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Saturday, April 19, 2008

'नेपाल नरेश जनादेश का सम्मान करें'

'नेपाल नरेश जनादेश का सम्मान करें'
प्रचंड
माओवादी स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं
नेपाल में माओवादी नेता प्रचंड ने कहा है कि वो नेपाल नरेश से मिलना चाहते हैं ताकि उन्हें सत्ता से दूर रहने के लिए राज़ी किया जा सके।

संविधान सभा के चुनावों में पुष्प कमल दहल उर्फ़ प्रचंड की अगुआई वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है।

प्रचंड ने कहा कि वो नरेश से मिलने के लिए ख़ुद पहल करेंगे। माओवादी लगभग एक दशक तक हिंसक आंदोलन चलाने के बाद वर्ष 2006 में मुख्य धारा में शामिल हो गए थे।

प्रचंड ने नेपाल नरेश के बारे में कहा, "उन्हें जनादेश को समझना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए और ख़ुद राजभवन को खाली कर देना चाहिए।"

वो कहते हैं, "इतिहास देखें तो राजाओं की हत्या तक कर दी गई है और उन्हें भागना पड़ा है। कृपया उसकी पुनरावृत्ति नेपाल में न होने दें।"

परिणाम

इससे पहले माओवादियों के दूसरे प्रमुख नेता और प्रधानमंत्री पद के दावेदार समझे जा रहे बाबूराम भट्टाराई ने कहा था कि संविधान सभा की पहली बैठक में ही नेपाल को गणतांत्रिक राष्ट्र घोषित कर दिया जाएगा।

उन्हें जनादेश को समझना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए और ख़ुद राजभवन को खाली कर देना चाहिए

प्रचंड

संविधान सभा के चुनावों के अंतिम परिणाम अगले हफ़्ते तक आने की उम्मीद है।

चुनावों में माओवादियों की जीत से कई विश्लेषक भी आश्चर्यचकित रह गए। प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली के तहत 240 सीटों में से आधी सीटें माओवादियों के खाते में जाने के संकेत मिल रहे हैं।

लेकिन 355 सीटों पर समानुपातिक पद्धति से चुनाव होने हैं और विश्लेषकों के मुताबिक इसमें माओवादियों को बहुत ज़्यादा सीटें मिलने की संभावना नहीं है।

इसके बाद 28 सदस्यों को सरकार नामित करेगी।

Saturday, April 12, 2008

माओवादी नेता प्रचंड जीत के क़रीब

नेपाल में संविधान सभा के गठन के लिए हुए चुनावों की मतगणना में माओवादी लगातार बढ़त बनाए हुए हैं। नेपाली कांग्रेस और अन्य दलों को झटका लगा है।

अभी तक पाँच सीटों के नतीजे घोषित किए गए हैं जिनमें तीन नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के पक्ष में गए हैं।

एक-एक सीटों पर नेपाली कांग्रेस और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (यूनाइटेड मार्क्सवादी लेनिनवादी) यानी सीपीएन (यूएमएल) के पक्ष में गए हैं।

जिन 70 सीटों के रूझान मिले हैं उनमें से 48 सीटों पर माओवादियों ने बढ़त बनाई हुई है।

मतगणना की रफ़्तार धीमी है क्योंकि कुछ एक सीटों को छोड़ कर शेष सीटों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग नहीं हुआ है, इसलिए मतपत्रों को गणना में समय लग रहा है।

लेकिन अब तक मिले रुझानों से माओवादी खेमे में जश्न का माहौल है और उनके हज़ारों समर्थक सड़कों पर निकल आए हैं।

समीकरण

पार्टी के चैयरमैन पुष्पकमल दहल यानी प्रचंड ने काठमांडू क्षेत्र नंबर 10 में निर्णायक बढ़त बना ली है और उनकी जीत तय मानी जा रही है।

जबकि सीपीएन (यूएमएल) के नेता माधव नेपाल पिछड़ गए हैं। माओवादियों के बाद नेपाली कांग्रेस दूसरे नंबर पर है।

उनके उम्मीदवार प्रकाशमान सिंह चुनाव जीत गए हैं।

अभी तक के रुझानों को देखा जाए तो सबसे तगड़ा झटका नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) को लगा है। उनके एक बड़े नेता प्रदीप नेपाल चुनाव हार चुके हैं।

लोगों का कहना है कि चुनाव प्रचार में माओवादियों ने बड़े ही सीधे शब्दों में जनता के सामने अपना एजेंडा रखा जिसका फ़ायदा उन्हें मिल रहा है।

दूसरी ओर अन्य पार्टियाँ कभी न कभी सत्ता का स्वाद चख चुकी हैं। पर्यवेक्षकों की राय में उन्हें अवसरवादी समझा जा रहा है।

राजधानी काठमांडू में एक माओवादी समर्थक का कहना था, "उन्होंने जनता के लिए काम किया है। दस साल से संघर्ष करते आए हैं, न पानी पीया और न ठीक से खाना खाया। इसका फ़ायदा तो मिलेगा ही।"

प्रणाली

इस चुनाव मे 240 सीटों पर प्रत्यक्ष चुनाव और 335 सीटों के लिए समानुपातिक पद्धति से चुनाव हुआ है, जिसमें मतदाता को उम्मीदवार को न चुनकर पार्टी को चुनना था।


ग्रामीण इलाक़ों के रुझान आने शुरू नहीं हुए हैं

अब जिस तरह के रूझान प्रत्यक्ष चुनावों के आ रहे हैं, उनसे ऐसा लग रहा है कि माओवादियों को समानुपातिक चुनाव मे काफ़ी फ़ायदा हो सकता है। इसका कारण बताया जा रहा है कि जहाँ उनका परंपरागत आधार नहीं है वहाँ अगर वो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं तो उनके गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों मे उन्हें एकतरफ़ा बढ़त मिल सकती है।

हालाँकि अब तक माओवादियों के साथ सरकार में शामिल थे पर उनका कहना है कि संविधानसभा में माओवादियों के बहुमत की स्थिति में देश में लोकतंत्र स्थापित करने के संयुक्त प्रयास को झटका लग सकता है क्योंकि माओवादी मिलजुल कर काम करने के आदी नही हैं।

उधर नेपाली कांग्रेस के नेता भी चुनाव परिणामों को हैरान करने वाला बता रहे हैं। हालाँकि ये नेता अभी हार स्वीकार नही कर रहे हैं, पर दबी ज़ुबान मे मान रहे हैं कि उनके कई धुरधंर भी ख़तरे मे हैं।

हालाँकि चुनाव परिणाम पूरी तरह सामने आने में कई दिन लग सकते हैं क्योंकि नेपाल के कई दुर्गम इलाके़ ऐसे हैं जहाँ मतगणना अभी शुरू ही हुई है वहाँ से तस्वीर साफ़ होने मे समय लगेगा, पर तराई और राजधानी काठमांडू मे कल तक तस्वीर काफ़ी हद तक साफ़ हो जाएगी और कई परिणाम सामने आ सकते हैं।

Friday, February 8, 2008

किडनी कांड: मुख्य अभियुक्त काठमांडू में

गुरुवार को गिरफ़्तार किए गए किडनी कांड के मुख्य अभियुक्त अमित कुमार को नेपाल की राजधानी काठमांडू लाया गया है।

वहाँ नेपाल पुलिस के आला अधिकारियों और नेपाली गृहमंत्रालय के अधिकिरियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक चल रही है।

अधिकारियों का कहना है कि इस बैठक में इस बात पर चर्चा चल रही है कि डॉक्टर अमित कुमार को सीधे भारत को सौंप दिया जाए या फिर उन्हें नेपाल में ही रखकर नेपाल में किडनी कांड से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की जाए।

चूंकि नेपाल में भी ग़रीबों की किडनी निकालने की ख़बरें मिली हैं और एक गाँव तो ऐसा मिला है जहाँ हर परिवार से कम से कम एक व्यक्ति की किडनी निकाल ली गई है।
काठमांडू से वरिष्ठ पत्रकार युवराज घिमिरे का कहना है कि कुछ अधिकारियों का मानना है कि अभी डॉक्टर अमित कुमार को काठमांडू में रखा जाए और भारत को प्रत्यार्पण की औपचारिकताएँ पूरी करने को कहा जाए।

उनका कहना है कि डॉक्टर अमित कुमार की गिरफ़्तारी के तुरंत बाद भारतीय दूतावास को ख़बर दे दी गई थी और दूतावास के अधिकारी लगातार नेपाली अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं।

ख़बर है कि भारत से एक दल शुक्रवार को काठमांडू पहुँच रहा है।

मुरादाबाद पुलिस को भी तलाश

रामदत्त त्रिपाठी का कहना है कि किडनी कांड के मुख्य अभियुक्त के पकड़े जाने के बाद से मुरादाबाद पुलिस भी सक्रिय हो गई है।

अधिकारियों का कहना है कि उन्हें भी दो मामलों में डॉक्टर अमित की तलाश है और वे भारत सरकार के ज़रिए डॉक्टर अमित को उन्हें सौंपे जाने का अनुरोध कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि किडनी चोरी के मामले का भांडा मुरादाबाद से ही फूटा था जब वहाँ दो व्यक्तियों ने किडनी के बदले पूरे पैसे न मिलने की शिकायत पुलिस से की थी।

इस शिकायत के बाद मुरादाबाद पुलिस ने छापे मारे थे।

फ़िलहाल एक डॉक्टर और एक नेपाली ड्राइवर मुरादाबाद पुलिस हिरासत में है और उनसे पूछताछ की जा रही है। गिरफ़्तारी

डॉक्टर अमित कुमार को गुरुवार को नेपाल में गिरफ़्तार किया गया। नेपाल के गृह राज्यमंत्री राम कुमार चौधरी ने इसकी पुष्टि कर दी थी।

एक पीड़ित शकील अहमद अपने माता-पिता के साथ
किडनी चोरी के शिकार कई लोग अब शिकायतें लेकर सामने आ रहे हैं

नेपाल पुलिस की एक विशेष टीम ने डॉक्टर अमित कुमार को दक्षिणी नेपाल के सौराहा शहर से गिरफ़्तार किया था।

जिस इलाक़े से डॉक्टर अमित कुमार को गिरफ़्तार किया गया है, वो इलाक़ा भारतीय सीमा से सटा हुआ है, जो बिहार के रक्सौल शहर से 60 किलोमीटर दूर है।

राम कुमार चौधरी ने बताया है कि डॉक्ट अमित के पास से एक लाख 45 हजार डॉलर और 936 यूरो का ड्राफ्ट बरामद हुआ है।

नेपाली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ़्तारी के बाद डॉक्टर अमित कुमार ने उन्हें 20 लाख रुपयों की रिश्वत देने की कोशिश की जिससे कि उन्हें छोड़ दिया जाए।
मामला

जनवरी के आख़िरी सप्ताह में दिल्ली से सटे गुड़गाँव स्थित एक घर पर पुलिस ने छापा मारा था जहाँ से ग़ैर-क़ानूनी तरीके से गुर्दा प्रतिरोपण का धंधा चल रहा था।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़ सैकड़ों ग़रीब मज़दूरों को बहला-फुसला कर गुर्दा बेचने के लिए राज़ी किया जाता था। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में कई लोगों को गिरफ़्तार किया था।

जो लोग अपनी गुर्दा निकलवाने के लिए तैयार हो जाते थे उनमें से अधिकतर ग़रीब तबके के मज़दूर होते थे।

इन मज़दूरों को गुर्दा निकलवाने के लिए 50 हज़ार से लेकर एक लाख रूपए तक दिए जाते थे लेकिन जिन लोगों को किडनी प्रत्यर्पित की जाती थी उनसे 10 लाख से 18 लाख रुपए तक वसूले जाते थे।

पुलिस जाँच में यह भी पता चला कि हरियाणा को केंद्र बनाकर किए जा रहे इस अपराध की जड़ें भारत के कई राज्यों और दुनिया के कई देशों में फैली हुई हैं।

लेकिन इस कांड के प्रमुख अभियुक्त डॉक्टर अमित कुमार फ़रार हो गए थे। बाद में हरियाणा सरकार ने इस मामले की जाँच सीबीआई से कराने की सिफ़ारिश की थी और डॉक्टर अमित की गिरफ़्तारी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलर्ट जारी किया गया था।

मानव अंगों की ख़रीद-फ़रोख़्त पर भारत में क़ानूनी प्रतिबंध है लेकिन फिर भी कई ग़रीब लोग प्रतिरोपण के लिए तैयार ग्राहकों को गुर्दा बेचते रहे हैं। इनमें कई विदेशी ग्राहक भी शामिल हैं।