Showing posts with label लखनऊ में तोड़फोड़. Show all posts
Showing posts with label लखनऊ में तोड़फोड़. Show all posts

Thursday, June 19, 2008

लखनऊ के सहारा शहर में बड़ी तोड़फोड़ - 19 जून , 2008

उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर लखनऊ स्थित सहारा इंडिया के मुख्यालय सहारा शहर के एक हिस्से को बुधवार देर रात ध्वस्त कर दिया गया।
तोड़फोड़ की यह कार्रवाई गुरुवार को सुबह पाँच बजे तक चलती रही।
सुबह शहर ने देखा कि सड़क के किनारे 30 मीटर चौड़ाई में एक फर्लांग तक चहारदीवारी टूट गई है और इस दायरे में आने वाली इमारतों को गिरा दिया गया है।
समझा जाता है कि मुख्यमंत्री मायावती के आदेश पर ऐसा किया गया है।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सहरा समूह ने मास्टर प्लान के तहत छोड़ी गई 30 मीटर चौड़ी सड़क का अतिक्रमण कर उसे अपनी संपत्ति में मिला लिया था।
अधिकारियों का कहना है कि सड़क को अवैध क़ब्ज़े से मुक्त कराने के लिए ये कार्रवाई की गई है।
परिसर में मौजूद सहारा समूह के वकील ने सरकार की इस कार्रवाई को एकतरफ़ा बताया।

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिस पर गुरुवार को सुनवाई होने की उम्मीद है।

लखनऊ में सहारा परिवार की धाक रही है और लोग मानते रहे हैं कि उन्हें कोई छू नहीं सकता या उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लेकिन इस कार्रवाई ने उनकी धाक पर असर तो डाला ही है।


तोड़फोड़
बुधवार देर रात लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी लगभग एक दर्जन बुल्डोज़र और भारी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ गोमतीनगर के अभेद्द माने जाने वाले सहारा शहर परिसर पहुँचे।
पहले पूर्वी हिस्से की चहारदीवारी को तोड़ा गया फिर चहारदीवारी तोड़ कर अंदर दाख़िल हुए बुल्डोज़र निर्माण ढहाने के काम में लग गए।
रात में एक बड़े ऑडिटोरियम और एक गेस्ट हाउस को ध्वस्त किया गया।
इस ऑडिटोरियम में विदेशों से आयातित उपकरण लगाए गए थे और बहुत खर्च किया गया था.
इस तोड़फोड़ से करोड़ों की संपत्ति को नुक़सान पहुँचा है।


सहारा की दलील
सहारा समूह को वर्ष 1994 में इस इलाक़े में 270 एकड़ ज़मीन दी गई थी ।
सहारा समूह के वकील ने कहा, "ये ज़मीन विकास प्राधिकरण से ग्रीन बेल्ट और मनोरंजन पार्क बनाने के लिए लीज़ पर मिली थी। इस पर निर्माण कार्य बनाए रखने के लिए सहारा ने वर्ष 1997 में अदालत से स्थगन आदेश लिया हुआ है।"
जबकि सहारा के महाप्रबंधक बीएम त्रिपाठी का कहना है कि इस तोड़फोड़ से पहले सहारा को कोई नोटिस नहीं दिया गया।
उनका कहना था, "नियमानुसार हमें सुनवाई का एक मौक़ा तो दिया ही जाना चाहिए लेकिन वह भी हमें नहीं मिला।"
उन्होंने इस कार्रवाई को ग़ैरक़ानूनी बताया।

जानकारों का कहना है कि लखनऊ के सबसे महँगे गोमतीनगर में सहारा के क़ब्ज़े में 70 एकड़ ज़मीन मूलत: नगर निगम की है जिसे शुरु में सहारा समूह ने ग्रीन बेल्ट बनाने के लिए लाइसेंस पर लिया और बाद में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इसे अपने अधीन कर लिया।
कल्याण सिंह की अगुआई वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने सहारा परिसर में अतिक्रमण वाले इलाक़े को खाली कराने की कोशिश की थी लेकिन राजनीतिक दबाव में वो आगे नहीं बढ़ सके।
इसके बाद भाजपा और समाजवादी पार्टी की सरकार के साथ सहरा समूह के अच्छे रिश्ते रहे।
अब मुख्यमंत्री मायावती सहारा शहर से सटी ज़मीन पर अपना अपना ड्रीम प्रोजेक्ट अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल बना रही हैं ।

सहारा परिवार की समाजवादी पार्टी और भाजपा के नेताओं से निकटता रही है।
सहारा के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा ने मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी राजनीतिक क्षमताओं की तारीफ़ भी की थी लेकिन बहुजन समाज पार्टी से सहारा की निकटता अभी नहीं बन सकी है।