भारतीय कंपनी टाटा मोटर्स बुधवार को अमरीकी कंपनी फ़ोर्ड के दो ब्रितानी ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर की ख़रीद की घोषणा कर सकती है।
इस संदर्भ में बातचीत और ख़रीद के दाम पर बातचीत का काम पूरा हो चुका है। बताया जा रहा है कि टाटा इन दोनों कंपनियों के लिए दो अरब अमरीकी डॉलर अदा कर रही है।
हालांकि सौदे की रक़म को लेकर भी कोई स्पष्ट जानकारी आधिकारिक तौर पर नहीं दी गई है और बुधवार को जब सौदे की घोषणा होगी तो लोगों की नज़र सौदे के लिए तय रक़म पर होगी।
व्यापार जगत के लोगों की नज़र इस बात पर भी होगी कि किन शर्तों पर टाटा इन ब्रांडों को ख़रीद रहा है।
जगुआर और लैंड रोवर मूल रूप से ब्रितानी कारें हैं जिसे अमरीकी ऑटोमोबाइल कंपनी फ़ोर्ड ने ख़रीद लिया था।
फ़ोर्ड ने अपनी इन दोनों कंपनियों को बेचने की मंशा जाहिर की थी जिसके बाद टाटा के साथ पिछले वर्ष जून से ही इस सौदे के संदर्भ में बातचीत चल रही थी।
टाटा का प्रभाव
टाटा मोटर्स का भारतीय बाज़ार में व्यापक प्रभाव है। टाटा का भारत के ट्रक बाज़ार के आधे से भी बड़े हिस्से पर कब्ज़ा है और साथ ही कार बाज़ार में भी 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
रतन टाटा
टाटा की भारतीय कार बाज़ार में 20 फ़ीसदी की हिस्सेदारी है
जगुआर और लैंड रोवर ब्रिटेन में लोकप्रिय और भरोसेमंद कारें मानी जाती हैं।
टाटा ने सबसे पहले अगस्त 2007 में कहा था कि वह इन कंपनियों को ख़रीदने में दिलचस्पी रखती है। हालाँकि इस सौदे में एक और निजी कंपनी- वन इक्विटी ने भी दिलचस्पी दिखाई थी।
एक अन्य भारतीय कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी ख़ुद को जगुआर और लैंड रोवर कंपनियों का एक संभावित ख़रीदार बताया था।
ग़ौरतलब है कि टाटा ने इसी वर्ष की शुरुआत में एक लाख की कार भारतीय बाज़ार में उतारने की घोषणा करके दुनियाभर के कार बाज़ार में खलबली मचा दी थी।
अब जगुआर और लैंड रोवर ख़रीदने के साथ ही टाटा की कार बाज़ार पर पकड़ और भी मज़बूत हो जाएगी।
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Wednesday, March 26, 2008
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