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Saturday, May 3, 2008

सरबजीत की फाँसी पर रोक लगी

पाकिस्तान सरकार ने भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की फाँसी पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। लाहौर जेल के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

पिछले दिनों सरबजीत के परिजन उनसे मिलने पाकिस्तान गए थे। दोनों देशों के कई मानवाधिकार संगठन और नेता सरबजीत की फाँसी की सज़ा माफ़ करने की माँग करते आए हैं।

बुधवार को भारतीय विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा था, "हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान सरकार सरबजीत सिंह की सज़ा माफ़ करे देगी और वो अपने घर वापस लौट सकेंगे।"

सरबजीत सिंह पर जासूसी और 1990 में कई बम धमाके करवाने का आरोप है जिसमें 14 लोग मारे गए थे।

उन पर लाहौर की एक अदालत में मुक़दमा चला और 1991 में उनको मौत की सज़ा सुना दी गई।

निचली अदालत की ये सज़ा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बहाल रखी।

सज़ा पर रोक

लाहौर की कोट लखपत जेल के अधीक्षक मलिक मुबाशिर अहमद ख़ान ने गृह मंत्रालय से मिले आदेश का हवाला देते हुए कहा, "भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगाई जाती है।"

इससे पूर्व दिल्ली में पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि सरबजीत की दया याचिका का मसला विचाराधीन है और वो इस बारे में अपनी ओर से हर संभव कोशिश करेंगी।

शेरी रहमान दिवंगत वरिष्ठ गांधीवादी निर्मला देशपांडे के अंतिम संस्कार में शामिल होने दिल्ली आई थीं।

Tuesday, March 11, 2008

लाहौर में दो धमाकों में 12 मारे गए, कई घायल

पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक बड़ा धमाका हुआ है और पुलिस के अनुसार कम से कम 12 लोगों के मारे जाने की ख़बर है।

लाहौर में ही एक और धमाका भी हुआ है लेकिन फ़िलहाल उसके बारे में विस्तृत जानकारी आ रही है।

पहला धमाका केंद्रीय पुलिस के कार्यालय की इमारत के पास हुआ है और इस घटना में अनेक लोग घायल भी हुए हैं।

इमारत में लगी आग

पाकिस्तान के सरकारी टीवी ने क्षतिग्रस्त इमारत और जलती हुई कारों की तस्वीरें दिंखाई हैं।

एक प्रत्यक्षदर्शी तारीक़ साईद ने समाचार एजेंसी रॉएटर्स को बताया, "इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त है और वहाँ से आग की लपटें उठ रही हैं। इमारत से शव निकाले जा रहे हैं और मैनें पाँच शवों को देखा है।"


इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त है और वहाँ से आग की लपटें उठ रही हैं। इमारत से शव निकाले जा रहे हैं और मैनें पाँच शवों को देखा है।

एक प्रत्यक्षदर्शी

ग़ौरतलब है कि पिछले हफ़्ते भी लाहौर में नौसेना के कॉलेज के पास हुए एक आत्मघाती हमले में चार लोग मारे गए थे और 14 घायल हुए थे।

महत्वपूर्ण है कि लाहौर में धमाके होना कोई आम बात नहीं है हालाँकि वहाँ इस साल जनवरी में हाई कोर्ट की इमारत के पास धमाका हुआ था जिसमें 19 लोग मारे गए थे।