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Monday, June 23, 2008

परमाणु समझौते पर यूपीए और वाम दलों के बीच गतिरोध - जून 23 , 2008

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके नेता एम करुणानिधि ने कहा है कि भारत-अमरीका परमाणु समझौते को लेकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) और वामपंथी पार्टियों के बीच एकता में बाधा नहीं आनी चाहिए।
करुणानिधि ने ये बात सीपीएम नेता प्रकाश कारत और सीपीआई नेता डी राजा से इस मुद्दे पर रविवार को चेन्नई में बातचीत के बाद कही।

ग़ौरतलब है कि भारत-अमरीका परमाणु समझौते पर यूपीए और वाम दलों के बीच गतिरोध बरक़रार है और दोनों पक्ष अपने रुख़ पर अड़े हुए हैं।

करुणानिधि से मुलाक़ात के बाद प्रकाश कारत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने डीएमके नेता करुणानिधि को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर वामपंथी दल और बातचीत करेंगे।

प्रकाश कारत का कहना था कि वो करुणानिधि से फिर से मुलाक़ात करेंगे।

लंबी बातचीत
सीपीएम महासचिव का कहना था कि करुणानिधि के साथ लगभग 40 मिनट की बातचीत में उनसे कहा कि 'यूपीए-वामपंथी एकता टूटने से सांप्रदायिक ताकतों को लाभ होगा।'

प्रकाश कारत का कहना था,'' हम समझौते के ख़िलाफ़ हैं। हमने उन्हें अपने रुख़ से अवगत करा दिया है। यूपीए के वरिष्ठ नेता होने के नाते करुणानिधि इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ चर्चा करेंगे।''

उल्लेखनीय है कि करुणानिधि की पार्टी डीएमके, यूपीए का अहम हिस्सा है और पिछले साल भी परमाणु क़रार मुद्दे पर जब कांग्रेस और वामदलों के बीच गतिरोध उत्पन्न हुआ था तो करुणानिधि ने इसे हल करने में एक अहम भूमिका निभाई थी।

शनिवार को करुणानिधि ने चेन्नई में एक आम सभा के दौरान कहा था, " देशहित में ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम कांग्रेस और वामदलों के बीच उभरे मतभेदों को दूर करें।"

करुणानिधि ने कहा था कि वो इस गतिरोध को ख़त्म करने के लिए जल्द ही दिल्ली भी जायेंगे। ख़बरें हैं कि करुणानिधि इस सप्ताह दिल्ली आ सकते हैं।

वामदल पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि अगर सरकार समझौते पर अपने क़दम आगे बढ़ाती है तो वो सरकार के ख़िलाफ़ अपना मत देंगे।