी सहायता एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में गज़ा की मानवीय परिस्थितियों का ज़िक्र करते हुए यूरोपीय संघ से अनुरोध किया है कि वे हमास गुट से चर्चा करें।

गज़ा के लोग खाद्य सहायता पर निर्भर करते हैं। एक लाख दस हज़ार लोग जो निजी क्षेत्रों में नौकरी कर रहे थे, उनमें से 75 हज़ार अपनी नौकरियाँ गँवा चुके हैं।

केयर इंटरनेशनल, यूके के ज्योफ़्री डेनिस का कहना है, "अब अगर घेरेबंदी ख़त्म नहीं हुई तो गज़ा को इस त्रासदी से वापस निकालना संभव नहीं होगा और वहाँ शांति की संभावना ख़त्म हो जाएगी।"

जनवरी के बाद से इसराइल ने गज़ा की घेरेबंदी और बढ़ा दी है।

पिछले हफ़्ते इसराइली फ़ौज ने उत्तरी गज़ा पर हमला किया था जिसमें कम से कम 120 लोगों की जानें गई थीं। हताहत होने वालों में कई नागरिक भी थे।

दूसरी ओर फ़लस्तीनी चरमपंथियों ने इसराइल पर रॉकेट हमले जारी रखे हैं। पिछले हफ़्ते दक्षिणी इसराइल के भीतर कर रॉकेट हमले किए गए।


गज़ा में इसराइली टैंक
गज़ा पर इसराइल ने पिछले हफ़्ते ही एक बड़ा हमला किया था

ब्रितानी एजेंसियों का कहना है कि इसराइल को यह अधिकार तो है कि वह अपने नागरिकों की रक्षा करे।
एजेंसियों ने दोनों ही पक्षों में अपील की है कि वे नागरिकों पर अवैधानिक हमले रोकें।

उन्होंने इसराइल से कहा है कि गज़ा के लोगों को भोजन, पीने का साफ़ पानी, बिजली और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने की अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करे।

एमनेस्टी, यूके के निदेशक केट एलन का कहना है, "गज़ा के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखकर उन्हें सज़ा देने को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता।"

उनका कहना है, "यह त्रासदी मानव निर्मित है और इसे बदलना चाहिए।"

एजेंसियों ने हमास और फ़तह दोनों ही गुटों से अपील की है कि वे इस त्रासदी को ख़त्म करने के लिए क़दम उठाएँ।

हमास गुट का गज़ा पर कब्ज़ा है और वह इसराइल को मान्यता देने से इनकार करता है। जबकि फ़तह गुट ने महमूद अब्बास के नेतृत्व में पश्चिमी तट पर नियंत्रण संभाल रखा है।

क्रिस्चन एड के दलीप मुखर्जी का कहना है, "गज़ा में तब तक शांति स्थापना नहीं हो सकती जब तक इसराइल, फ़तह और चौगुट (अमरीका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोप और रूस) मिलकर हमास से बात न करें और गज़ा के लोगों के भविष्य के प्रति आश्वस्त करें।"

लेकिन अपीलें काम नहीं आ रहीं हैं क्योंकि इस बीच इसराइली मंत्रिमंडल ने गज़ा की घेरेबंदी जारी रखने की अनुशंसा की है।

Monday, January 21, 2008

महमूद अब्बास की अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील

फ़लस्तीनी नेता महमूद अब्बास ने अरब देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे ग़ज़ा में ईंधन की आपूर्ति पर लगाए गए इसराइली प्रतिबंध के मामले में हस्तक्षेप करे।
इसराइली प्रतिबंध के कारण ग़ज़ा का एकमात्र बिजली केंद्र बंद हो चुका है और इसी कारण रविवार रात पूरा शहर अंधकार में डूब गया था।

इसके कारण केवल अस्पतालों और कारखानों को ही ऊर्जा नहीं मिल पा रही, बल्कि लाखों लोग भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
लेकिन इसराइल की सरकार का कहना है कि वह अपने 'नेशनल ग्रिड' से कुछ ऊर्जा ग़ज़ा के इलाक़े को उपलब्ध करा रहा है।
इसराइल का कहना था कि उसने ग़ज़ा की सीमा से आवाजाही और ग़ज़ा को ईंधन की आपूर्ति इसलिए बंद की थी क्योंकि इसराइल के ख़िलाफ़ वहाँ से लगातार रॉकेट हमले हो रहे थे।
कड़ाके की सर्दी

इससे पहले रविवार रात को हमास के नियंत्रण वाली ग़ज़ा पट्टी के एक मात्र बिजली उत्पादन केंद्र में ईंधन ख़त्म हो जाने के कारण उसे बंद करना पड़ा था।
ग़ज़ा
ग़ज़ा में बिजली के संकट को देखते हुए लोग मोमबत्तियाँ और बैटरियाँ ख़रीदने में जुटे

इसराइल के ग़ज़ा पट्टी की सीमा बंद करने के कारण ईंधन और ज़रूरी साज़ो-सामान की आपूर्ति बाधित हो गई थी।

रविवार को इसराइल ने कहा था कि ग़ज़ा पट्टी में पर्याप्त ईंधन मौजूद है।

जहाँ संयुक्त राष्ट्र ने ग़ज़ा के 15 लाख निवासियों के लिए संकट की घड़ी की चेतावनी दी थी वहीं रिपोर्टों के अनुसार शहर के लोग ज़्यादा से ज़्यादा मोमबत्तियाँ और बैटरियाँ ख़रीदने में जुटे हुए थे।

ग़ज़ा में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और बिजली की माँग अपने चरम पर है।