Wednesday, April 9, 2008

बराक-हिलेरी ने कहा, इराक़ से सेना हटाएँ

अमरीकी राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों बराक ओबामा और हिलेरी क्लिंटन ने दोहराया है कि इराक़ से सेना की वापसी होना चाहिए।

जबकि रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार जॉन मैक्केन ने पार्टी लाइन पर बने रहकर कहा है कि सेना की वापसी ख़तरनाक हो सकती है और अलक़ायदा फिर से ताक़तवर हो जाएगा।

इराक़ में अमरीका के सबसे वरिष्ठ कमांडर जनरल डेविड पेट्रियस ने वॉशिंगटन में चल रही संसद की सुनवाई में कहा है कि इराक़ में अमरीकी सैनिकों की मौजूदगी अभी ज़रूरी है और जुलाई से सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम पर पुरर्विचार किया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि इराक़ पर हमले के पाँच सालों में चार हज़ार से अधिक अमरीकी सैनिकों की मौत हो गई है और अब वहाँ सैनिकों की मौजूदगी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनी हुई है।

अपना-अपना राग

आमतौर पर सीनेट का कमेटी रुम राजनीतिक प्रहसनों का मंच बना होता है और इराक़ के मामले में हो रही सुनवाई में राष्ट्रपति चुनाव के तीनों भावी उम्मीदवार अपने-अपने नाटकीय अंदाज़ में प्रस्तुत थे।

वे चुनाव प्रचार के लिए उपयोग में आने वाली अपनी सबसे अच्छी पंक्तियों के साथ हाज़िर थे और उन्होंने पूरी तैयारी की थी।

डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि यदि वे राष्ट्रपति बनीं तो इराक़ से अमरीकी सैनिकों की वापसी साठ दिनों के भीतर शुरु हो जाएगी।

हालांकि बराक ओबामा की लाइन इससे कुछ अलग थी और उन्होंने कहा कि सेना की वापसी के लिए एक टाइमटेबल बनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इराक़ के मामले में ईरान से भी बात करनी चाहिए।

लेकिन रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के अधिकृत उम्मीदवार होने जा रहे जॉन मैक्केन ने कहा कि इस समय सेना की वापसी ठीक नहीं होगी।

उनका कहना था कि इससे अलक़ायदा फिर मज़बूत हो सकता है।

सुरक्षा

लेकिन इराक़ में अमरीकी सेना की कमान संभाले हुए जनरल पैट्रियस ने कहा कि सरकार को जुलाई से सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम पर पुनर्विचार करना चाहिए।

जनरल पैट्रियस
जनरल पैट्रियस को लगता है कि इराक़ सुरक्षा में अभी स्थायित्व नहीं है

उन्होंने कहा कि इराक़ में सुरक्षा के मामले में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है हालांकि यह सभी जगह एक समान नहीं है।

उनका कहना था कि गर्मियों में एक बार इराक़ में सैनिकों की संख्या के बारे में फिर से आकलन करने की ज़रुरत होगी।

उन्होंने माना कि पिछले दिनों बसरा में हुए ऑपरेशन की योजना ठीक तरह से नहीं बनी थी।

उन्होंने सांसदों को बताया कि पिछले सितंबर में उन्होंने इराक़ की जो स्थिति बताई थी अब उसमें काफ़ी सुधार हुआ है।

लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि वहाँ सुधार की वास्तविक स्थिति अभी भी बहुत नाज़ुक है और यह स्थिति पलट भी सकती है।

यानी सब कुछ अभी भी अमरीकी और इराक़ी फ़ौजों के हाथ में नहीं है।

दो दिनों की सुनवाई के पहले दिन इराक़ में अमरीका के राजदूत रायन क्रॉकर ने संसद को इराक़ की स्थिति की ताज़ा स्थिति से अवगत कराया।

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