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Thursday, March 5, 2009

ब्रह्ममोस का हुआ सफल परिक्षण - मार्च 5, 2009

हिन्दी अनुवाद:

पहले परीक्षण में नाकाम रही सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्ममोस के नए संस्करण का बुधवार को राजस्थान के पोखरन फील्ड फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण किया गया।

जमीन से जमीन पर 290 किलोमीटर तक मार करने वाली इस मिसाइल के अभी कई परीक्षण किए जाएंगे। इसके बाद ही तय होगा कि यह भारतीय सेना की जरूरतें पूरी करने में कितनी सक्षम है। थार रेगिस्तान के भोजासर गांव के निकट लांचिंग पैड से इसे सुबह 10:30 बजे छोड़ा गया। करीब 2.5 मिनट में ही इसने करीब 50 किमी दूर स्थित लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेद दिया। नए संस्करण कोब्रह्ममोस ब्लॉक-2’ नाम दिया गया है। यह छिपे हुए लक्ष्य भी भेद सकता है। इसमें लगे गाइडेंस सॉफ्टवेयर के चलते यह अचूक वार करता है। इससे आसपास के भवनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।

इस साल 20 जनवरी को ब्रह्ममोस का पहला परीक्षण नाकाम रहा था। परीक्षण के दौरान डिप्टी आर्मी चीफ (प्लानिंग एंड सिस्टम) लेफ्टिनेंट जनरल एमएस डडवाल भी थे। भारत-रूस का साझा उपक्रमब्रह्ममोस एयरोस्पेस कॉपरेरेशनइसे बना रहा है।

English Translation:

Suspense shrouded the outcome of a test of an advanced version of India’s sole cruise missile, Brahmos, tonight with defence scientists and army officials unwilling to disclose whether the missile had struck its target.

More than eight hours after the planned 150-second test flight of the Brahmos-Mark II cruise missile in Rajasthan’s Pokhran firing range, army sources said they were “still evaluating” whether the 290km-range missile had hit its intended target.

The Brahmos supersonic cruise missile — a weapon designed to home onto targets with the help of sophisticated software — has been developed under a joint project between India’s Defence Research and Development Organisation and a Russian company.

Several tests of the first generation of Brahmos have already been successfully conducted. The army has already raised a regiment of this first version: Brahmos Mark I.

A test of an advanced Brahmos Mark II on January 20 had failed in mid-flight after a successful launch.

A few hours after today’s test, DRDO sources declared it as “largely successful” while army sources said they were “evaluating whether the mission had met all the general staff quality requirements”.

Thursday, May 29, 2008

दिल्ली के आस-पास गूजरों का चक्का जाम

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गुरुवार को गूजरों ने आंदोलन शुरू कर दिया है।

गूजरों ने पूर्वी दिल्ली के गाज़ीपुर इलाक़े में नेशनल हाइवे 24 को जाम कर दिया है।

दिल्ली-हापुर हाइवे और दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेस हाइवे को जाम किए जाने की ख़बर है।

दादारी इलाके में सुबह-सुबह गूजरों ने कुछ लोकल ट्रेनों को भी रोका है।

गूजरों के इस एनसीआर रोको आंदोलन की वजह से दिल्ली में दूध और सब्ज़ियों की सप्लाई पर मामूली असर दिखाई पड़ा है।

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) में भी गूजरों ने सभी अहम सड़कों को बंद करने का मन बनाया है।

गूजर आंदोलन को एक साल

गूजरों ने गुरुवार को गूजर आंदोलन की बरसी मनाने की तैयारी पूरी कर ली है। राजस्थान के पाटौली इलाक़े में गूजरों ने तमाम रास्तों को जाम कर दिया है।

गूजरों ने जयपुर बंद का भी आह्वान किया है। जयपुर में बंद को देखते हुए राजस्थान सरकार ने सुरक्षा कड़ी कर दी है।

गुरुवार की सुबह सरकार ने राज्य के गूजर बाहुल्य इलाकों में हेलीकॉप्टर से पर्चे भी गिरवाए हैं।

राज्य के छह ज़िलों के सैकड़ों कस्बों में तकरीबन तीन लाख पर्चे बरसाए गए हैं।

इन पर्चों में लिखा है कि गूजर शांति बनाए रखें। अपना आंदोलन छोड़ दें। सरकार उनके लिए तमाम कोशिशें कर रही है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में वैसे तो गूजरों की आबादी अधिक नहीं है लेकिन फिर भी सरकार ने सुरक्षा चाकचौबंद रखी है।

गूजर बाहुल्य इलाक़ों दौसा, सिकंदरा, भरतपुर,पीलूपुरा में आंदोलन तेज़ हो सकता है।

Tuesday, May 27, 2008

गूजर नेता बैंसला के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

राजस्थान सरकार ने व्यापक हिंसा और अराजकता के बाद अब गूजर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के विरुद्ध शिकंजा कसने का संकेत दिया है।

भरतपुर पुलिस ने बैंसला के विरुद्ध राज्य के ख़िलाफ़ अपराध करने का मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही पुलिस ने भरतपुर ज़िले में 38 गूजरों को गिरफ्तार भी किया है।

भरतपुर के नए पुलिस अधीक्षक रोहित पुरोहित ने बीबीसी को बताया की बैंसला के ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने बैंसला को प्राथमिकी में नामजद किया है। भारतीय दंड संहिता की जिन धाराओं में बैंसला के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है, उनमें अगर अरोप साबित हो जाए तो व्यक्ति को आजीवन कारावास तक की सज़ा मिल सकती है।

बैंसला के अलावा पुलिस ने डकैती के मामलों में अभियुक्त जगन गूजर के विरुद्ध भी मामला दर्ज किया है।

कथित दस्यु सरगना जगन गत दिनों गूजरों के विरोध-प्रदर्शन में हथियारों के साथ दिखाई दिया था। उसके साथ उसकी प्रेमिका भी थी।

गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि आंदोलन पर आपराधिक तत्त्व हावी हो गए है। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने भी ने रविवार को कहा था कि अपराधों मे लिप्त कई चेहरे इस आंदोलन के मंचों पर देखे गए हैं।

इसके बाद पुलिस हरकत में आई। इस बीच सरकार ने गूजर नेताओं के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में भी एक याचिका दाखिल कर कहा है कि गूजर नेताओं ने अदालत की पाबंदी के बावजूद कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की है।

सख़्त होती सरकार

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि गूजर आंदोलन का मुद्दा अब कई राज्यों को प्रभावित कर रहा है इसलिए वो राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएँ और समाधान निकालें।


मृतक गूजरों के शव
पिछले एक साल के दौरान गूजर आंदोलन में कम से कम 63 लोगों की मौत हो चुकी है

राजस्थान सरकार ने केंद्र से सिफ़ारिश की है कि गूजरों के लिए जनजाति आरक्षण से अलग चार से छह प्रतिशत गैर अधिसूचित कोटे से आरक्षण की व्यवस्था करे। पहले भी सरकार केंद्र से यह आग्रह कर चुकी है।

राजस्थान की ताज़ा स्थित के बारे में राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा, “राज्य में कमोबेश 34 स्थानों पर गुजरों ने विरोध प्रदर्शन किए, कुछ वाहनों की तोड़-फोड़ की, रास्ते रोके। लोकिन शांति बनी हुई है।”

सरकार का कहना है कि राजस्थान में चल रहे गूजरों के आंदोलन में मरने वालों की संख्या 37 है जबकि 50 लोग घायल है।

पुलिस के मुताबिक घायलों पर पुलिस के हथियारों के अलावा देसी, अवैध हथियोरों से चोट (छर्रें) के निशान है।

उनका कहना है कि लाश को पोस्टमार्टम के लिए इस वजह से नहीं दिया जा रहा है कि ऐसे में इस सच का खुलासा हो जाएगा कि मौत सिर्फ़ पुलिस की गोली से ही नहीं हुई है।

सरकार का कहना है कि इस आंदोलन में आपराधिक तत्वों का हाथ है और वे आंदोलन पर क़ाबिज़ हैं।

राजस्थान में जनजाति का दर्जा देने की माँग को लेकर गूजरों का आंदोलन राज्य के दूसरे हिस्सों में भी फैल गया है।

आंदोलनकारियों ने सोमवार को जगह-जगह रेल और सड़क मार्ग को जाम किया। गूजरों ने सोमवार को उदयपुर-अहमदाबाद और झालावाड़-इंदौर मार्ग को निशाना बनाया।

दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पहले से ही आंदोलन की चपेट में है। रविवार की रात आगरा-बाँदीकुई रेलमार्ग भी बाधित हुआ।

आंदोलन

इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार से चल रहे इस आंदोलन के दौरान हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या 37 तक पहुँच गई है।

राज्य सरकार ने एक बार फिर कहा है कि वह मसले के समाधान के लिए गूजरों से बातचीत के लिए तैयार है लेकिन गूजर नेता बातचीत को तैयार नहीं दिख रहे हैं।

सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी को कुछ महीने बाद ही विधानसभा चुनावों का सामना करना है इसलिए वह चाहती है कि मामला जितनी जल्दी शांत हो जाए, उतना अच्छा है।

यही वजह है कि सरकार ने कहा है कि किरोड़ी सिंह बैंसला बातचीत के लिए अपना दूत भी भेज सकते हैं।

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रविवार को भरतपुर ज़िले के बयाना इलाक़े में हालाज का जायज़ा लेने गई थीं लेकिन बैंसला से उनकी भेंट नहीं हुई।

बयाना के लोगों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर बैंसला चाहें तो उनसे मिल सकते हैं।

पिछले साल भी गूजरों ने जनजाति का दर्जा देने की माँग को लेकर उग्र आंदोलन किया था और उस समय भी बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में 26 लोगों की मौत हुई थी।

तब राज्य सरकार और गूजर नेताओं के बीच समझौते के बाद आरक्षण की माँग पर विचार के लिए चोपड़ा आयोग का गठन किया गया था।
इस आयोग ने रिपोर्ट पेश की लेकिन उसमें आरक्षण के बारे में स्पष्ट तौर पर कोई सुझाव नहीं था।

अब गूजरों का कहना है कि उन्हें चोपड़ा आयोग से कोई मतलब नहीं है और वे चाहते हैं कि वसुंधरा राजे अपने वादे के मुताबिक कार्यकाल ख़त्म होने से पहले आरक्षण देने की सिफ़ारिश केंद्र से करें।

Saturday, May 24, 2008

राजस्थान में तनाव, सेना की तैनाती

राजस्थान में अपनी बिरादरी को जनजाति का दर्जा दिए जाने की माँग को लेकर गूजरों के उग्र आंदोलन को देखते हुए दो जगहों पर सेना की तैनाती की गई है।

शुक्रवार को बयाना में गूजरों के प्रदर्शन के दौरान हुई पुलिस फ़ायरिंग में 13 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और बीस से ज़्यादा घायल हो गए।

राज्य सरकार ने पुलिस फ़ायरिंग की न्यायिक जाँच करवाने की घोषणा की है।

राज्य के कई हिस्सों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। बयाना में भारी संख्या में गूजर समुदाय के लोग पुलिस फ़ायरिंग में मारे गए आठ लोगों के शव के साथ रेल लाइन पर बैठे हुए हैं।

उनका कहना है कि जब तक अनुसूचिज जनजाति के कोटे के तहत आरक्षण की उनकी माँग पर कोई समझौता नहीं होता है, वे शवों का दाह संस्कार नहीं करेंगे।

गूजरों ने झालावाड़ और कोटा में शनिवार को चक्का जाम करने की घोषणा की है, वहीं भीलवाड़ा में बंद का आह्वान किया गया है।

भारी सुरक्षा

राजस्थान के पुलिस महानिदेशक अमरजीत सिंह गिल ने बताया है कि भरतपुर ज़िले के बयाना और करौली के हिंडोन में सेना के दो कॉलम तैनात कर दिए गए हैं और आठ कॉलम को सतर्क रखा गया है।


गूज़र आंदोलन (फ़ाइनल फ़ोटो)
स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और दो जगहों पर सेना तैनात कर दी गई है

साथ ही पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 42 कंपनियाँ तैनात की गई हैं।

राज्य प्रशासन ने किसी भी व्यक्ति के हथियार के साथ चलने पर पाबंदी लगा दी है। राजधानी जयपुर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

पुलिस महानिदेशक ख़ुद भरतपुर का दौरा कर रहे हैं। वहाँ बयाना में लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी रेल लाइन को आंदोलनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है।

इसके कारण दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर तीस रेलगाड़ियों के परिचालन में बाधा आई है। साथ ही दिल्ली और अन्य स्थानों के लिए जाने वाली चार सौ बसों का परिचालन भी बाधित हो गया है।

शुक्रवार की रात गूजरों ने बूंदी में राज्य के संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत की गाड़ी रोक कर उनके साथ हाथापाई की लेकिन वो किसी तरह निकलने में सफल रहे।

आरक्षण की माँग

आरक्षण की माँग पर गूजरों ने पिछले साल उग्र आंदोलन किया था। तब 29 मई से चार जून के बीच कई बार आंदोलन ने हिंसक रूप अख़्तियार कर लिया और कुल 26 लोग मारे थे।


पिछले साल आरक्षण की माँग पर चोपड़ा आयोग का गठन हुआ था

राज्य सरकार और गूजर प्रतिनिधियों के बीच समझौते के तहत आरक्षण की माँग पर विचार के लिए चोपड़ा आयोग का गठन किया गया।

इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट भी पेश कर दी लेकिन इसमें आरक्षण के बारे में स्पष्ट तौर पर कोई ज़िक्र नहीं किया गया।

अब गूजरों का कहना है कि उन्हें चोपड़ा आयोग से कोई मतलब नहीं है और वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया अपने वादे के मुताबिक कार्यकाल ख़त्म होने से पहले आरक्षण देने की सिफ़ारिश केंद्र सरकार से करें।

Wednesday, May 14, 2008

जयपुर में धमाकों के बाद कर्फ़्यू, देश में अलर्ट

राजस्थान की राजधानी जयपुर में मंगलवार को हुए सात सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद शहर के 15 थाना क्षेत्रों में ऐहतियात के तौर पर कर्फ़्यू लगा दिया गया है।

धमाकों के सिलसिले में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।

इन धमाकों में 60 लोग मारे गए हैं और सौ से ज़्यादा घायल हुए हैं। इन धमाकों के बाद देश के दूसरे हिस्सों में 'अलर्ट' घोषित किया गया है।

राजस्थान सरकार ने एक दिन के शोक की घोषणा की है।

धमाकों के बाद का मंज़र

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने इन धमाकों की निंदा की है और मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

व्यापक निंदा के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी

कुछ हिंदूवादी संगठनों ने धमाकों के विरोध में बुधवार को राजस्थान बंद का आह्वान किया है।

मारे गए लोगों में से 22 शवों की पहचान कर ली गई है। घायलों में से कईयों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।

समाचार एजेंसी यूएनआई के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायवसवाल जयपुर पहुँच गए हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि ये धमाके किसी बड़ी साजिश का नतीजा है।

उनका कहना था, "हम आतंकवाद का मुँहतोड़ ज़वाब देंगे। अभी हम सबको एकजुट होकर मौजूदा स्थिति से निपटना है।"

दर्दनाक मंज़र

लगभग 15 मिनटों के अंतराल पर पुराने जयपुर शहर के जौहरी बाज़ार, त्रिपोलिया बाज़ार, बड़ी चौपाल, छोटी चौपाल, मानस चौक, चाँद पोल और कोतवाली के पास हुए धमाकों ने इस शांत शहर को दहला कर रख दिया।

ये बम गंभीर किस्म के थे। हो सकता है कि इनमें आरडीएक्स का इस्तेमाल भी हुआ हो। यह एक बहुत बड़ी साज़िश है। इस घटना का मुँह तोड़ जवाब देने में राज्य और केंद्र सरकार सक्षम हैं। दिल्ली समेत सभी मेट्रोपॉलिटन शहरों में हाई एलर्ट जारी कर दिया गया है और सतर्कता बरती जा रही है।

श्रीप्रकाश जयसवाल, गृह राज्यमंत्री

दो किलोमीटर के दायरे में हुए इन विस्फोटों के बाद अफ़रा-तफ़री मच गई। लोग फ़ोन पर एक-दूसरे का हालचाल पूछ रहे थे। शहर की टेलीफ़ोन लाइनें जाम हो गईं।

सवाई मान सिंह अस्पताल में बड़ी संख्या में घायलों के पहुँचने के कारण वहाँ खून की कमी हो गई और अस्पताल कर्मचारी बाहर निकल कर आम लोगों से रक्तदान की अपील करने लगे।

कई लोग तो ये भयावह मंज़र देख कर होश खो बैठे लेकिन कुछ लोगों ने हिम्मत बांधी और घायलों को अस्पताल पहुँचाने में जुट गए।

सवाई मान सिंह अस्पताल के डॉक्टरों के लिए बड़ी अजीब सी स्थिति पैदा हो गई। धमाकों के बाद अस्पताल में लगभग बीस शव लाए गए। उनमें से तीन मृतकों की जेब में रखे मोबाइल फ़ोन लगातार बज रहे थे। उनके परिजन उनका हाल जानना चाह रहे थे।

एक विस्फोट हनुमान मंदिर के पास हुआ है जहाँ मंगलवार होने के कारण लोगों के बड़ी भीड़ जुटी हुई थी।

सतर्कता

इन धमाकों के बाद देश में अलर्ट घोषित किया गया है और सभी महानगरों में हाई एलर्ट जारी किया गया है। राज्य सरकारों से कहा गया है कि अत्यधिक सतर्कता बरती जाए।


घटनास्थल
धमाकों में सौ से ज़्यादा लोग घायल हो गए और कई लोगों की हालत गंभीर है

गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल का कहना था, "ये बम गंभीर किस्म के थे। हो सकता है कि इनमें आरडीएक्स का इस्तेमाल भी हुआ हो। यह एक बहुत बड़ी साज़िश है। इस घटना का मुँह तोड़ जवाब देने में राज्य और केंद्र सरकार सक्षम हैं। दिल्ली समेत सभी मेट्रोपॉलिटन शहरों में हाई एलर्ट जारी कर दिया गया है और सतर्कता बरती जा रही है।"

अधिकारियों ने आशंका जताई है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।

बीबीसी के साथ बात करते हुए राजस्थान के गृह सचिव वीएस सिंह ने बताया, "मृतकों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है और सौ से ज़्यादा लोग घायल हैं। छह जगहों पर सात धमाके हुए हैं। राज्य में रेपिड एक्शन फ़ोर्स की दो कंपनियाँ पहुँच गई हैं और राज्य ने केंद्र से चार अतिरिक्त कंपनियों की माँग की है।"

पुलिस महानिदेशक गिल ने इस बात को माना की किसी एक जगह पर एक से ज़्यादा धमाके हुए। उनके अनुसार शहर में कुछ जीवित बम भी मिले हैं जिन्हें बम निरोधक दस्ते निष्क्रिय करने में लगे हुए हैं।

हरकत में आया प्रशासन

धमाकों के फौरन बाद पुलिस ने इन इलाक़ों को घेर लिया और जाँच शुरु कर दी गई। जयपुर के आईजी पंकज सिंह ने बीबीसी को बताया कि ये सभी विस्फोट मध्यम दर्जे के थे।


मृतकों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है और सौ से ज़्यादा लोग घायल हैं। छह जगहों पर सात धमाके हुए हैं। राज्य में रेपिड एक्शन फ़ोर्स की दो कंपनियाँ पहुँच गई हैं और राज्य ने केंद्र से चार अतिरिक्त कंपनियों की माँग की है।

गृह सचिव, राजस्थान

टेलीविज़न चैनलों पर दिखाई गई तस्वीरों में विस्फोट से क्षतिग्रस्त रिक्शा और साइकिलें बिखरी हुई दिखाई दी हैं। चारो और ख़ून बिखरा हुआ दिखाया गया है।

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया विस्फोट के समय जोधपुर की यात्रा पर थीं और ख़बर मिलने के बाद वे जयपुर लौट गईं।

उन्होंने विस्फोट और हालात के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृहमंत्री शिवराज पाटिल से बात की है। मुख्यमंत्री ने इन विस्फोटों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

जयपुर में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विस्फोट हुए हैं। इससे पहले पिछले साल अक्तूबर में राजस्थान के अजमेर में विस्फोट हुए थे।