Wednesday, March 12, 2008

भारत में हवाईअड्डा कर्मचारियों की देशव्यापी 'हड़ताल'

बुधवार का दिन भारत में विमानयात्राएं करने वालों के लिए कठिन और कष्टप्रद हो सकता है क्योंकि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के कर्मचारियों ने देशव्यापी हड़ताल शुरू कर दी है।

अपनी चेतावनी के अनुसार ही क़रीब 14 हज़ार हवाईअड्डा कर्मचारियों ने मंगलवार को मध्यरात्रि से ही अपनी हड़ताल शुरू कर दी है।

हालांकि हड़ताल पर अदालती रोक के मद्देनज़र कर्मचारी यूनियनों ने इसे हड़ताल के बजाय 'असहयोग' का नाम दिया है।

कर्मचारी बंगलौर और हैदराबाद के हवाईअड्डों को निजी हवाईअड्डों के कामकाज लायक होने के बाद बंद किए जाने के फ़ैसले का विरोध कर रहे हैं और इसे वापस लेने की माँग कर रहे हैं।

पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कर्मचारियों की ओर से की जा रही इस माँग को मानने से इनकार कर दिया है। उधर हड़ताल के मद्देनज़र ज़रूरी सेवाओं संबंधी क़ानून (ईएसएमए) लागू कर दिया गया है ताकि कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोका जा सके।

देश के 127 हवाईअड्डे प्राधिकरण के अधीन हैं और कर्मचारियों की हड़ताल से इन हवाईअड्डों पर कामकाज प्रभावित हो सकता है।

हालांकि सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक तैयारी कर ली है। भारतीय वायुसेना के 479 कर्मियों को देश के 21 महत्वपूर्ण हवाईअड्डों पर तैनात कर दिया गया है।

इनमें दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई और बंगलौर के हवाईअड्डे भी शामिल हैं ताकि हवाई यातायात को ठप होने से रोका जा सके और स्थितियां नियंत्रण में रहें।

इससे पहले मंगलवार की शाम भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के आलाअधिकारियों ने कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की ताकि हड़ताल को टाला जा सके पर यह कोशिश नाकामयाब ही रही।

निजीकरण का विरोध

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव एएन श्रीवास्तव ने कहा है कि कर्मचारियों को दिल्ली हाईकोर्ट का वह फैसला ध्यान में रखना चाहिए जिसमें हड़ताल करने और धरने-प्रदर्शन पर रोक लगा रखी गई है। यूनियनें इस बात को ध्यान में रखते हुए फ़ैसला लें।


नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल
कर्मचारियों की माँग है कि सरकार निजीकरण को रोके

पर हड़ताल पर गए कर्मचारियों का कहना है कि सरकार बंगलौर और हैदराबाद के हवाईअड्डों को भविष्य में बंद करने का फ़ैसला वापस ले और निजी हवाईअड्डों को प्रभावी न बनाया जाए।

कर्मचारियों की यूनियनों के संयुक्त मोर्चे के नेता एमके घोषाल ने चिंता व्यक्त की कि अगर ऐसा होता है तो केवल कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि प्राधिकरण को भी काफी नुकसान होगा और एक समय के बाद प्राधिकरण निस्प्रभावी हो जाएगा।

हालांकि हड़ताल शुरू होने के बाद से अभी तक कहीं से किसी कठिनाई या हवाई यातायात के प्रभावित होने की ख़बरें नहीं आई हैं पर दिन चढ़ने के बाद इसका असर बढ़ सकता है।

ग़ौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2006 में भी प्राधिकरण के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी जिसका भारत में विमान सेवाओं पर ख़ासा असर पड़ा था और हज़ारों लोग प्रभावित हुए थे।

1 comment:

Anonymous said...

buy Accupril online without rx
buy Accupril in South Dakota