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Tuesday, April 22, 2008

ओबामा-हिलेरी फिर आमने-सामने

लगभग सवा महीने के बाद बराक ओबामा और हिलेरी क्लिंटन आज एक बार फिर आमने सामने हैं पेनसिलवैनिया में।

पिछला मुक़ाबला हुआ था मिसिसिपी में और उसके बाद के इस लंबे इंटरवल में ख़ामोशी रहेगी, इसकी तो किसी को उम्मीद नहीं थी लेकिन राजनीतिक तू-तू, मैं-मैं का ऐसा खेल देखने को मिलेगा इसका अंदाज़ा शायद ही किसी को रहा होगा।

पहले, बराक ओबामा बुरी तरह फंसे जब उनके बेहद क़रीबी और उनके चर्च के पादरी पैस्टर राइट के कई ऐसे बयान वेबसाइट यू ट्यूब पर नज़र आए जो किसी भी उम्मीदवार के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।

पता चला कि उन्होंने काले लोगों के इस चर्च में कई बार अमरीका और अमरीकी नीतियों को भला बुरा कहा था।

इसके बाद ओबामा पर दबाव बढ़ा कि वो ये कहें कि जिस पैस्टर राइट को कल तक वो अपने परिवार का हिस्सा कहते थे, उनसे वो नाता तोड़ रहे हैं।

ओबामा की मुश्किल ये थी कि अगर रिश्ता तोड़ने की बात करें तो काले समुदाय में बुरे बनें, नहीं करें तो देश के गोरे वोटर नाराज़।

उन्होंने बीच का रास्ता निकाला और नस्लभेद की सम्स्या पर एक ज़बरदस्त भाषण दे डाला। मामला कुछ ठंडा हुआ है लेकिन दबा नहीं है।

हिलेरी की समस्या

उधर हिलेरी क्लिंटन 1996 के अपने बोस्निया दौरे के बयान पर फंस गईं।


हिलेरी क्लिंटन
क्लिंटन को ओबामा खेमे से कड़े हमले झेलने पड़े हैं

उन्होंने कहा कि जब वो वहां उतरी थीं तो हवाई अ़ड्डे के आसपास गोलियां चल रही थीं और वो बचते बचाते निकली थीं। एक अख़बार ने खोजबीन की, पता चला ऐसा कुछ नहीं हुआ था।

बस ओबामा कैंप टूट पड़ा और हिलेरी को एक टीवी डिबेट में माफ़ी मांगनी पड़ी।

लेकिन फिर ओबामा ने बयान दे दिया कि देश के कई हिस्सों में लोगों में इतनी कड़वाहट है इसलिए वो धर्म और बंदूक से चिपके रहते हैं।

अमरीका के एक बड़े तबके के लिए धर्म बहुत मायने रखता है और बंदूक रखना भी संस्कृति का हिस्सा है।

हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि ओबामा ने ये बयान देकर कुछ लोगों की संस्कृति को छोटा कहा है और ज़मीनी हक़ीकत से वो कटे हुए हैं।

ओबामा फिर बैकफ़ुट पर नज़र आए और जब देखा कि हिलेरी के हमले बंद नहीं हो रहे, तो उन्होंने भी जवाबी हमला शुरू कर दिया।

डाल-डाल, पात-पात


ओबामा
ओबामा अगर डेमोक्रेट उम्मीदवार बनते हैं और राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो अमरीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बनेंगे

ये आपसी बयानबाज़ी और तीखी होगी इसमें कोई शक नहीं क्योंकि अभी भी फ़ैसला कोसों दूर नज़र आ रहा है।

पेंसिलवेनिया में चुनाव से पहले हुए सर्वे में हिलेरी ओबामा से आगे चल रही हैं लेकिन अब तक जितने चुनाव हो चुके हैं उनमें ओबामा ने ज़्यादा जीत हासिल की है।

हिलेरी क्लिंटन की दलील है कि उन्होंने उन बड़े राज्यों में जीत हासिल की है जिन्हें जीते बिना राष्ट्रपति पद हासिल करने की कोई सोच भी नहीं सकता और पेंसिलवेनिया ऐसा ही एक राज्य है।

विश्लेषकों का कहना कि अगर हिलेरी ने बड़े अंतर से ओबामा को यहां हराया तब वो अपना दावा बरकरार रख सकती हैं।

लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर उनपर मैदान से हटने का दबाव और बढ़ेगा क्योंकि ये रेस जितनी लंबी खिंच रही है उससे डेमोक्रेट्स को डर है कि पार्टी आपस में ही बंट रही है और घर की इस लड़ाई का फ़ायदा मिल रहा है रिपबलिकन पार्टी को।

Wednesday, April 9, 2008

बराक-हिलेरी ने कहा, इराक़ से सेना हटाएँ

अमरीकी राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों बराक ओबामा और हिलेरी क्लिंटन ने दोहराया है कि इराक़ से सेना की वापसी होना चाहिए।

जबकि रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार जॉन मैक्केन ने पार्टी लाइन पर बने रहकर कहा है कि सेना की वापसी ख़तरनाक हो सकती है और अलक़ायदा फिर से ताक़तवर हो जाएगा।

इराक़ में अमरीका के सबसे वरिष्ठ कमांडर जनरल डेविड पेट्रियस ने वॉशिंगटन में चल रही संसद की सुनवाई में कहा है कि इराक़ में अमरीकी सैनिकों की मौजूदगी अभी ज़रूरी है और जुलाई से सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम पर पुरर्विचार किया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि इराक़ पर हमले के पाँच सालों में चार हज़ार से अधिक अमरीकी सैनिकों की मौत हो गई है और अब वहाँ सैनिकों की मौजूदगी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनी हुई है।

अपना-अपना राग

आमतौर पर सीनेट का कमेटी रुम राजनीतिक प्रहसनों का मंच बना होता है और इराक़ के मामले में हो रही सुनवाई में राष्ट्रपति चुनाव के तीनों भावी उम्मीदवार अपने-अपने नाटकीय अंदाज़ में प्रस्तुत थे।

वे चुनाव प्रचार के लिए उपयोग में आने वाली अपनी सबसे अच्छी पंक्तियों के साथ हाज़िर थे और उन्होंने पूरी तैयारी की थी।

डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि यदि वे राष्ट्रपति बनीं तो इराक़ से अमरीकी सैनिकों की वापसी साठ दिनों के भीतर शुरु हो जाएगी।

हालांकि बराक ओबामा की लाइन इससे कुछ अलग थी और उन्होंने कहा कि सेना की वापसी के लिए एक टाइमटेबल बनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इराक़ के मामले में ईरान से भी बात करनी चाहिए।

लेकिन रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के अधिकृत उम्मीदवार होने जा रहे जॉन मैक्केन ने कहा कि इस समय सेना की वापसी ठीक नहीं होगी।

उनका कहना था कि इससे अलक़ायदा फिर मज़बूत हो सकता है।

सुरक्षा

लेकिन इराक़ में अमरीकी सेना की कमान संभाले हुए जनरल पैट्रियस ने कहा कि सरकार को जुलाई से सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम पर पुनर्विचार करना चाहिए।

जनरल पैट्रियस
जनरल पैट्रियस को लगता है कि इराक़ सुरक्षा में अभी स्थायित्व नहीं है

उन्होंने कहा कि इराक़ में सुरक्षा के मामले में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है हालांकि यह सभी जगह एक समान नहीं है।

उनका कहना था कि गर्मियों में एक बार इराक़ में सैनिकों की संख्या के बारे में फिर से आकलन करने की ज़रुरत होगी।

उन्होंने माना कि पिछले दिनों बसरा में हुए ऑपरेशन की योजना ठीक तरह से नहीं बनी थी।

उन्होंने सांसदों को बताया कि पिछले सितंबर में उन्होंने इराक़ की जो स्थिति बताई थी अब उसमें काफ़ी सुधार हुआ है।

लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि वहाँ सुधार की वास्तविक स्थिति अभी भी बहुत नाज़ुक है और यह स्थिति पलट भी सकती है।

यानी सब कुछ अभी भी अमरीकी और इराक़ी फ़ौजों के हाथ में नहीं है।

दो दिनों की सुनवाई के पहले दिन इराक़ में अमरीका के राजदूत रायन क्रॉकर ने संसद को इराक़ की स्थिति की ताज़ा स्थिति से अवगत कराया।