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Monday, March 3, 2008

रूस में मेदवेदेव की जीत

रूस में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों में मौजूदा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समर्थित उपप्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव को जीत हासिल हुई है। रविवार को हुए मतदान में 68 प्रतिशत मतदाताओं ने भाग लिया और मेदवेदेव को उनमें से लगभग 70 प्रतिशत मत मिले।

रविवार को हुए चुनावों में लगभग 68 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया था।

उनके प्रतिद्वंद्वी कम्युनिस्ट पार्टी के गेनादी ज़ुगानोव को लगभग 20 प्रतिशत मत मिले हैं। रूसी समाचार एजेंसी इतर-तास के मुताबिक ज़ुगानोव ने कहा है कि चुनाव में धाँधली हुई है और वे न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाएँगे।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मेदवेदेव को अपने उत्तराधिकारी की तौर पर समर्थन दिया था।

'पुतिन की नीतियाँ जारी रहेंगी'

मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन और मेदवेदेव साथ-साथ नज़र आए। मेदवेदेव ने कहा कि वे अपनी नीतियाँ में राष्ट्रपति पुतिन के दिखाए रास्ते का अनुसरण करेंगे।

मेदवेदेव का अब तक का सफ़र....

उन्होंने कहा कि वे अपनी सरकार राष्ट्रपति पुतिन के सहयोग के बनाएँगे और उसमें पुतिन प्रधानमंत्री होंगे।
मेदवेदेव ने कहा कि जब वे राष्ट्रपति बनेंगे तो उनकी विदेश नीति सभी क़ानूनी तरीकों से रूस के हितों की रक्षा करने पर केंद्रित होगी।


मेदवेदेव
रूस के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मेदवेदेव ने कहा कि पुतिन उनकी सरकार में प्रधानमंत्री होंगे

रूस के स्वतंत्र निरीक्षक दल (गोलोस) ने देश में हुए मतदान की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि कुछ इलाक़ो में जितना ज़्यादा मतदान हुआ है वह असंभव प्रतीत होता है।

नहीं लड़ सकते थे पुतिन

मॉस्को के रेड स्क्वेयर में दोनो नेता साथ-साथ दिखाई दिए और राष्ट्रपति पुतिन ने मेदवेदेव को बधाई दी।

पुतिन पिछले आठ साल से राष्ट्रपति हैं और संविधान के अनुसार वे तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते थे।

लेकिन वे मेदवेदेव के प्रधानमंत्री बनने पर राज़ी हो गए हैं।

संवाददाताओं के मुताबिक चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए कई तरह के प्रलोभन दिए गए जिनमें सस्ते खाद्य पदार्थ, मुफ्त सिनेमा टिकट, खिलौने इत्यादी शामिल थे।

महत्वपूर्ण है कि पश्चिमी देशों के पर्यवेक्षकों की ओर से रूस के राष्ट्रपति चुनावों का ख़ास निरीक्षण नहीं हुआ है और अनेक पर्यवेक्षक चुनावों से दूर ही रहे हैं।