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Saturday, January 17, 2009

गज़ा मामले पर दोहा में बैठक - जनवरी 17, 2009

हिन्दी रूपांतरण:

क़तर की राजधानी दोहा में गज़ा संकट पर बुलायी गयी एक क्षेत्रीय बैठक में भाग लेने के लिए फ़लीस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास और इस्लामी जेहाद के प्रतिनिधि भी गए हैंनिर्वासित हमास नेता खालेद मेशाल की विदेश मंत्रियों से मुलाक़ात का मिस्र, सऊदी अरब और फ़लिस्तानी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने विरोध किया है. अरब लीग के प्रमुख अम्र मूसा ने कुवैत में पत्रकारों को बताया कि अरब के हालात पेचीदा हैं. गज़ा पर 21 दिनों से ज़ारी इज़रायली हमले में एक हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए हैं. हमास के रॉकेट हमलों ने 13 इज़रायलियों की जानें ली हैं. हमास ने पहले कहा था कि वो साल भर का युद्धविराम करने को राज़ी है बशर्ते इज़रायल एक सप्ताह में गज़ा से अपनी सेना हटा ले और सीमाओं में आवाजाही खोल दे. इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने रामल्ला में फलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात के बाद कहा कि हमास और इज़रायल के बीच समझौता अब होने ही वाला है. और इस मारकाट को हर हाल में रोकना ही होगा. उधर जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर श्टायनमायर भी बीचबचाव की कोशिशों के लिए मिस्र में हैं. लेकिन इज़रायल ने अपने पक्ष में समर्थन को पक्का करने के लिए विदेशमंत्री त्ज़िपी लिवनी को अमेरिका भेजा है.

English Translation:

About 12 to 13 Arab leaders opened an emergency summit on Friday afternoon as scheduled in the Qatari capital Doha, despite it did not reach the quorum of two thirds of the 22-member Arab League to hold such a summit with regional heavyweights Egypt and Saudi Arabia refusing to attend.It also lashed out at the continuation of the Israeli attacks on the Palestinian enclave despite UN Resolution 1860 and mounting international pressures, vowing to hold those responsible for war crimes under international law. Since Israel launched its military operation in Gaza on Dec. 27,2008, more than 1,148 Palestinians have been killed and some 5,200others wounded, according to Gaza emergency chief Mo'aweya Hassanein.
Speaking at the Doha summit meeting, Damascus-based Hamas exile top leader Khaled Meshaal vowed that his movement would not accept Israel’s conditions for a ceasefire in Gaza. On behalf of the whole Palestinian people, Meshaal extended appreciation to the people in Gaza who resist the aggression, vowing that it is unacceptable for Gaza to be sieged and blockaded.

He also urged the emir of Qatar to set up a fund to help the Palestinians in Gaza.
Syrian President Bashar al-Assad also spoke at the meeting, urging that Arab nations should cut ties with Israel which has been pounding the Palestinian enclave of Gaza since Dec. 27.

Friday, March 7, 2008

इसराइली स्कूल में आठ लोगों की हत्या

एक फ़लस्तीनी बंदूकधारी ने पश्चिमी यरुशलम स्थित एक यहूदी धार्मिक स्कूल में घुसकर कम से कम से आठ लोगों की हत्या कर दी है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि एक बंदूकधारी रात के खाने के वक्त डाइनिंग हॉल में घुसा और उसने गोलीबारी शुरू कर दी।

उस समय वहाँ खासी भीड़भाड़ थी और लगभग 80 लोग जमा थे।

इस गोलीबारी में कम से कम 30 लोग घायल भी हुए हैं। ख़बरों के अनुसार गोली चलानेवाले को सुरक्षाबलों ने मार दिया है।

ये स्कूल यहूदी धार्मिक अध्ययन के लिए जाना जाता है और यहाँ 18 से 30 साल की उम्र के छात्र अध्ययन करते हैं।

हमले के बाद इसराइली सरकार पर जनता का जवाबी कार्रवाई के लिए भारी दबाव है। लेकिन वह कब और कैसे कार्रवाई करेगा, इसका अंदाज़ नहीं है।

घातक हमला

पिछले कुछ वर्षों में इसराइल पर ये सबसे गंभीर हमला माना जा रहा है। यरुशलम पर सन् 2007 से कोई हमला नहीं हुआ था।


धार्मिक स्कूल पर हमला
पिछले कुछ वर्षों में इसराइल पर ये सबसे गंभीर हमला माना जा रहा है

इस हमले की ख़बर के बाद ग़ज़ा में हवाई फ़ायर कर खुशी मनाई गई।

लेबनान के हिज़बुल्ला नियंत्रित टीवी चैनल ने ख़बर दी है कि इस गोलीबारी के पीछे 'जलील फ्रीडम बटालियंस' नामक संगठन है।

इधर फ़लस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास ने इस हमले की प्रशंसा की है लेकिन इसकी ज़िम्मेदारी नहीं ली है।

हमास का कहना था कि ग़ज़ा पर इसराइली हमले के विरोध में ये फ़लस्तीनियों की चेतावनी है।

दूसरी ओर फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस हमले की निंदा की है।

उल्लेखनीय है कि जनवरी के बाद से इसराइल ने ग़ज़ा की घेराबंदी और बढ़ा दी है।

पिछले हफ़्ते इसराइली फ़ौज ने उत्तरी ग़ज़ा पर हमला किया था जिसमें कम से कम 120 लोगों की जानें गई थीं। हताहत होने वालों में कई नागरिक भी थे।

दूसरी ओर फ़लस्तीनी चरमपंथियों ने इसराइल पर रॉकेट हमले जारी रखे हैं। पिछले हफ़्ते दक्षिणी इसराइल के भीतर कर रॉकेट हमले किए गए।

Thursday, March 6, 2008

'गज़ा में मानवीय परिस्थितियाँ बदतर'

ब्रिटेन की सहायता एजेंसियों का कहना है कि गज़ा में 1967 में इसराइली कब्ज़े के बाद से अब तक की सबसे ख़राब मानवीय परिस्थितियाँ हैं।

ब्रिटेन की इन एजेंसियों ने वहाँ रह रहे 15 लाख फ़लस्तिनियों के अनुभवों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है।
इस एजेंसियों में एमनेस्टी इंटरनेशनल, सेव द चिल्ड्रन, ऑक्सफ़ैम और क्रिस्चन एड शामिल हैं।

सहायता एजेंसियों ने कहा है कि इसराइल ने गज़ा पर जो प्रतिबंध लगा रखे हैं वह अवैधानिक सामूहिक सज़ा है जो सुरक्षा भी प्रदान नहीं कर पा रही है।

दूसरी ओर इसराइल का कहना है कि उसकी सैन्य कार्रवाई और दूसरे क़दम क़ानूनी और जायज़ हैं और इसराइल पर रॉकेट हमले रोकने के लिए ज़रुरी भी हैं।

त्रासदी

इसराइल ने गज़ा पर लगाए गए प्रतिबंधों को और सख़्त कर दिया था जब पिछले साल जून में हमास गुट ने इलाक़े पर कब्ज़ा कर लिया था।
गज़ा के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखकर उन्हें सज़ा देने को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता

केट एलन, एमनेस्टी, यूके

संयुक्त राष्ट्र कई बार चेतावनी दी है कि इसराइल ने जो घेरेबंदी कर रखी है उसके चलते गज़ा में आवश्यक सेवाएँ भी ध्वस्त होने की कगार पर हैं।

अब ब्रितानी सहायता एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में गज़ा की मानवीय परिस्थितियों का ज़िक्र करते हुए यूरोपीय संघ से अनुरोध किया है कि वे हमास गुट से चर्चा करें।

गज़ा के लोग खाद्य सहायता पर निर्भर करते हैं। एक लाख दस हज़ार लोग जो निजी क्षेत्रों में नौकरी कर रहे थे, उनमें से 75 हज़ार अपनी नौकरियाँ गँवा चुके हैं।

केयर इंटरनेशनल, यूके के ज्योफ़्री डेनिस का कहना है, "अब अगर घेरेबंदी ख़त्म नहीं हुई तो गज़ा को इस त्रासदी से वापस निकालना संभव नहीं होगा और वहाँ शांति की संभावना ख़त्म हो जाएगी।"

जनवरी के बाद से इसराइल ने गज़ा की घेरेबंदी और बढ़ा दी है।

पिछले हफ़्ते इसराइली फ़ौज ने उत्तरी गज़ा पर हमला किया था जिसमें कम से कम 120 लोगों की जानें गई थीं। हताहत होने वालों में कई नागरिक भी थे।

दूसरी ओर फ़लस्तीनी चरमपंथियों ने इसराइल पर रॉकेट हमले जारी रखे हैं। पिछले हफ़्ते दक्षिणी इसराइल के भीतर कर रॉकेट हमले किए गए।


गज़ा में इसराइली टैंक
गज़ा पर इसराइल ने पिछले हफ़्ते ही एक बड़ा हमला किया था

ब्रितानी एजेंसियों का कहना है कि इसराइल को यह अधिकार तो है कि वह अपने नागरिकों की रक्षा करे।
एजेंसियों ने दोनों ही पक्षों में अपील की है कि वे नागरिकों पर अवैधानिक हमले रोकें।

उन्होंने इसराइल से कहा है कि गज़ा के लोगों को भोजन, पीने का साफ़ पानी, बिजली और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने की अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करे।

एमनेस्टी, यूके के निदेशक केट एलन का कहना है, "गज़ा के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखकर उन्हें सज़ा देने को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता।"

उनका कहना है, "यह त्रासदी मानव निर्मित है और इसे बदलना चाहिए।"

एजेंसियों ने हमास और फ़तह दोनों ही गुटों से अपील की है कि वे इस त्रासदी को ख़त्म करने के लिए क़दम उठाएँ।

हमास गुट का गज़ा पर कब्ज़ा है और वह इसराइल को मान्यता देने से इनकार करता है। जबकि फ़तह गुट ने महमूद अब्बास के नेतृत्व में पश्चिमी तट पर नियंत्रण संभाल रखा है।

क्रिस्चन एड के दलीप मुखर्जी का कहना है, "गज़ा में तब तक शांति स्थापना नहीं हो सकती जब तक इसराइल, फ़तह और चौगुट (अमरीका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोप और रूस) मिलकर हमास से बात न करें और गज़ा के लोगों के भविष्य के प्रति आश्वस्त करें।"

लेकिन अपीलें काम नहीं आ रहीं हैं क्योंकि इस बीच इसराइली मंत्रिमंडल ने गज़ा की घेरेबंदी जारी रखने की अनुशंसा की है।