Showing posts with label विकास यादव. Show all posts
Showing posts with label विकास यादव. Show all posts

Friday, May 30, 2008

नितीश हत्याकांड: सज़ा पर फ़ैसला संभव

दिल्ली की स्थानीय अदालत आज नितीश कटारा हत्याकांड के दोषियों को सज़ा सुना सकती है। इस मामले में विकास और विशाल यादव को दोषी पाया गया था।

छह साल पहले नीतिश कटारा की हत्या कर दी गई थी और हत्या का आरोप विकास यादव और उनके चचेरे भाई विशाल यादव पर लगा था।

ये मामला इसलिए सुर्खियों में आया क्योंकि विकास यादव उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव के बेटे हैं और नितीश कटारा एक आईएएस अधिकारी के बेटे थे।


शुक्रवार को सज़ा सुनाए जाने की संभावना कम है क्योंकि दोपहर बाद दो बज़े ये मामला अदालत के समक्ष आएगा और सज़ा पर बहस भी होगी। इसलिए हो सकता है कि फ़ैसला शनिवार या सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया जाए।

नीलम कटारा

डीपी यादव ने अपने बेटे और भतीजे को सज़ा सुनाए जाने के बाद कहा था कि वो इस फ़ैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे।

दूसरी ओर नितीश कटारा की माँ नीलम कटारा का कहना था, "बचाव पक्ष को ऊपरी अदालत में जाने का अधिकार है, इससे मैं इनकार नहीं करती हूँ। लेकिन मैं थोड़े बैठी रहूंगी। वहाँ भी न्याय के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी।"

हालाँकि बीबीसी संवाददाता सुशीला सिंह से बातचीत में उन्होंने कहा, "शुक्रवार को सज़ा सुनाए जाने की संभावना कम है क्योंकि दोपहर बाद दो बज़े ये मामला अदालत के समक्ष आएगा और सज़ा पर बहस भी होगी। इसलिए हो सकता है कि फ़ैसला शनिवार या सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया जाए।"

लंबी सुनवाई

छह साल पुराने इस मामले की सुनवाई के दौरान सैकड़ों तारीखें पड़ीं और मामला मीडिया की सुर्खियों में रहा।

नीलम कटारा
नीलम कटारा ने फ़ैसले के बाद कहा कि न्याय की जीत हुई

इस मामले में अभियोजन पक्ष ने कुल 42 गवाह पेश किए।

शुरुआत में इस मामले की सुनवाई ग़ाज़ियाबाद की अदालत में चल रही थी लेकिन बाद में नितीश कटारा के परिवार के अनुरोध पर ये मामला दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।

पुलिस का कहना था कि 16-17 फरवरी, 2002 की रात नितीश कटारा का ग़ाज़ियाबाद से अपहरण किया गया था और फिर उनकी हत्या कर दी गई।

इस मामले में विकास यादव और विशाल यादव को अभियुक्त बनाया गया था।

अभियोजन पक्ष का कहना था कि विकास यादव और विशाल यादव ने नितीश कटारा की इसलिए हत्या की थी क्योंकि उन्हें अपनी बहन भारती यादव से उसकी दोस्ती पसंद नहीं थी।

अभियुक्त विकास यादव और विशाल यादव ने अपने आपको बेक़सूर बताया था।

उनका कहना था कि पुलिस ने ग़लत तरीके से उन्हें फंसाया और उन्होंने पुलिस के सामने कोई बयान नहीं दिया था।

विकास यादव का कहना था कि उसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण फंसाया गया है।