Wednesday, May 28, 2008

अमरीका ने 'लश्कर नेताओं' को काली सूची में डाला

अमरीका ने चार लोगों को 'आतंकवादी' घोषित किया है और कहा है कि ये पाकिस्तानी चरमपंथी संगठन लश्करे तैयबा के प्रमुख नेता हैं जो भारत को निशाना बनाता रहा है।

अमरीकी सरकार ने चारों लोगों हाफ़िज़ मोहम्मद सईद, ज़कीउर रहमान लखवी, हाजी मुहम्मद अशरफ़ और मोहम्मद अहमद बहाज़िक की संपत्ति ज़ब्त करने का आदेश भी जारी किया है।

अमरीकी सरकार की ओर से जारी एक दस्तावेज़ में हाफ़िज़ मोहम्मद सईद को लश्कर का प्रमुख बताया गया है और इन चारों पर ओसामा बिन लादेन और अल क़ायदा के साथ गहरे संबंध के आरोप हैं।


हाफ़िज़ मोहम्मद सईद
नाम - हाफ़िज़ मोहम्मद सईद उर्फ़ हाफ़िज़ सईद उर्फ़ टाटा जी
पता - मकान नंबर-116ई, मोहल्ला जोहर, लाहौर, पाकिस्तान
पहचान संख्या - 35200255098427
भूमिका - लश्करे तैयबा का सर्वेसर्वा
गतिविधियाँ - चरमपंथी प्रशिक्षण शिविरों का प्रबंधन, हमलों के निर्देश
अमरीकी दस्तावेज़

साथ ही पाकिस्तान में इनका पता, इनकी राष्ट्रीय पहचान संख्या और ये और कौन-कौन सा नाम इस्तेमाल करते हैं सबकुछ इस दस्तावेज़ में शामिल है।

अमरीका ने ये भी कहा है कि इस संगठन पर पाकिस्तान सरकार की ओर से वर्ष 2002 में लगे प्रतिबंध के बावजूद ये कश्मीर के साथ-साथ पूरी दुनिया में आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय हैं।

ख़तरनाक संहगठन

आतंकवाद के लिए धन उगाहने वाली संस्थाओं पर नज़र रखने वाली अमरीकी वित्त मंत्रालय की ख़ुफ़िया शाखा के वरिष्ठ अधिकारी स्टुअर्ट लेवी का कहना है कि पाकिस्तानी संगठन लश्करे तैयबा अल क़ायदा से जुड़ा एक ख़तरनाक गुट है जिसने कई बार निर्दोष लोगों की हत्या की है।

लेवी का कहना है, "इसकी पैठ कई देशों में है और इसलिए ज़रूरी है कि पूरी दुनिया की सरकारें इसकी कार्रवाई और इसे मिलने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाएं।"


इसकी पैठ कई देशों में है और इसलिए ज़रूरी है कि पूरी दुनिया की सरकारें इसकी कार्रवाई और इसे मिलने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाएं

स्टुअर्ट लेवी

वित्त मंत्रालय की और से जारी बयान में अमरीकी नागरिकों से भी कहा गया है कि वो इस संगठन के साथ किसी भी तरह का वास्ता नहीं रखें।

अमरीकी सरकार का कहना है कि लश्कर ने 1993 से ही भारत के कई फ़ौजी और नागरिक ठिकानों पर हमले किए हैं।

इस बयान में भारत सरकार के हवाले से कहा गया है कि 2006 के मुंबई ट्रेन बम हमलों और 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले में भी लश्कर का ही हाथ था।

2005 में दिल्ली और बैंगलोर में हुए हमलों में भी लश्कर पर ही उँगली उठी थी।

चरमपंथी गतिविधियाँ

स्टुअर्ट लेवी ने कहा कि मंगलवार को जारी ये सरकारी दस्तावेज़ उस क़ानून के तहत है जिसमें आतंकवादियों, आतंकवादी संगठनों, उन्हें आर्थिक या किसी और तरह की मदद पहुंचानेवालों पर नज़र रखी जाती है।


ज़की उर रहमान
नाम- ज़की उर रहमान उर्फ़ ज़ाकिर रहमान उर्फ़ अबू वहीद इरशाद अहमद उर्फ़ चाचा जी
पता-चक नंबर-18/1एल, रिनाला खुर्द, ज़िला-ओकारा, इस्लामाबाद, पाकिस्तान
पहचान संख्या- 61101-96182321
भूमिका- अभियान संचालक
गतिविधियाँ- चेचेन्या, बोस्निया, इराक़ और दक्षिण-पूर्वी एशिया में हमलों का निर्देशन, आत्मघाती हमलों की तैयारी करवाना
अमरीकी दस्तावेज़

हाफ़िज़ सईद के बारे में कहा गया है कि 2006 में उन्होंने पाकिस्तान में एक ट्रेनिंग कैंप चलाया और साथ ही उसके लिए पैसा जुटाया और यहां प्रशिक्षित चरमपंथियों को मुख्य रूप से अफ़गानिस्तान में अमरीकी और नैटो सैनिकों पर हमला करने के लिए भेजा गया।

मंगलवार को ही अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के दौरे से लौटे एक वरिष्ठ अमरीकी सेनेटर ने कहा है कि पाकिस्तान में कई चरमपंथी संगठन हैं जो खुलकर पाकिस्तान अफ़गानिस्तान सीमा के आरपार जा रहे हैं।


महमूद मोहम्मद अहमद बहाज़िक
नाम-महमूद बहाज़िक उर्फ़ अबू अब्दुल अज़ीज़ उर्फ़ शेख़ साहब
राष्ट्रीयता- सऊदी अरब
सऊदी पहचान संख्या- 4603200481
भूमिका - लश्कर को वित्तीय समर्थन
अमरीकी दस्तावेज़

उन्होंने यहां तक कहा है कि इसमें उन्हें पाकिस्तानी फ़ौज और ख़ुफ़िया एजेंसियों के कुछ लोगों की भी मदद मिल रही है।

अमरीका ने लश्करे तैयबा को पहली पर 2001 में आतंकवादी संगठन करार किया था और 2005 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी ऐसा ही प्रस्ताव पारित किया था।

प्रशिक्षण और धन उगाही

अमरीकी दस्तावेज़ के मुताबिक ज़की उर रहमान लखवी लश्कर के अभियानों का मुख्य संचालक है और उन्होंने चेचेन्या, बोस्निया, इराक़ और दक्षिण-पूर्व एशिया में चरमपंथी गतिविधियों का निर्देशन किया है।


हाजी मोहम्मद अशरफ़
नाम-हाजी मोहम्मद अशरफ़
जन्म तिथि- एक मार्च, 1965
पासपोर्ट नंबर - ए,374184 (पाकिस्तान)
भूमिका- वित्तीय मामलों का प्रभारी
गतिविधियाँ - धन उगाही के लिए मध्य-पूर्व की यात्रा, सऊदी अरब में सक्रिय
अमरीकी दस्तावेज़

दस्तावेज़ के मुताबिक लखवी ने वर्ष 2006 में लश्कर के लोगों को आत्मघाती दस्ते तैयार करने के निर्देश दिए थे और उन्हें भीड़-भाड़ वाले इलाक़ों में हमले के तरीके बताए थे।

बताया गया है कि ज़की उर रहमान लखवी ने वर्ष 2004 में इराक़ में अमरीकी सैनिकों पर हमले के लिए चरमपंथियों को रवाना किया और लश्कर की ओर से अल क़ायदा के लिए धन उगाही में भी उनकी मुख्य भूमिका रही है।

हाजी मोहम्मद अशरफ़ को लश्कर के वित्तीय मामलों का प्रबंधक बताया गया है जो वर्ष 2003 और 2004 में मध्य-पूर्व के देशों के दौरे पर गए और ख़ुद लश्कर के लिए धन जुटाने का काम किया।

अमरीकी दस्तावेज़ों में महमूद मोहम्मद अहमद बहाज़िक उर्फ़ महमूद बहाज़िक उर्फ़ शेख़ साहिब को सऊदी अरब का नागरिक बताया गया है जो निजी तौर पर लश्कर को वित्तीय मदद देता रहा है।

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