दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गुरुवार को गूजरों ने आंदोलन शुरू कर दिया है।
गूजरों ने पूर्वी दिल्ली के गाज़ीपुर इलाक़े में नेशनल हाइवे 24 को जाम कर दिया है।
दिल्ली-हापुर हाइवे और दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेस हाइवे को जाम किए जाने की ख़बर है।
दादारी इलाके में सुबह-सुबह गूजरों ने कुछ लोकल ट्रेनों को भी रोका है।
गूजरों के इस एनसीआर रोको आंदोलन की वजह से दिल्ली में दूध और सब्ज़ियों की सप्लाई पर मामूली असर दिखाई पड़ा है।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) में भी गूजरों ने सभी अहम सड़कों को बंद करने का मन बनाया है।
गूजर आंदोलन को एक साल
गूजरों ने गुरुवार को गूजर आंदोलन की बरसी मनाने की तैयारी पूरी कर ली है। राजस्थान के पाटौली इलाक़े में गूजरों ने तमाम रास्तों को जाम कर दिया है।
गूजरों ने जयपुर बंद का भी आह्वान किया है। जयपुर में बंद को देखते हुए राजस्थान सरकार ने सुरक्षा कड़ी कर दी है।
गुरुवार की सुबह सरकार ने राज्य के गूजर बाहुल्य इलाकों में हेलीकॉप्टर से पर्चे भी गिरवाए हैं।
राज्य के छह ज़िलों के सैकड़ों कस्बों में तकरीबन तीन लाख पर्चे बरसाए गए हैं।
इन पर्चों में लिखा है कि गूजर शांति बनाए रखें। अपना आंदोलन छोड़ दें। सरकार उनके लिए तमाम कोशिशें कर रही है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में वैसे तो गूजरों की आबादी अधिक नहीं है लेकिन फिर भी सरकार ने सुरक्षा चाकचौबंद रखी है।
गूजर बाहुल्य इलाक़ों दौसा, सिकंदरा, भरतपुर,पीलूपुरा में आंदोलन तेज़ हो सकता है।
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1 comment:
यह आन्दोलन ग़लत है. हर वह आन्दोलन गलत है जो हिंसक है, जो राष्ट्रिय सम्पति को नुकसान पहुंचाता है, जो देश की प्रगति को अवरुद्ध करता है. इस आन्दोलन के नेता कानून की परिधि से बाहर अपराध की सीमा में चले गए हैं. यह भी एक प्रकार का आतंकवाद है. घटिया राजनीति से ऊपर उठ कर सभी सरकारों और पार्टियों को एक साथ मिल कर इस आन्दोलन का सामना करना चाहिए, और अपराधियों को सजा देनी चाहिए.
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