अमरनाथ मंदिर बोर्ड को दी गई ज़मीन वापस लेने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ जम्मू में प्रदर्शन तेज़ होने की आशंका है। कुछ इलाक़ों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है।
भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें अमरनाथ बोर्ड को ज़मीन देने के आदेश को निरस्त कर दिया गया।
ज़मीन आबंटन के ख़िलाफ़ कश्मीर घाटी में हिंसक प्रदर्शन हुए थे और पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की अगुआई वाली राज्य सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
वहीं दूसरी ओर हिंदू बहुल जम्मू क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जैसे संगठन राज्य सरकार के फ़ैसले का विरध कर रहे हैं।
इन संगठनों ने सोमवार से 72 घंटे के बंद का आह्वान किया था जिसका बुधवार को आख़िरी दिन है।
हिंसा
मंगलवार को जम्मू के कई इलाक़ों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं जिनमें बीस से ज़्यादा लोग घायल हो गए।
एक स्थान पर पुलिस को फ़ायरिंग करनी पड़ी जिसमें तीन लोग घायल हो गए। इनकी हालत नाज़ुक बनी हुई है।
स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है और प्रशासन ने कुछ संवेदनशील इलाक़ों में कर्फ़्यू लगा दिया है।
विहिप ने ज़मीन आबंटन वापस लेने के ख़िलाफ़ गुरुवार को देशव्यापी बंद की घोषणा की है।
उधर भाजपा अपने कुछ नेताओं को जम्मू भेज रही है।
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Wednesday, July 2, 2008
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