मध्य श्रीलंका के दंबुला शहर में एक बस को निशाना बनाकर किए गए विस्फोट में कम से कम बीस लोग मारे गए हैं और पचास अन्य घायल हैं।
पुलिस का कहना है कि ये विस्फोट दंबुला के बस पड़ाव में हुआ। यात्री बस कैंडी से अनुराधापुरा जा रही थी और इस बस पड़ाव पर इसका ठहराव था।
ये विस्फोट सोमवार को श्रीलंका के साठवें स्वतंत्रता दिवस समारोहों से पहले हुआ है।
श्रीलंका सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर उदय नानायक्करा ने विस्फोट के लिए तमिल विद्रोहियों यानी एलटीटीई को ज़िम्मेदार ठहराया है।
हालाँकि तमिल विद्रोहियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस वर्ष जनवरी से ही श्रीलंका में कई तरह के बम धमाके हुए हैं।
श्रीलंका सेना और तमिल विद्रोहियों के बीच वर्ष 2002 में हुआ संघर्ष विराम समझौता जनवरी में ही औपचारिक रूप से ख़त्म हो चुका है।
कुछ दिनों पहले ही मन्नार में एक बस में भीषण बम विस्फोट हुआ था जिसमें कम से कम 18 लोग मारे गए थे।
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Saturday, February 2, 2008
Wednesday, January 16, 2008
बस धमाके में बीस से ज़्यादा मारे गए
श्रीलंका के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में एक बस में हुए ज़बर्दस्त विस्फोट में कम से कम 20 लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं।
इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि बस में कई बच्चे भी सवार थे।
श्रीलंकाई रक्षा मंत्रालय ने विस्फोट के लिए तमिल विद्रोही संगठन एलटीटीई को ज़िम्मेदार ठहराया है।
ये धमाका ऐसे समय में हुआ है जब श्रीलंका सरकार और तमिल विद्रोहियों के बीच छह वर्ष पहले हुआ संघर्ष विराम समझौता ख़त्म हो रहा है।
अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि विस्फोट के बाद लगभग 50 घायल लोगों को भर्ती कराया गया है।
एलटीटीई की तरफ़ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है। हालाँकि इससे पहले हुए धमाकों में हाथ होने से तमिल विद्रोही इनकार करते रहे हैं।
श्रीलंकाई सेना और एलटीटीई के बीच वर्ष 2002 में संघर्ष विराम समझौता हुआ था लेकिन पिछले वर्ष से दोनों पक्षों के बीच झड़पें तेज हो गईं थी।
इसे देखते हुए लगभग 15 दिन पहले श्रीलंका सरकार ने समझौते को रद्द करने का फ़ैसला किया जो बुधवार से लागू होगा।
श्रीलंका में अस्सी के दशक से जारी हिंसा में अब तक 70 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि बस में कई बच्चे भी सवार थे।
श्रीलंकाई रक्षा मंत्रालय ने विस्फोट के लिए तमिल विद्रोही संगठन एलटीटीई को ज़िम्मेदार ठहराया है।
ये धमाका ऐसे समय में हुआ है जब श्रीलंका सरकार और तमिल विद्रोहियों के बीच छह वर्ष पहले हुआ संघर्ष विराम समझौता ख़त्म हो रहा है।
अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि विस्फोट के बाद लगभग 50 घायल लोगों को भर्ती कराया गया है।
एलटीटीई की तरफ़ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है। हालाँकि इससे पहले हुए धमाकों में हाथ होने से तमिल विद्रोही इनकार करते रहे हैं।
श्रीलंकाई सेना और एलटीटीई के बीच वर्ष 2002 में संघर्ष विराम समझौता हुआ था लेकिन पिछले वर्ष से दोनों पक्षों के बीच झड़पें तेज हो गईं थी।
इसे देखते हुए लगभग 15 दिन पहले श्रीलंका सरकार ने समझौते को रद्द करने का फ़ैसला किया जो बुधवार से लागू होगा।
श्रीलंका में अस्सी के दशक से जारी हिंसा में अब तक 70 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
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