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Monday, March 9, 2009

पाकिस्तान ने कहा की भारत सवालो के जवाब जल्दी दे - मार्च 9, 2009

हिन्दी अनुवाद:

पाकिस्तान ने भारत से कहा है कि मुंबई हमलों की जाँच के सिलसिले में वह जल्द से जल्द पूछे गए तीस सवालों के जवाब भेजे पाकिस्तान का कहना है कि जिन संदिग्ध लोगों को वहाँ हिरासत में रखा गया है उनकी हिरासत की अवधि ख़त्म होने में केवल 13 दिन ही बाक़ी हैं

मुंबई में नवंबर में हुए हमलों में 170 से अधिक लोग मारे गए थे और लगभग 300 लोग घायल हो गए थे

भारत ने पाकिस्तान में मौजूद तत्वों को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया था और हाल में पाकिस्तान ने अपनी जाँच के आधार पर माना था कि आंशिक रूप से मुंबई हमलों के षड्यंत्र की योजना पाकिस्तान में रची गई थी

इंटरपोल के अध्यक्ष रोनल्ड नोबल के साथ बैठक के बाद आंतरिक सुरक्षा मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार रहमान मलिक ने अनुरोध किया, "मैं (भारत से) अनुरोध करुँगा कि वह जल्द से जल्द जवाब दे ताकि हमारे अधिकारी पूरे सबूत एकत्र कर पाएँ और दोषियों को दंड दिला पाएँ"

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "मै अनुरोध करुँगा कि इस ओर ज़्यादा ध्यान देन हमारे पास संदिग्धों की हिरासत के केवल 13 दिन बचे हुए हैं सबसे अहम जानकारी डीएनए के बारे में प्रदान की जानी है"


मैं (भारत से) अनुरोध करुँगा कि वह जल्द से जल्द जवाब दे ताकि हमारे अधिकारी पूरे सबूत एकत्र कर पाएँ और दोषियों को दंड दिला पाएँ मै अनुरोध करुँगा कि इस ओर ज़्यादा ध्यान दें हमारे पास संदिग्धों की हिरासत के केवल 13 दिन बचे हुए हैं सबसे अहम जानकारी डीएनए के बारे में प्रदान की जानी है

उधर इंटरपोल अध्यक्ष नोबल ने कहा कि पाकिस्तान ने जो जानकारी उपलब्ध कराई है उसके अनुसार ये षड्यंत्र पाकिस्तान और भारत समेत सात देशों में रचा गया उनका कहना था फ़िलहाल भारत से उसे इस बारे में कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है

उन्होंने इस ओर ध्यान दिलाया कि जहाँ भारत में पुलिस हिरासत में संदिग्ध को 90 दिन तक रखा जा सकता है वहीं पाकिस्तान में ये अवधि 30 दिन है

रहमान मलिक का कहना था कि ज़की उल रहमान लखवी, ज़रार शाह, अबू अल क़ामा और हमाद अमीन सादिक़ पाकिस्तानी पुलिस की हिरासत में हैं


English Translation:

Pakistan still awaits Indian replies to its 30 questions about the Mumbai attacks, the Advisor to the Prime Minister on Interior Rehman Malik said Sunday.

Addressing a joint news conference with Interpol chief Ronald Noble, Malik said that Pakistan had not received the replies yet.

"I request (Indian authorities) to send that reply as quick as possible so that my prosecutors can collect the evidence and prosecution is done really and in a successful manner to bring the culprits to justice," Malik said.

"I will again urge my counterpart to please pay some more attention to it. We have only 13 days left in the remand (of four suspects)," he said, adding that four suspects were currently in police custody.

He said a case had been registered by the Federal Investigation Agency (FIA) in connection with the Mumbai attacks and eight persons were booked.

The News Network International news agency quoted Malik as saying that while suspects could be held in police custody for 90 days in India, Pakistani laws allowed police remand for only 30 days.

Malik disclosed that information on the incident was received from India on Jan. 5 and was passed on to the FIA on Jan. 16. The FIA then conducted an investigation and submitted its report to the interior ministry on Feb. 3.

Pakistan detained six suspects and identified two more on Feb. 12, Malik said.

Ronald Noble said for the first time in three months since the attacks, Interpol received police information that would allow it to help Pakistan's FIA "thoroughly and comprehensively determine the international dimension" of the incident.

He said FIA established links to seven countries including India.

Monday, February 23, 2009

भारत 50 लाख खर्च कर रहा है कसाब की सुरक्षा पर - फरवरी 23, 2009

हिन्दी अनुवाद:

मुंबई हमले के दौरान पकड़ा गया आतंकी अजमल कसाब देश का सबसे महंगा कैदी सिद्ध हो रहा है। आर्थर रोड जेल में उसकी सुरक्षा पर 50 लाख रुपए का खर्च होने का अनुमान है। इस बीच, खुफिया एजेंसी रॉ के बाद अब आईबी ने भी पाकिस्तानी आतंकी की जान को खतरा होने की चेतावनी दी है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर--तैयबा ने कसाब की हत्या के लिए खतरनाक आतंकी अल्ताफ के नेतृत्व में छह आतंकियों का गुट बनाया है।

कसाब को आर्थर रोड जेल में 15 बाय 15 फीट के फौलाद अर्थात स्टील से बने कैदखाने में रखा जाएगा। इसकी छत भी विशेष प्रकार के फौलाद से बनी होगी। इस पर ग्रेनेड हमले का भी कोई असर नहीं होगा। हवा के लिए फौलाद की इन दीवारों में छोटे-छोटे छेद किए गए हैं।

इस कैदखाने के चारों ओर विशेष प्रकार की सामग्री का इस्तेमाल कर बंकर बनाए जाएंगे। यहां चौबीसों घंटे अत्याधुनिक हथियारों से लैस पुलिसकर्मी तो तैनात रहेंगे ही, सीसीटीवी कैमरों की मदद से कैदखाने के भीतर और बाहर की गतिविधियों पर पैनी नजर भी रखी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक कैदखाने पर होने वाले खर्च को राज्य सरकार वहन करेगी। यहां कसाब को आम कैदियों की तरह दिन में दो बार चाय, दाल, एक सब्जी, तीन रोटी और 100 ग्राम चावल दिया जाएगा।

इस बीच, आईबी की रिपोर्ट के अनुसार लश्कर ने अपने छह खूंखार आतंकियों को कसाब का काम तमाम करने की जिम्मेदारी सौंपी है। बताते हैं कि इस खूनी दस्ते की कमान अल्ताफ नामक खूंखार आतंकी को सौंपी गई है।

English Translation:

The Mumbai police is all set to file a chargesheet against Ajmal Amir Qasab, the lone terrorist caught alive in the 26/11 attack in Mumbai.

It is a massive chargesheet that runs into more than 10,000 pages and has accounts from over 200 eyewitnesses. At first the police debated building the case only around Qasab. But later, the focus of the chargesheet was shifted on the larger conspiracy, which will detail how the attack was planned in Pakistan.

In addition to Qasab, the chargesheet will name seven Pakistani nationals Zaki Ur Rehman Lakhvi , Zarar Shah, Javed Iqbal , Abu Hamza, Kaafa , Yusuf Muzammil and Abu Al Qama as the main conspirators behind the attacks.

They would not be charged under MCOCA but a range of other charges including Arms and explosive Act, waging war against the nation under UAPA Act, the Customs Act and few sections of the Cyber crime Act.

Given the staggering amount of evidence, it is expected to be an open and shut case. But the police are not taking chances given the high stakes and the international scrutiny that the chargesheet and the trial will receive.

The chargesheet will detail more than 200 eyewitness accounts, CCTV footage from CST station, Taj, Trident, and the Times of India building. It will also include the most critical link to Pakistan the details of calls made by terrorists to their Pakistani handlers using Voice Over Internet Protocol (VOIP).

The FBI had played an important role in getting these call details tracked and also verifying other evidence. But sources say that the FBI may not directly find mention in the chargesheet, but may depose, over videoconference, during the trial.

The trial could begin in two weeks. The police and its legal team are hoping for a conviction in record time in just over a month.

Thursday, February 19, 2009

पाकिस्तान ने भारत से माँगा कसाब - फरवरी 19, 2009

हिन्दी अनुवाद:

मुंबई आतंकी हमले में अजमल आमिर कसाब की मुख्य संदिग्ध के रूप में पहचान करते हुए पाकिस्तान ने भारत से उसे सौंपने का औपचारिक अनुरोध किया है। पाकिस्तान का तर्क है कि हमले के दौरान गिरफ्तार किए गए एकमात्र आतंकी कसाब के जरिए वह अपने देश में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सफलतापूर्वक मुकदमा चला सकता है। इसके अलावा पाकिस्तान ने आतंकी हमले के मामले में जांच से संबंधित और सामग्री तथा सूचनाएं मांगी है।

पाकिस्तान के डिप्टी अटार्नी जनरल सरदार मोहम्मद गाजी ने कहा, त्नपाकिस्तान सरकार ने अजमल कसाब की हिरासत पाने के लिए भारत सरकार से औपचारिक अनुरोध किया है क्योंकि वही मुख्य संदिग्ध है जबकि मुंबई हमलों में शामिल अन्य संदिग्ध सह अपराधी हैं।त्न मुंबई हमलों से जुड़े पाकिस्तानी संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए गाजी को विशेष सरकारी वकील के तौर पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कसाब को पाकिस्तान के हाथों नहीं सौंपा जाता है तो अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाना काफी मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने समाचार चैनल डॉन से कहा, त्नमुझे पूरा भरोसा है कि भारत सरकार इस पर विचार करेगी और कोई फैसला करेगी क्योंकि कसाब को पाकिस्तानी हिरासत में रखे बगैर अन्य संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा चलाना काफी मुश्किल हो जाएगा।

गाजी ने पाकिस्तान में गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भारत सरकार से सहयोग पाने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा, त्नमुझे पूरा भरोसा है कि हमारे बीच बेहतर तालमेल कायम होगा और आतंकियों के खिलाफ सफलतापूर्वक कार्रवाई के लिए कसाब की हिरासत हासिल कर लेंगे।त्न हालांकि भारत ने कसाब को सौंपने से साफ इंकार कर दिया है। लंबे समय तक टालमटोल के बाद पाक ने जनवरी ने स्वीकार किया था कि कसाब वहीं का नागरिक है।

उधर लोकसभा में चंद्रभूषण सिंह के सवाल के लिखित जवाब में विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि पाक अधिकारियों ने अपनी सरकारी प्रतिक्रिया में यह स्वीकार किया है कि पाक स्थित तत्व मुंबई के हमले में शामिल थे। यह एक सकारात्मक घटनाक्रम है। पाक ने जांच से संबंधित और सामग्री भी मांगी है। पाक विदेश सचिव ने पाक में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त को भारतीय सबूत मिलने की सूचना भी दी है।

English Translation:

Pakistan's newly appointed public prosecutor in last year's November 26-29 Mumbai terror attack case has said that Islamabad had formally asked New Delhi for custody of Ajmal Amir 'Kasab,' the lone surviving Mumbai terrorist, media reports said.

The Pakistan government Wednesday appointed deputy attorney-general Sardar Mohammed Ghazi as the special public prosecutor for the case.

However, Ghazi had to take back his remarks made to a television channel after the Foreign Office and Information Minister Sherry Rehman denied that a formal request had yet been made for Ajmal's custody.

Ghazi's other comments to the television channel that Ajmal was the "prime suspect" and "it will be difficult to prosecute the other suspects if he is not handed over to Pakistan" suggest that Islamabad may be preparing to ask for the gunman who is now in the custody of the Mumbai police.
He said he was sure that the Indian government would look into it and take a decision because without having the custody of Ajmal in Pakistan, it will be "very, very difficult to prosecute the rest of the suspects."

The public prosecutor said he hoped to work in cooperation with the Indian authorities for a successful prosecution. "I am sure better sense [will prevail] and we get the custody of Ajmal and we are able to conduct the trial successfully."

It looks unlikely that New Delhi will accede to such a request given the fact that the capture of Ajmal Kasab has nailed Pakistan as the epicenter of Islamic terror, which threatens many countries. Moreover, the Pakistani terrorist has to be tried and punished for waging war against the Indian nation.

Also, there are reports of threats to Ajmal's life from Islamic terror groups, who want to eliminate him to protect the perpetrators of the Mumbai terror attacks.

Tuesday, February 10, 2009

अफगानिस्तान में अगवा किए हुए भारतीय की मौत - फरवरी 10, 2009

हिन्दी अनुवाद:

अफगानिस्तान में पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। इस आशय की जानकारी अधिकारियों मृतक के परिजनों की ओर से सोमवार को दी गई।प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय की ओर से चेन्नई में जारी एक बयान में कहा गया कि अगवा भारतीय नागरिक सिमोन परमनाथन की अपहर्ताओं के कब्जे में मौत हो गई है। इसके बारे में मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है।

38 वर्षीय परमनाथन अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में एक इतालवी कंपनी में काम करते थे। पिछले वर्ष 13 अक्टूबर को उनका अपहरण कर लिया गया था। अपहर्ताओं ने रिहाई के बदले 50,000 डॉलर की मांग की थी।

वंसती ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि अफगानिस्तान के अधिकारियों ने उन्हें सूचना दी है कि उनके पति की रविवार को हत्या कर दी गई। वसंती के अनुसार उनके पति की ईसाई होने और 50,000 डॉलर की फिरौती नहीं देने के कारण हत्या की गई।

उधर परमनाथन के भाई सुब्रमण्यम ने अफगानिस्तान से फोन पर बताया, “काबुल स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने मुझे सुबह 10.30 बजे के आसपास बताया कि अपहर्ताओं के अनुसार कुछ दिनों से बीमार मेरे भाई की मौत हो गई है।अपहर्ताओं ने अपने को मुजाहिदीन बताया है।

सुब्रमण्यम ने कहा, “अब मुझे इस बात का अंदाजा नहीं है कि भाई का शव कब प्राप्त हो पाएगा, क्योंकि अपहर्ता शव के लिए भी पैसे मांग रहे हैं।

उधर नई दिल्ली स्थित आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, “हम अफगानी अधिकारियों के संपर्क में हैं। परमनाथन की मौत की स्थितियां अभी स्पष्ट नहीं हो पाई हैं। मौत के कारणों की सही जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मिल पाएगी।इधर, वसंती को आशा है कितमिलनाडु सरकार की ओर से उन्हें कुछ वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

English Translation:

Simon Paranthaman, 38, was abducted along with two Afghans in October from the Herat province in western Afghanistan.

An official at the Indian Ministry of External Affairs announced Monday that Afghan authorities had informed New Delhi that Simon died while in custody of his abductors. "We are gathering details. His family in India has been informed," the official said.

The man was working for Italian food company Ciano International. The company had been negotiating for months with the abductors, members of an unnamed militant group that had demanded a ransom of $200,000. It is not known if the Taliban were behind the abduction.

The Paranthaman family hopes to see action on the part of the Indian government for his body to be returned.

His elder sister Muniamma has told the Indian newspaper The Hindu that after killing Paranthaman, the militant group was requesting the release of the son of a terrorist, currently in an Afghan prison, before they would hand over Simon's body.

Friday, February 6, 2009

भारत ने कश्मीर रैली पर तीखी प्रक्रिया ज़ाहिर की - फरवरी 6, 2009

हिन्दी अनुवाद:

मुज़फ़्फ़राबाद में इन संगठनों ने पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया था कि जिन संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है उसे हटाया जाए।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने कहा है कि प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन जिस तरह पाकिस्तान की भूमि का बिना रोक-टोक इस्तेमाल कर रहे हैं, उसका भारत कड़ा विरोध करता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश का कहना था, "हमने रिपोर्टें देखी हैं कि आतंकवादी संगठन जैशे मोहम्मद, हरकतुल मुजाहिदीन और जमात उद दावा ने पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर में सार्वजनिक बैठक की है।"


जैशे मोहम्मद, हरकतुल मुजाहिदीन और जमात उद दावा ने पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर में सार्वजनिक बैठक की है। प्रशासन ने इन गुटों की गतिविधियों पर रोक लगाने की कोई कोशिश नहीं की है। जिस तरह से ये प्रतिबंधित संगठन पाकिस्तान के नियंत्रण वाली ज़मीन का बिना रोक-टोक इस्तेमाल कर रहे हैं, उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।

उनका कहना था, "प्रशासन ने इन गुटों की गतिविधियों पर रोक लगाने की कोई कोशिश नहीं की है. जिस तरह से ये प्रतिबंधित संगठन पाकिस्तान के नियंत्रण वाली ज़मीन का बिना रोक-टोक इस्तेमाल कर रहे हैं, उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।"

उनसे पाकिस्तान में दो भारतीय पत्रकारों के साथ कथित दुर्व्यवहार के बारे में भारतीय नागरिकों के वहाँ यात्रा करने और सुरक्षा के बारे में भी पूछा गया।

उनका कहना था, "जिन चिंताओं के कारण 26 दिसंबर 2008 को यात्रा के बारे में सलाह जारी की गई थी, वे चिंताएँ बरक़रार हैं। भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि उनके लिए पाकिस्तान की यात्रा या फिर पाकिस्तान में उनकी मौजूदगी असुरक्षा का कारण बन सकती है।"

ग़ौरतलब है कि मुंबई हमलों के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव ख़ासा बढ़ा हुआ है और कुछ देशों के नेताओं ने दोनों देशों की यात्रा कर तनाव घटाने के प्रयास भी किए हैं।

English Translation:

India has strongly condemned the license given to banned terrorist organisations on territory under Pakistan control.

Speaking to reporters here last evening, Vishnu Prakash, the spokesman of Ministry of External Affairs, said that reports of participation of banned terror outfits like Jaish-e-Muhammad, Harkat-ul-Mujahideen, Jamat-ud-Dawa at a rally in Pakistan occupied Kashmir showed the laxity of authorities in Pakistan.

“We have seen reports that representatives of terrorist groups Jaish-e-Muhammad, Harkat-ul-Mujahideen, Jamat-ud-Dawa participated in a public meeting at Muzaffarabad in Pakistan occupied Kashmir. No effort was made by the authorities to curb the activities of these groups,” said Vishnu Prakash.

Prakash also said that the month-old advisory that Pakistan is not safe for travel would remain valid as two Indian journalists had been roughed up in Lahore.

“The concerns, which led to the travel advisory of December 26, 2008 still very much exist। Indian nationals are advised that it would be unsafe for them to travel or be in Pakistan,” he added.

Meanwhile, a UN Security Council Committee has added four more Lashkar leaders to a list of people and groups facing sanctions for ties to al Qaeda or the Taliban.
The sanctions also covered what the committee said was a front for the LeT, the Jamaat-ud-Dawa

Tuesday, January 20, 2009

पाकिस्तान ने भारत को कहा कि जाँच में मदद करे - जनवरी 20, 2009

हिन्दी रूपांतरण:
पाकिस्तान ने भारत को नसीहत देते हुए कहा है कि वह मुंबई पर हुए हमले के लिए उस पर आरोप लगाना छोड़ जांच में मदद करे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कूटनीतिक पहले करते हुए विदेशी राजनयिकों को मुंबई हमले पर अपने कदम और भारत की ओर से दी गई सूचना की अपनी जांच से अवगत कराया।

इस ब्रीफिंग में अमेरिका, ब्रिटेन और चीन समेत कई देशों के राजदूत और हाई कमिश्नरों ने हिस्सा लिया। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय प्रमुख रहमान मलिक ने भारतीय उच्चायुक्त सत्यब्रत पाल को अलग से पाकिस्तान की जांच के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया।

विदेशी राजनयिकों को संबोधित करते हुए कुरैशी कहा कि भारत को मुंबई अटैक के दोषियों को सजा दिलाने के लिए पाकिस्तान के साथ सहयोग करना चाहिए।

English Translation:

Pakistan Prime Minister Yousuf Raza Gilani said that Islamabad will share with New Delhi the findings of a team of experts that is examining the information related to the Mumbai terror attacks, provided by India. In his meeting in Islamabad with visiting British Defence Secretary John Hutton on Monday during which the regional tensions sparked by Mumbai attacks figured prominently, Gilani assured Hutton that all findings of the team will be shared with India. An official statement states that Hutton said he felt encouraged by Gilani's reassurances as this "would greatly help defuse the present situation in the region".

Pakistan Foreign Minister Shah Mahmood Qureshi has said that his country is sincerely investigating into the Mumbai terror attack and is committed to fulfil its responsibility. He stated this while briefing Foreign Ambassadors and High Commissioners in Islamabad on Monday about the current situation and the steps taken by Pakistan after the Mumbai incident. Advisor on Interior Rehman Malik told the envoys that a high-level investigation committee of Federal Investigation Agency has been constituted to probe the Mumbai incident and it will submit its report within ten days.

Monday, January 19, 2009

भारत में नौकरियों के आसार - जनवरी 19, 2009

हिन्दी रूपांतरण:

वर्तमान हालात में घरेलू अर्थव्यवस्था की रफ्तार भले ही कुछ समय के लिए धीमी पड़ गई हो, लेकिन यहां आज भी नौकरियों के असीम अवसर हैं। इस वर्ष देश भर में करीब नौ करोड़ लोगों की जरूरत होगी। कंपनियां लगातार कर्मचारियों की तलाश में रहेंगी नई भर्तियां करती रहेंगी। यह कहना है देश-विदेश की विशेषज्ञ एजेंसियों का, जो मानती हैं कि भारतीय रोजगार परिदृश्य पर दुनिया में फैले आर्थिक संकट का खास असर नहीं पड़ेगा।

18 फीसदी की दर से बढ़ेगी नियुक्ति दर : बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के अध्ययन में पता चला है कि वर्ष 2009 में देश के आईटी, आउटसोर्सिंग, बैंकिंग, रिटेल और हेल्थ केयर जैसे क्षेत्र रोजगार सृजन की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण साबित होंगे। इन्हें अन्य क्षेत्रों को मिलाकर देश में करीब 8.5 से नौ करोड़ लोगों की मांग देखने को मिलेगी।

एचआर कंसल्टेंसी फर्म मैनपावर प्रोजेक्ट्स का कहना है भारतीय कंपनियों में नियुक्ति की प्रक्रिया पहली तिमाही से 18 फीसदी की दर से बढ़ना शुरू होगी।

वर्क फोर्स का वितरण : कुल संख्या- 48.4 करोड़, ग्रामीण कर्मचारी- 27.3 करोड़ , सेवा क्षेत्र- 15 करोड़, निर्माण- 6.1 करोड़

गजब का विश्वास : एक अन्य सर्वे में पाया गया है कि देश के 6k फीसदी से अधिक लोग नौकरियों को लेकर निश्चिंत हैं। करीब 57 फीसदी मानते हैं कि देश में बेरोजगारी बढ़ेगी, लेकिन वे इससे प्रभावित नहीं होंगे।

जानकारों के अनुसार मौजूदा हालात में कुछ उद्योगों के प्रदर्शन को लेकर संदेह पैदा हो गया है, जिसका असर वेतन भत्तों पर दिखाई देगा। लेकिन, कारोबारी इनसे जल्द उबरने में कामयाब रहेंगे।

English Translation:

As the world continues to reel under the merciless chill of recession, there is some good news for India. According to leading advisory Boston Consulting Group a demand for around 85 to 90 million people across various sectors is set to provide some relief to the tensed job market. Much of the demand is to come from the high-growth industries like retail, healthcare, outsourcing IT etc.
HR consultancy firm Manpower has also predicted a rise of around 18 per cent beginning this quarter in many sectors.

“India poses a far more positive outlook as compared to what has been happening across the world,” Cherian Kuruvila, director operations, Manpower India, reportedly said. He further added that a growth of seven per cent in India’s gross domestic product (GDP) indicates that the economy continues to be healthy.

Now, that’s some good news for the professionals who have been in the fear of losing their jobs all this while. That’s the proverbial silver lining in the otherwise darkening cloud.

Experts are of the opinion that India is likely to come out of the effects of recession sooner than other economies, which is yet another good news. Hopefully, all the stress caused due to job insecurity would soon be a thing of past.

Saturday, January 17, 2009

परमाणु संयंत्र के लिए गठजोड़ - जनवरी 17, 2009

हिन्दी रूपांतरण:
भारत की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने भारत में परमाणु संयंत्र के निर्माण के लिए अमेरिका स्थित वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के साथ समझौता किया है।
एल ऐंड टी के हैवी इंजीनियरिंग बिजनेस प्रमुख एम. वी. कोटवाल ने कहा, ' दोनों कंपनियां भारत में प्रस्तावित 1000 मेगावाट रिएक्टर बनाने की योजना पर विचार कर रही है और साझेदारी की रूपरेखा तय होना बाकी है।'

उन्होंने कहा, 'यह अभी पहला कदम है। अभी परमाणु संयंत्र के आकार और उसकी संचालन प्रक्रिया के बारे में आधिकारिक घोषणा करनी है।'

मालूम हो कि पिछले साल भारत ने अमेरिका के साथ परमाणु करार पर हस्ताक्षर किया था और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ साझीदारी कर इस संबंध में काम करने के लिए उत्साहित है।

उल्लेखनीय है कि वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक प्रमुख परमाणु उपकरण निर्माण कंपनी तोशिबा कॉरपोरेशन की एक इकाई है। विश्व में कुल परमाणु उपकरण निर्माण का करीब 40 फीसदी का निर्माण तोशिबा ही करती है। साथ ही अमेरिका में करीब 60 फीसदी परमाणु संयंत्रों का संचालन भी यही कंपनी करती है।

कोटवाल ने कहा कि रिएक्टरों में 600 से 800 अरब डॉलर निवेश का उनमान है। इससे पहले एलएंडटी ने जापान की मित्शुबिशी के साथ ही 880 करोड़ रुपये की थर्मल पावर उपकरण निर्माण के लिए समझौता किया है।

भारत में बिजली की खराब स्थिति को देखते हुए परमाणु ऊर्जा की जरूरत महसूस की जा रही है। भारत में व्यस्ततम घंटों में बिजली की 16 फीसदी कमी हो जाती है। इसलिए भारत के संदर्भ में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में काफी संभावनाएं देखी जा रही है।

परमाणु ऊर्जा के विस्तार के तहत निजी क्षेत्र की कंपनियों सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनियों के साथ मिलकर कम हिस्सेदारी में काम करने का प्रावधान है। दोनों कंपनियों ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि तोशिबा वेस्टिंग हाउस इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन की इकाई 1000 एपी हल्की वाटर रिएक्टर आपूर्ति करेगी।

इसी रिएक्टर का इस्तेमाल अमेरिका और चीन में भी होता है। वेस्टिंग हाउस के कंट्री हेड मीना मुटयाला ने कहा, 'हमलोग भारत में इस क्षेत्र में लागत और इसे पूरा होने की समयावधि का पता लगाने के लिए स्थानीय सहयोगी की तलाश कर रही है।'

ऐल ऐंड टी ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में निर्माणकारी गतिविधियों में उल्लेखनीय काम किया है, लेकिन मौजूदा आर्थिक हालात में कंपनी को तरलता संकट से जूझना पड़ रहा है।

भारत सरकार ने परमाणु उपकरण बनाने वाली अमेरिकी कंपनियों को 10 हजार मेगावाट क्षमता की परमाणु उपकरण आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया है। भारत की 2020 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता 30 हजार मेगावाट बढ़ाने की योजना है।

अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस के उपाध्यक्ष मीना मुतायला ने कहा, 'अभिरुचि पत्र के मुताबिक भारत सरकार ने कहा है कि उसे अमेरिकी कंपनियों से 10 हजार मेगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए उपकरणों की जरूरत है।

लेकिन साइट और ऑर्डर निर्धारित होने में वक्त लगेगा।' जीई हिटैची के स्टीव ह्यूसिक ने कहा, 'भारत ने अभी संकेत नहीं दिया है कि किस कंपनी को कितना ऑर्डर मिलेगा।'

English Translation:

Construction and engineering major Larsen & Toubro has signed a memorandum of understanding with the US-based Westinghouse Electric Company, the largest nuclear power equipment maker, to build 1,000 megawatt pressurised nuclear power plants in India.

L&T will be responsible for the construction and fabrication of structural, piping and equipment modules for the Westinghouse AP 1000 model modern day light water reactors for the domestic market, while Westinghouse will provide design, engineering and procurement of major components.

Westinghouse Electric, part of the Toshiba Corporation, is the leading nuclear equipment maker with over 40 per cent of the world’s operating nuclear plants, including 60 per cent of the ones in the US. L&T has been associated with the construction of all the indigenous nuclear power plants in India.

L&T, a predominantly engineering major with over $7 billion revenues, has a Rs 880-crore joint venture with Mitsubishi of Japan to make thermal power equipment.

“This MoU covers manufacturing of all critical components related to advanced 1000 MW PWRs such as modular construction, reactor island, piping and valves for the Westinghouse reactors that will come up in India,” said M V Kotwal, director of L&T.

However, he said the MoU was signed with a long-term view as India aims to add to its installed nuclear capacity of 30,000 MW by 2020 and more than 60,000 MW by 2030. “The addition will span many years and revenues will depend on how the orders are placed and how the policies evolve in the coming years,” he said.

Meena Mutyala, vice-president, India strategy of Westinghouse, said the company has already received orders for four AP 1000 PHWR reactors, which use natural uranium as fuel, from China.

L&T has a track record of making a 500 MW reactor end shields, steam generators and reactor safety vessel for the fast breeder reactor coming up Kalpakkam. The MoU will pave for gaining expertise in pressurised water reactor technologies.

L&T’s manufacturing centres at Powai, Hazira and Coimbatore will be used for making the critical components, said Kotwal.

Saturday, August 30, 2008

दलाई लामा अस्पताल में भर्ती - अगस्त 30 , 2008

भारत में निर्वासित जीवन बिता रहे तिब्बतियों के धर्म गुरु दलाई लामा को पेट में दर्द की शिकायत के बाद मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उन्होंने बुधवार को ही अपने सारे अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम स्थगित कर दिए थे।

दलाई लामा 1959 में तिब्बत से निर्वासित किए जाने के बाद से ही हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रह रहे हैं।

उनके प्रवक्ता तेनज़िन तकलाह ने कहा कि बीमारी के कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है।

उनका कहना था, "कोई ऐसी गंभीर बात नहीं है जिससे चिंतित होना पड़े। लेकिन पेट में कुछ गड़बड़ी के कारण उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है।"

डॉक्टर शुक्रवार को उनकी मेडिकल जाँच करेंगे। लीलावती अस्पताल के प्रवक्ता का कहना है कि एक महीने पहले ही दलाई लामा रुटीन चेकअप के तहत अस्पताल आए थे और उस समय वो बिल्कुल स्वस्थ थे।

तेनज़िन के मुताबिक दलाई लामा अभी कुछ दिनों तक मुंबई में रहेंगे।

इससे पहले दलाई लामा ने मैक्सिको और डोमिनिकन रिपब्लिक जाने का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था.

वो हाल ही में फ़्रांस की 11 दिनों की यात्रा से लौटे हैं। तिब्बत का मामला उठाने के लिए उन्होंने इस वर्ष कई देशों की यात्राएँ की हैं।

इस वर्ष मार्च में तिब्बत में प्रदर्शनकारियों और चीनी सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसा होने के कारण कई लोग मारे गए थे।

विदेशों में रहने वाले तिब्बती शरणार्थी चीन से आज़ादी की माँग करते आए हैं जिनकी अगुआई दलाई लामा करते हैं।

English Translation

The Dalai Lama has been taken to hospital in the Indian city of Mumbai (Bombay) complaining of stomach pains.

The 73-year-old exiled Tibetan spiritual leader had cancelled all his international trips on Wednesday saying he was suffering from exhaustion.

A spokesman said the ailment had not yet been diagnosed but it appeared there was no cause for concern.

The Dalai Lama has lived in Dharamsala, northern India, since fleeing Tibet after an abortive uprising in 1959.

Trips cancelled

His spokesman, Tenzin Taklha, told the AFP news agency: "There is nothing major to feel concerned about. But he has been admitted to the Lilivati Hospital in Mumbai because he was feeling some discomfort in his abdomen.

"The Dalai Lama will be examined by doctors tomorrow (Friday)."

A spokesman for the hospital said the Dalai Lama had had his six-monthly check-up about a month ago and was "in perfect health".

Mr Taklha said the Dalai Lama would stay in Mumbai for a few days before returning to Dharamsala.

The Dalai Lama earlier cancelled two forthcoming trips to Mexico and the Dominican Republic.

He has just returned from an 11-day trip to France, one of a number of foreign trips he has made this year to highlight the Tibetan issue.

China has stepped up its verbal attacks on the Nobel peace prize winner since violence broke out against Chinese rule in Tibet in March.

Beijing has accused the Dalai Lama of stirring up unrest, a charge he denies.

Tuesday, May 20, 2008

भारत-पाक विदेश सचिवों की बातचीत

भारत के विदेश सचिव शिवशंकर मेनन मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर के साथ चौथे दौर की बातचीत करेंगे।

इसके अगले दिन दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत होगी।

बातचीत के एजेंडे में आतंकवाद, सीमा पर गोलीबारी, जम्मू और कश्मीर, सियाचिन, सरक्रीक, शांति और सुरक्षा, आर्थिक एवं व्यावसायिक संबंध और सांस्कृतिक आदान प्रदान शामिल होने की उम्मीद है।


भारत पाकिस्तान के साथ जम्मू कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन बातचीत की प्रक्रिया की सफलता के लिए शांति का माहौल ज़रूरी है।

शिवशंकर मेनन, भारतीय विदेश सचिव

शिवशंकर मेनन ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा,'' भारत पाकिस्तान के साथ जम्मू कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन बातचीत की प्रक्रिया की सफलता के लिए शांति का माहौल ज़रूरी है।''

विदेश मंत्रियों की वार्ता

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार बातचीत में हुई प्रगति की समीक्षा के लिए बुधवार को विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाक़ात करेंगे।


भारत को आतंकवाद को लेकर अपनी बात स्पष्ट रूप से रखने की ज़रूरत है। साथ ही वार्ता को आगे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।

जी पार्थसार्थी, पूर्व भारतीय राजनयिक

पूर्व भारतीय राजनयिक जी पार्थसार्थी नेें कहा,'' भारत को आतंकवाद को लेकर अपनी बात स्पष्ट रूप से रखने की ज़रूरत है। साथ ही वार्ता को आगे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।''

उनका कहना था कि ये भी देखे जाने की ज़रूरत है कि नई सरकार की नीतियाँ क्या हैं।

ग़ौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत 2004 में शुरू हुई थी लेकिन पाकिस्तान में राजनीतिक अशांति के कारण ठप्प पड़ी हुई थी।

दोनों पक्षों ने पिछले साल अक्टूबर में समग्र बातचीत के तहत आठ मुद्दों पर बातचीत की थी।

आगामी बैठक में दोनों पक्ष चौथे दौर के तहत सभी आठ मुद्दों पर हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और पांचवें दौर की बातचीत का कार्यक्रम तय करेंगे।

Monday, May 19, 2008

भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत की तैयारी

भारत-पाकिस्तान के बीच मंगवलार से एक बार फिर बातचीत शुरू होने जा रही है।

भारतीय विदेश सचिव शिवशंकर मेनन चौथे दौर की समग्र वार्ता के लिए सोमवार को पाकिस्तान रवाना हो रहे हैं।

मंगलवार को उनकी बातचीत पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर के साथ होगी। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत होगी।

बातचीत के एजेंडे में आतंकवाद, जम्मू और कश्मीर, सियाचिन, सरक्रीक, शांति और सुरक्षा, तुलबुल परियोजना, आर्थिक एवं व्यावसायिक संबंध और सांस्कृतिक आदान प्रदान शामिल हैं।

शिवशंकर मेनन ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा,'' भारत पाकिस्तान के साथ जम्मू कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन बातचीत की प्रक्रिया की सफलता के लिए शांति का माहौल ज़रूरी है।''

विदेश मंत्रियों की वार्ता

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार बातचीत में हुई प्रगति की समीक्षा के लिए बुधवार को विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाक़ात करेंगे।


भारत पाकिस्तान के साथ जम्मू कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन बातचीत की प्रक्रिया की सफलता के लिए शांति का माहौल ज़रूरी है।

शिवशंकर मेनन, भारतीय विदेश सचिव

ये बातचीत 2004 में शुरू हुई थी लेकिन पाकिस्तान में राजनीतिक अशांति के कारण ठप्प पड़ी हुई थी।

दोनों पक्षों ने पिछले साल अक्टूबर में समग्र बातचीत के तहत आठ मुद्दों पर बातचीत की थी।

आगामी बैठक में दोनों पक्ष चौथे दौर के तहत सभी आठ मुद्दों पर हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और पांचवें दौर की बातचीत का कार्यक्रम तय करेंगे।

ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गीलानी के पदभार संभालने के तुंरत बाद मनमोहन सिंह ने उन्हें टेलीफ़ोन कर बधाई दी थी।

भारतीय प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई थी कि प्रधानमंत्री गीलानी द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों बेनजीर भुट्टो, नवाज शरीफ़ और राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ की पहल को और आगे बढ़ाएंगे।

भारतीय प्रधानमंत्री ने शांति प्रक्रिया को तेज़ करने और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की बात कही थी।

Saturday, May 17, 2008

भारतीय चिकित्सक दल जा रहा है बर्मा

बर्मा में समुद्री तूफ़ान में हुई भीषण तबाही के बाद भारत 50 लोगों का चिकित्सक दल वहाँ प्रभावित लोगों की मदद के लिए भेज रहा है।

बर्मा की सैन्य सरकार ने इसके लिए अनुरोध किया था।

शनिवार को भारतीय वायुसेना का एक यातायात हेलिकॉप्टर डॉक्टरों और दवाइयों को लेकर रंगून पहुँचेगा।

बर्मा में मरने वालों की संख्या 78 हज़ार हुई

अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद बर्मा की सरकार ने अधिकतर विदेशी राहतकर्मियों को देश में घुसने नहीं दिया है।

भारत-बर्मा के रिश्ते

बर्मा ने भारत के लिए ऐसी सख़्ती नहीं बरती है क्योंकि माना जाता है कि दोनो देशों के बीच काफ़ी क़रीबी संबंध हैं।

माना जाता है कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच आर्थिक और सैन्य रिश्ते बेहतर हुए हैं।

भारत उन कुछ देशों में से है जिन्होंने बर्मा पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का विरोध किया है और यही कारण है कि बर्मा की सरकार को भारत से मदद लेने में उतनी आपत्ति नहीं है जितनी अन्य देशों से आने वाली मदद पर।

भारतीय वायुसेना का एक बड़ा आईएल-76 सैन्य यातायात हेलिकॉप्टर में 50 सदस्यों की टीम, पाँच से छह टन दवाइयाँ और अन्य ज़रूरी सामग्री लेकर रंगून जा रही है।

बर्मा की सरकार की अनुमति के बाद भारत सरकार पहले ही खाद्य सामग्री, कपड़े, तंबू और दवाएँ वहाँ भेज चुकी है।

ये चिकित्सक दल दो फ़ील्ड अस्पताल स्थापित करेगा और भारत सरकार का कहना है कि बर्मा की सरकार के अनुरोध पर ही ऐसा किया जा रहा है।

Tuesday, May 6, 2008

तूफ़ान में मृतकों की संख्या 15 हज़ार हुई

बर्मा में शनिवार को आए तूफ़ान में मरनेवालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकारी टीवी का कहना है कि मरनेवालों की संख्या 15 हज़ार तक पहुँच गई है।

बर्मा के विदेश मंत्री न्यान विन का कहना है कि बर्मा के मुख्य शहर रंगून से लगभग सौ किलोमीटर दूर स्थित शहर बोगाले में ही लगभग 10 हज़ार लोग मारे गए हैं।

उनका कहना है कि अधिकारी अब भी नुक़सान का अनुमान लगा रहे हैं और हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है।
इधर अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियाँ बर्मा में व्यापक सहायता कार्यक्रम की तैयारी कर रही हैं। ख़बरें हैं कि वहाँ हज़ारों लोग बिना साफ़ पानी और आश्रय के रह हैं।

इधर बर्मा के नेताओं ने घोषणा की है कि वो बाहरी सहायता स्वीकार करने को तैयार है।

अब तक बर्मा के सैन्य शासक सहायता एजेंसियों को लेकर संदेहास्पद रहे हैं और उनकी सीमित गतिविधियों की ही अनुमति दी है।

भारत ने पोर्ट ब्लेयर से दो जहाज़ भेजने का फ़ैसला किया है जिसमें खाना, टेंट, कंबल, कपड़े और दवाइयाँ होंगी।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि वो हर संभव मानवीय सहायता मुहैया कराने की कोशिश करेंगे।

अमरीका, यूरोपीय संघ और जापान ने आपात सहायता देने की पेशकश की है।

तूफ़ान से तबाही

कई आलोचकों का आरोप है कि बर्मा में आपदा को लेकर अधिकारियों की प्रतिक्रिया धीमी रही है और लोगों को तूफ़ान के बारे में आगाह नहीं किया गया था।

सोमवार को शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया था कि 351 लोगों की मौत हुई है।

शनिवार को बर्मा में 'नर्गिस' नाम का तूफ़ान आया था जिसकी तीव्रता 190 मीटर प्रति घंटा थी।


बर्मा
तूफ़ान ने तटीय इलाक़ों में व्यापक तबाही मचाई है

'नर्गिस' ने इरावदी, रंगून, बागो, कारेन और मोन क्षेत्र में भीषण तबाही मचाई है।

इस तूफ़ान में हज़ारों घरों को या तो क्षति पहुंची है या फिर वे ध्वस्त हो गए हैं।

बर्मा में पाँच इलाक़ों को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है और राहत और बचाव कार्यों में सेना और पुलिस को लगाया गया है।

रंगून से एक नागरिक ने बीबीसी को बताया कि तूफ़ान के बाद से ही बिजली की आपूर्ति ठप पड़ी है और अभी तक पीने के पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

टेलीफ़ोन लाइनें ठप्प हैं। सड़कों पर कई पेड़ गिरे हुए हैं इसलिए यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

सरकारी टेलीविज़न के मुताबिक़ इरावदी के लबूटा शहर में 75 फ़ीसदी घरों को नुक़सान पहुँचा है। अनेक घरों की छतें उड़ गईं।

संवाददाताओं का कहना है कि इस चक्रवात के कारण जो नुक़सान हुआ है उसका सही अनुमान लगा पाने में अभी कई दिनों का वक्त लग सकता है।

रंगून में इंटरनेट और टेलीफ़ोन सेवा ठप हो जाने के कारण तूफ़ान से हुई तबाही की सही तस्वीर सामने नहीं आ पा रही है।

आधिकारिक मीडिया के अनुसार रंगून बंदरगाह पर चार मालवाहक पोत डूब गए हैं और कई लोग मारे गए हैं।

Monday, May 5, 2008

सोमनाथ के ख़िलाफ़ एनडीए के कड़े तेवर

भारत में विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) लोकसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के मुद्दे पर 32 सांसदों के नाम विशेषाधिकार समिति को भेजने के ख़िलाफ़ कड़े विकल्पों पर विचार कर रहा है।

पिछले हफ़्ते बढ़ती महँगाई के मुद्दे पर लोकसभा में ज़बर्दस्त हंगामा हुआ था और ये सांसद सरकार के ख़िलाफ़ नारे लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के आसन के पास पहुँच गए थे।

इससे आहत होकर लोकसभा अध्यक्ष ने इन सांसदों के आचरण पर कड़ी टिप्पणी की और इनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई हो या नहीं ये तय करने के लिए मामला विशेषाधिकार समिति को भेजने का फ़ैसला किया।

सोमनाथ चटर्जी के इस क़दम से एनडीए के नेता नाराज़ हैं और उन्होंने सोमवार सुबह अगली रणनीति बनाने के लिए एक बैठक बुलाई है।


लोकसभा अध्यक्ष अगर इस तरह से सदन चलाने का काम करेंगे तो ये संभव नहीं है। वो रोज़ कुछ न कुछ बोलते रहते हैं। उनकी रनिंग कमेंट्री चालू रहती है। ऐसा नहीं चलेगा।

शरद यादव

संभावना है कि इस मुद्दे की गूँज अब लोकसभा में सुनाई देगी और इस मामले पर फिर हंगामा हो सकता है।

एनडीए के मुख्य घटक दल भाजपा की प्रवक्ता सुषमा स्वराज ने बीबीसी संवाददाता मोहन लाल शर्मा से कहा, "हमनें सोमवार सुबह बैठक बुलाई है जिसमें इस विषय को रखा जाएगा। इसमें विपक्षी गठबंधन के सभी दल शामिल होंगे।"

जनता दल (युनाईटेड) के अध्यक्ष शरद यादव का कहना था, "लोकसभा अध्यक्ष अगर इस तरह से सदन चलाने का काम करेंगे तो ये संभव नहीं है। वो रोज़ कुछ न कुछ बोलते रहते हैं। उनकी रनिंग कमेंट्री चालू रहती है। ऐसा नहीं चलेगा।"

शरद यादव का कहना है कि सोमनाथ चटर्जी पहले भी विवादास्पद टिप्पणी करते रहे हैं।

उनका कहना था, "ये ज़रूर है कि समय के साथ सदन चलाने का काम कठिन हो गया है लेकिन इस तरह किसी समस्या का समाधान करने से बात नहीं बनेगी।"

ग़ौरतलब है कि इन 32 सांसदों में से अधिकतर विपक्षी दलों के हैं और सबसे ज़्यादा सांसद भाजपा के हैं।

हालाँकि सरकार को बाहर से समर्थन दे रही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेता मोहम्मद सलीम कहते हैं, "ये लोकसभा अध्यक्ष का अधिकार है कि वो किसी सदस्य के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकते हैं। अगर सांसद ख़ुद कार्यवाही में बाधा डालते हैं तो विशेषाधिकार समिति कोई फ़ैसला कर सकती है।"

लोकसभा अध्यक्ष के इस क़दम का समाजवादी पार्टी ने भी विरोध किया है।

Friday, April 25, 2008

तुर्कमेनिस्तान से गैस ख़रीदेंगे भारत-पाक

भारत और पाकिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान से गैस ख़रीदने को राज़ी हो गए हैं।

दो दिनों की चर्चा के बाद दक्षिण और मध्य एशिया के चार देशों के पेट्रोलियम मंत्रियों ने गुरुवार को कई अरब डॉलर की एक परियोजना के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस सहमति के अनुसार तुर्केमेनिस्तान से अफ़ग़ानिस्तान के रास्ते वर्ष 2015 तक एक गैस पाइप लाइन बिछाई जाएगी जिससे भारत और पाकिस्तान को गैस मिल सकेगी।

प्रस्तावित परियोजना के अनुसार सत्रह सौ किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाई जाएगी।

7.6 अरब डॉलर की इस परियोजना पर वर्ष 2010 तक काम शुरु होने की संभावना है।

महत्वाकांक्षी परियोजना

संवाददाताओं का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए यह परियोजना बरसों से एक सपने की तरह दिखाई देती थी लेकिन अब इन देशों के नेताओं ने कहा है कि वे इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


पेट्रोलियम मंत्री
तुर्कमेनिस्तान गैस पाइप लाइन पर सभी ने प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है

इस परियोजना का समर्थन अमरीका भी करता है।

वर्ष 2004 में इस परियोजना की लागत 3.3 अरब डॉलर थी लेकिन अब यह लागत 7.6 अरब डॉलर तक पहुँच चुकी है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा, "हम इस परियोजना के लिए प्रतिबद्ध हैं और बढ़ी हुई लागत के बावजूद यह परियोजना चारों देशों के लिए आर्थिक रुप से व्यावहारिक है ।"

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार हालांकि तुर्कमेनिस्तान में अभी तक अपने तेल भंडार के विवरण ज़ाहिर नहीं किए हैं लेकिन उसने प्रतिदिन 3.2 अरब क्यूबिक फ़िट गैस प्रतिदिन देना स्वीकार किया है।

यह गैस पाइपलाइन अफ़ग़ानिस्तान में हेरात और कंधार से गुज़रेगी जबकि पाकिस्तान में मुस्तान से।

संभावना है कि शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधि ईरान के प्रतिनिधि से मिलेंगे और ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइप लाइन पर बातचीत करेंगे।

Monday, April 14, 2008

भारत-बांग्लादेश मैत्री का नया अध्याय

बांग्लादेश और भारत के बीच चार दशकों के लंबे इंतज़ार के बाद सोमवार, 14 अप्रैल से मैत्री का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है।

स्वतंत्र बांग्लादेश बनने के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच यात्री रेल सेवा शुरू की जा रही है जिसे काफ़ी महत्वपूर्ण घटना माना जा रहा है।

मैत्री रेलगाड़ी की तैयारियाँ

यह रेलगाड़ी सोमवार को कोलकाता से भारतीय समय के अनुसार सवेरे लगभग सवा सात बजे ढाका के लिए रवाना हुई।

इसी तरह की एक रेलगाड़ी सोमवार को ढाका से कोलकाता के लिए रवाना हुई है।

भारत के विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी और रेल मंत्री लालू प्रसाद ने सोमवार को बंगाली नव वर्ष के दिन ढाका जाने वाली ‘मैत्री एक्सप्रेस’ को कोलकाता से हरी झडी दिखा कर रवाना किया।

कुल 418 यात्रियों को बैठाने की क्षमता वाली मैत्री एक्सप्रेस सप्ताह में एक बार चलेगी। इसमें वातानुकूलित प्रथम श्रेणी (एसी-फ़र्स्ट) का किराया 780 रुपए और सबसे सस्ता किराया 320 रुपए होगा।

भारत और बांग्लादेश के बीच विमान सेवा और बस सेवा तो पहले से ही चल रही हैं लेकिन समझा जा रहा है कि मैत्री रेल सेवा एक सस्ता यातायात साधन साबित होगा।

ऐसा माना जा रहा है कि भारत विभाजन के बाद पूर्वी बंगाल से पश्चिमी बंगाल आकर बसे बहुत से लोग इस रेल सेवा का इस्तेमाल करेंगे।

कोलकाता में इस रेल सेवा को शुरू किए जाते समय बहुत से ऐसे लोग भी थे जो 1946 में पूर्वी बंगाल से पश्चिमी बंगाल आ गए थे और इस रेल में जाकर अब बांग्लादेश बन चुके उस ज़मीन को छूकर देखना चाहते हैं।

वर्ष 1965 तक ढाका और कोलकाता के बीच रेल संपर्क बहाल था लेकिन उसी समय पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरु हुआ और ये सेवा बंद कर दी गई थी।

उस समय बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था जिसे पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था लेकिन 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद भारत के साथ रेल सेवा बहाल नहीं हो सकी थी।

अहम फ़ैसला

बांग्लादेश के साथ मैत्री रेल सेवा शुरू करने का फ़ैसले को भारत सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में मंज़ूरी दी थी। दोनों देशों में वर्ष 2001 में रेलगाड़ी फिर से चलाने पर सहमति हुई थी।


समझौता एक्सप्रेस
भारत-पाकिस्तान के बीच ये ट्रेन हफ़्ते में दो दिन चलती है

इससे पहले 24 फ़रवरी को कैबिनेट ने दोनों देशों के बीच अस्थाई चार दीवारी बनाने के भारतीय प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी थी ताकि यात्री रेल चलाए जाने का रास्ता सुलभ हो सके।

दोनों देशों के रेलवे अधिकारियों ने पिछले सप्ताह दो दिन चली दोतरफ़ा बैठक में रेल सेवा शुरू करने के लिए इससे संबंधित सभी मुद्दों को अंतिम रूप दिया।

मैत्री एक्सप्रेस में प्रति यात्री 35 किलोग्राम वज़न तक का सामान लेकर जा सकता है। जबकि पाँच साल से कम उम्र के बच्चे के साथ 20 किलोग्राम तक वज़न का सामान बिना किसी शुल्क के लेकर जाया जा सकता है।

कोलकाता से एक ऐसा व्यक्ति मैत्री एक्सप्रेस में सवार हुआ जो 1965 में रेलगाड़ी से ढाका से कोलकाता आया था। वो रेलगाड़ी उसके बाद बंद हो गई थी। उस समय उस व्यक्ति की उम्र नौ साल थी।

अब 54 वर्षीय राखल दास ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "ढाका जाने वाली सीधी बस सेवा का टिकट काफ़ी महंगा है और हवाई यात्रा को मेरे बस के बाहर है लेकिन रेल यात्रा मेरी जेब के दायरे में है।"

समझौता एक्सप्रेस

इससे पहले वर्ष 2004 में पाकिस्तान और भारत के बीच रेल सेवा शुरू की गई थी जिससे दोनों देशों के बीच यातायात संबध बहाल हुए हैं।

इस ट्रेन के ज़रिए यात्री सप्ताह में दो दिन दिल्ली से लाहौर की यात्रा कर रहे हैं।


थार एक्सप्रेस
थार एक्सप्रेस हफ़्ते में एक बार चलती है

भारत में दिसंबर 2001 में संसद परिसर में हुए चरमपंथी हमले के बाद से इस गाड़ी को रोक दिया गया था लेकिन बाद में दोनों देशों के बीच संबध सुधरे और रेल सेवा फिर बहाल कर दी गई।

भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी सदभाव के लिए समझौता एक्सप्रेस 1976 से चलनी शुरू हुई थी।

थार एक्सप्रेस

इसी तरह वर्ष 2006 में भारतीय राजस्थान राज्य और पाकिस्तान के सिंध प्रांत को जोड़ने वाली थार एक्सप्रेस की शुरूआत की गई थी।

ये रेल सेवा दोनों देशों के बीच करीब 41 वर्षों के बाद शुरू की गई थी।

इस रेल सेवा का ज़रिए शुरुआती छह महीनों में क़रीब 31 हज़ार यात्रियों ने यात्रा की और अपने परिजनों से मुलाक़ात की थी।

दिसंबर 2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद इस ट्रेन को रोक दिया गया था लेकिन फिर जल्द ही सेवा बहाल कर दी गई।

Saturday, April 5, 2008

तेल की क़ीमतों में उछाल जारी

अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत फ़िर बढ़ कर 106 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। इसके असर से भारत में महँगाई और बढ़ सकती है।

ताज़ा उछाल अमरीका में रोज़गार के आँकड़ों में कमी की रिपोर्ट के बाद आया है।

वायदा बाज़ार में मई माह के लिए 106 डॉलर 23 सेंट प्रति बैरल की दर से कच्चे तेल की बोली लगाई गई।

लंदन के बाज़ार में कच्चा तेल दो डॉलर चढ़ कर लगभग 105 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

भारत के लिए ये बुरी ख़बर है जहाँ महँगाई की दर तीन साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुँच चुकी है।

भारत अपनी ज़रूरतों का 70 फ़ीसदी कच्चा तेल आयात करता है और क़मीतें बढ़ने से पेट्रोल और डीजल की क़ीमत फिर बढ़ाई जा सकती है।

एक्सॉन मोबिल के अमरीकी रिफ़ाइनरी में आग लगने की ख़बर का असर भी बाज़ार पर पड़ा।

अमरीका में गर्मी के दिनों में पेट्रोल की खपत बढ़ जाती है, इसलिए आपूर्ति में किसी तरह की गड़बड़ी से क़ीमतें बढ़ जाती हैं।

अमरीकी डॉलर के यूरो के मुक़ाबले कमज़ोर पड़ने का असर भी तेल क़ीमतों पर पड़ रहा है और निवेशक मुद्रा बाज़ार में घुसने के बज़ाए कमोडिटी बाज़ार में निवेश कर रहे हैं।

Wednesday, April 2, 2008

एमनेस्टी ने चीन की कड़ी आलोचना की

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि चीनी प्रशासन ने दुनिया की नज़र में अपनी छवि स्थिर और शांतिपूर्ण देश की प्रस्तुत करने की कोशिश में विभिन्न गतिविधियों का मुँह बंद करने की कोशिश की है।

एमनेस्टी का कहना है कि तिब्बत की कार्रवाई के बाद यदि विदेशी नेताओं और ओलंपिक समिति के सदस्यों ने चीन के मानवाधिकार उल्लंघन की बात नहीं की, तो इसमें उनकी सहमति नज़र आएगी।

बीजिंग से पत्रकार सैबल दास का कहना है कि चीन पर छवि को लेकर भारी दबाव है।

वो अपनी ‘अत्याचारी’ की छवि पेश नहीं करना चाहता है क्योंकि इससे बहुत से पश्चिमी देशों के एथलीट और नेता ओलंपिक खेलों के दौरान नहीं आएँगे।

इसके पहले चीन ने कहा था कि ओलंपिक खेलों में बाधा डालने के लिए तिब्बती आत्मघाती हमला कर सकते हैं।

हालांकि धर्मशाला स्थित निर्वासित तिब्बती सरकार ने बीजिंग के इन आरोपों का खंडन किया है।

चीन के नागरिक सुरक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को दावा किया कि ल्हासा और तिब्बत के अन्य हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन के बाद अब तिब्बती आत्मघाती हमले की साजिश रच रहे हैं।

भारत की सलाह

इधर भारत के विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भारत में रह रहे निर्वासित शीर्ष तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा को आगाह किया है कि वे ऐसा कोई काम न करें जिससे भारत और चीन के आपसी रिश्तों पर असर पड़े।


यदि विदेशी नेताओं और ओलंपिक समिति के सदस्यों ने चीन के मानवाधिकार उल्लंघन की बात नहीं की, तो इसमें उनकी सहमति नज़र आएगी

एमनेस्टी इंटरनेशनल

प्रणव मुखर्जी ने कहा कि दलाई लामा हमेशा की तरह भारत में सम्मान से रह सकते हैं लेकिन राजनीतिक गतिविधियों से उन्हें दूर रहना चाहिए।

विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जबकि भारत में लगातार चीन विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं।

एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में प्रणव मुखर्जी ने कहा, "भारत उनका मेज़बान बना रहेगा लेकिन अपने भारत प्रवास के दौरान उन्हें किसी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लेना चाहिए और कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहिए जिससे कि भारत और चीन के आपसी संबंधों पर बुरा असर हो।"

भारत के लिए यह एक कठिन चुनौती है क्योंकि वह तिब्बत के शीर्षस्थ नेता और उनके सहयोगियों को अपने यहाँ शरण देता है लेकिन साथ ही चीन से भी अपने रिश्ते ख़राब नहीं करना चाहता।

Wednesday, March 12, 2008

भारत में हवाईअड्डा कर्मचारियों की देशव्यापी 'हड़ताल'

बुधवार का दिन भारत में विमानयात्राएं करने वालों के लिए कठिन और कष्टप्रद हो सकता है क्योंकि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के कर्मचारियों ने देशव्यापी हड़ताल शुरू कर दी है।

अपनी चेतावनी के अनुसार ही क़रीब 14 हज़ार हवाईअड्डा कर्मचारियों ने मंगलवार को मध्यरात्रि से ही अपनी हड़ताल शुरू कर दी है।

हालांकि हड़ताल पर अदालती रोक के मद्देनज़र कर्मचारी यूनियनों ने इसे हड़ताल के बजाय 'असहयोग' का नाम दिया है।

कर्मचारी बंगलौर और हैदराबाद के हवाईअड्डों को निजी हवाईअड्डों के कामकाज लायक होने के बाद बंद किए जाने के फ़ैसले का विरोध कर रहे हैं और इसे वापस लेने की माँग कर रहे हैं।

पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कर्मचारियों की ओर से की जा रही इस माँग को मानने से इनकार कर दिया है। उधर हड़ताल के मद्देनज़र ज़रूरी सेवाओं संबंधी क़ानून (ईएसएमए) लागू कर दिया गया है ताकि कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोका जा सके।

देश के 127 हवाईअड्डे प्राधिकरण के अधीन हैं और कर्मचारियों की हड़ताल से इन हवाईअड्डों पर कामकाज प्रभावित हो सकता है।

हालांकि सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक तैयारी कर ली है। भारतीय वायुसेना के 479 कर्मियों को देश के 21 महत्वपूर्ण हवाईअड्डों पर तैनात कर दिया गया है।

इनमें दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई और बंगलौर के हवाईअड्डे भी शामिल हैं ताकि हवाई यातायात को ठप होने से रोका जा सके और स्थितियां नियंत्रण में रहें।

इससे पहले मंगलवार की शाम भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के आलाअधिकारियों ने कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की ताकि हड़ताल को टाला जा सके पर यह कोशिश नाकामयाब ही रही।

निजीकरण का विरोध

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव एएन श्रीवास्तव ने कहा है कि कर्मचारियों को दिल्ली हाईकोर्ट का वह फैसला ध्यान में रखना चाहिए जिसमें हड़ताल करने और धरने-प्रदर्शन पर रोक लगा रखी गई है। यूनियनें इस बात को ध्यान में रखते हुए फ़ैसला लें।


नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल
कर्मचारियों की माँग है कि सरकार निजीकरण को रोके

पर हड़ताल पर गए कर्मचारियों का कहना है कि सरकार बंगलौर और हैदराबाद के हवाईअड्डों को भविष्य में बंद करने का फ़ैसला वापस ले और निजी हवाईअड्डों को प्रभावी न बनाया जाए।

कर्मचारियों की यूनियनों के संयुक्त मोर्चे के नेता एमके घोषाल ने चिंता व्यक्त की कि अगर ऐसा होता है तो केवल कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि प्राधिकरण को भी काफी नुकसान होगा और एक समय के बाद प्राधिकरण निस्प्रभावी हो जाएगा।

हालांकि हड़ताल शुरू होने के बाद से अभी तक कहीं से किसी कठिनाई या हवाई यातायात के प्रभावित होने की ख़बरें नहीं आई हैं पर दिन चढ़ने के बाद इसका असर बढ़ सकता है।

ग़ौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2006 में भी प्राधिकरण के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी जिसका भारत में विमान सेवाओं पर ख़ासा असर पड़ा था और हज़ारों लोग प्रभावित हुए थे।

Thursday, February 28, 2008

आज पेशा होगा भारत का आर्थिक सर्वेक्षण

भारतीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम बजट से पहले आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे। इसमें पिछले कुछ महीनों में बढ़ी महँगाई का ज़िक्र होने की संभावना है।

आर्थिक सर्वेक्षण संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा..

सर्वेक्षण में अमेरीकी अर्थव्यवस्था में छाए संकट के मद्देनज़र घरेलू अर्थव्यवस्था पर उसके प्रभावों को प्रमुखता से बताए जाने की उम्मीद है।

वित्तमंत्री पी चिदंबरम कई बार ये उम्मीद जता चुके हैं कि नौ फ़ीसदी विकास दर का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।

केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के संशोधित अनुमान के अनुसार वर्ष 2006-07 में आर्थिक विकास दर 9.6 प्रतिशत थी।

दिसंबर 2007 के मासिक आँकड़ों के मुताबिक मैनुफैक्चरिंग क्षेत्र की विकास दर 13 फ़ीसदी से घट कर लगभग दस फ़ीसदी रह गई है।

आर्थिक सर्वेक्षण में इस तरह की सुस्ती के कारणों के बारे जानकारी दिए जाने की संभावना है। इस वित्त वर्ष के दौरान डॉलर के मुक़ाबले रूपए में आई मज़बूती का भी निर्यातों पर असर पड़ा है।

इसी तरह महंगाई बढ़ने का ख़तरा भी बना हुआ है जो चार फ़ीसदी के पार पहुँच चुका है।

आर्थिक सर्वेक्षण में इन्हीं मुद्दों पर सरकार की तरफ से सफाई और आने वाले साल के बारे में नई तस्वीर पेश की जाएगी।