Showing posts with label देश विदेश की खबरें. Show all posts
Showing posts with label देश विदेश की खबरें. Show all posts

Monday, January 21, 2008

महमूद अब्बास की अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील

फ़लस्तीनी नेता महमूद अब्बास ने अरब देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे ग़ज़ा में ईंधन की आपूर्ति पर लगाए गए इसराइली प्रतिबंध के मामले में हस्तक्षेप करे।
इसराइली प्रतिबंध के कारण ग़ज़ा का एकमात्र बिजली केंद्र बंद हो चुका है और इसी कारण रविवार रात पूरा शहर अंधकार में डूब गया था।

इसके कारण केवल अस्पतालों और कारखानों को ही ऊर्जा नहीं मिल पा रही, बल्कि लाखों लोग भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
लेकिन इसराइल की सरकार का कहना है कि वह अपने 'नेशनल ग्रिड' से कुछ ऊर्जा ग़ज़ा के इलाक़े को उपलब्ध करा रहा है।
इसराइल का कहना था कि उसने ग़ज़ा की सीमा से आवाजाही और ग़ज़ा को ईंधन की आपूर्ति इसलिए बंद की थी क्योंकि इसराइल के ख़िलाफ़ वहाँ से लगातार रॉकेट हमले हो रहे थे।
कड़ाके की सर्दी

इससे पहले रविवार रात को हमास के नियंत्रण वाली ग़ज़ा पट्टी के एक मात्र बिजली उत्पादन केंद्र में ईंधन ख़त्म हो जाने के कारण उसे बंद करना पड़ा था।
ग़ज़ा
ग़ज़ा में बिजली के संकट को देखते हुए लोग मोमबत्तियाँ और बैटरियाँ ख़रीदने में जुटे

इसराइल के ग़ज़ा पट्टी की सीमा बंद करने के कारण ईंधन और ज़रूरी साज़ो-सामान की आपूर्ति बाधित हो गई थी।

रविवार को इसराइल ने कहा था कि ग़ज़ा पट्टी में पर्याप्त ईंधन मौजूद है।

जहाँ संयुक्त राष्ट्र ने ग़ज़ा के 15 लाख निवासियों के लिए संकट की घड़ी की चेतावनी दी थी वहीं रिपोर्टों के अनुसार शहर के लोग ज़्यादा से ज़्यादा मोमबत्तियाँ और बैटरियाँ ख़रीदने में जुटे हुए थे।

ग़ज़ा में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और बिजली की माँग अपने चरम पर है।

Wednesday, January 16, 2008

बस धमाके में बीस से ज़्यादा मारे गए

श्रीलंका के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में एक बस में हुए ज़बर्दस्त विस्फोट में कम से कम 20 लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं।

इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि बस में कई बच्चे भी सवार थे।

श्रीलंकाई रक्षा मंत्रालय ने विस्फोट के लिए तमिल विद्रोही संगठन एलटीटीई को ज़िम्मेदार ठहराया है।

ये धमाका ऐसे समय में हुआ है जब श्रीलंका सरकार और तमिल विद्रोहियों के बीच छह वर्ष पहले हुआ संघर्ष विराम समझौता ख़त्म हो रहा है।

अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि विस्फोट के बाद लगभग 50 घायल लोगों को भर्ती कराया गया है।

एलटीटीई की तरफ़ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है। हालाँकि इससे पहले हुए धमाकों में हाथ होने से तमिल विद्रोही इनकार करते रहे हैं।

श्रीलंकाई सेना और एलटीटीई के बीच वर्ष 2002 में संघर्ष विराम समझौता हुआ था लेकिन पिछले वर्ष से दोनों पक्षों के बीच झड़पें तेज हो गईं थी।

इसे देखते हुए लगभग 15 दिन पहले श्रीलंका सरकार ने समझौते को रद्द करने का फ़ैसला किया जो बुधवार से लागू होगा।

श्रीलंका में अस्सी के दशक से जारी हिंसा में अब तक 70 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं।