रूस में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों में मौजूदा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समर्थित उपप्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव को जीत हासिल हुई है। रविवार को हुए मतदान में 68 प्रतिशत मतदाताओं ने भाग लिया और मेदवेदेव को उनमें से लगभग 70 प्रतिशत मत मिले।
रविवार को हुए चुनावों में लगभग 68 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया था।
उनके प्रतिद्वंद्वी कम्युनिस्ट पार्टी के गेनादी ज़ुगानोव को लगभग 20 प्रतिशत मत मिले हैं। रूसी समाचार एजेंसी इतर-तास के मुताबिक ज़ुगानोव ने कहा है कि चुनाव में धाँधली हुई है और वे न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाएँगे।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मेदवेदेव को अपने उत्तराधिकारी की तौर पर समर्थन दिया था।
'पुतिन की नीतियाँ जारी रहेंगी'
मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन और मेदवेदेव साथ-साथ नज़र आए। मेदवेदेव ने कहा कि वे अपनी नीतियाँ में राष्ट्रपति पुतिन के दिखाए रास्ते का अनुसरण करेंगे।
मेदवेदेव का अब तक का सफ़र....
उन्होंने कहा कि वे अपनी सरकार राष्ट्रपति पुतिन के सहयोग के बनाएँगे और उसमें पुतिन प्रधानमंत्री होंगे।
मेदवेदेव ने कहा कि जब वे राष्ट्रपति बनेंगे तो उनकी विदेश नीति सभी क़ानूनी तरीकों से रूस के हितों की रक्षा करने पर केंद्रित होगी।
मेदवेदेव
रूस के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मेदवेदेव ने कहा कि पुतिन उनकी सरकार में प्रधानमंत्री होंगे
रूस के स्वतंत्र निरीक्षक दल (गोलोस) ने देश में हुए मतदान की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि कुछ इलाक़ो में जितना ज़्यादा मतदान हुआ है वह असंभव प्रतीत होता है।
नहीं लड़ सकते थे पुतिन
मॉस्को के रेड स्क्वेयर में दोनो नेता साथ-साथ दिखाई दिए और राष्ट्रपति पुतिन ने मेदवेदेव को बधाई दी।
पुतिन पिछले आठ साल से राष्ट्रपति हैं और संविधान के अनुसार वे तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते थे।
लेकिन वे मेदवेदेव के प्रधानमंत्री बनने पर राज़ी हो गए हैं।
संवाददाताओं के मुताबिक चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए कई तरह के प्रलोभन दिए गए जिनमें सस्ते खाद्य पदार्थ, मुफ्त सिनेमा टिकट, खिलौने इत्यादी शामिल थे।
महत्वपूर्ण है कि पश्चिमी देशों के पर्यवेक्षकों की ओर से रूस के राष्ट्रपति चुनावों का ख़ास निरीक्षण नहीं हुआ है और अनेक पर्यवेक्षक चुनावों से दूर ही रहे हैं।
Showing posts with label राष्ट्रिय्पति. Show all posts
Showing posts with label राष्ट्रिय्पति. Show all posts
Monday, March 3, 2008
Monday, February 11, 2008
पूर्वी तिमोर के राष्ट्रपति को गोली मारी गई
पूर्वी तिमोर के राष्ट्रपति होज़े रामोस होर्ता को हमलावरों ने गोली मार कर घायल कर दिया है। ऑस्ट्रेलियाई सैनिक अड्डे पर उनकी सर्जरी की जा रही है।
ताज़ा ख़बर के मुताबिक डिली में ही ऑस्ट्रेलिया सैनिक अड्डे पर उनकी सर्जरी की जा रही है।
सेना के प्रवक्ता के मुताबिक राष्ट्रपति के पेट में गोली लगी है। हमला करने वाले विद्रोही सैनिक नेता अल्फ़्रेदो राइनादो को राष्ट्रपति के सुरक्षाकर्मियों ने मार दिया।
विद्रोहीन नेता ने पिछले साल नवंबर में सरकार के ख़िलाफ़ हथियार उठाने की चेतावनी दी थी।
वर्ष 2006 में बाग़ी सैनिकों और पुलिस के बीच हुई संघर्ष के मामले में राइनादो पर मुक़दमा चल रहा था।
ये हमला सोमवार तड़के हुआ। होज़े रामोस होर्ता पिछले साल मई में पूर्वी तिमोर के दूसरे राष्ट्रपति बने थे।
वर्ष 1996 में उन्हें शांति के लिए नोबल पुरस्कार भी मिला।
हमला
सेना के प्रवक्ता मेजर डोमिंगोज द कमारा ने बताया कि दो कारें राष्ट्रपति के बंगले के पास से गुजरीं और उसी समय गोलीबारी शुरू हो गई।
ख़बरों के मुताबिक एक सैनिक भी गोलीबारी का शिकार हुआ है और वह गंभीर रूप से घायल है।
राइनादो ने कथित तौर पर वर्ष 2006 में हुए संघर्ष की अगुआई की थी जिसमें 37 लोग मारे गए थे और 15 हज़ार लोगों को घर-बार छोड़ना पड़ा था।
इंडोनेशिया पहले पुर्तगाल का उपनिवेश था और 1975 में उसके पीछे हटने के बाद इस पर इंडोनेशियाई नियंत्रण के ख़िलाफ़ शुरु हुए अभियान में होज़े रामोस होर्ता ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था।
पूर्वी तिमोर को वर्ष 2002 में आज़ादी मिल गई।
ताज़ा ख़बर के मुताबिक डिली में ही ऑस्ट्रेलिया सैनिक अड्डे पर उनकी सर्जरी की जा रही है।
सेना के प्रवक्ता के मुताबिक राष्ट्रपति के पेट में गोली लगी है। हमला करने वाले विद्रोही सैनिक नेता अल्फ़्रेदो राइनादो को राष्ट्रपति के सुरक्षाकर्मियों ने मार दिया।
विद्रोहीन नेता ने पिछले साल नवंबर में सरकार के ख़िलाफ़ हथियार उठाने की चेतावनी दी थी।
वर्ष 2006 में बाग़ी सैनिकों और पुलिस के बीच हुई संघर्ष के मामले में राइनादो पर मुक़दमा चल रहा था।
ये हमला सोमवार तड़के हुआ। होज़े रामोस होर्ता पिछले साल मई में पूर्वी तिमोर के दूसरे राष्ट्रपति बने थे।
वर्ष 1996 में उन्हें शांति के लिए नोबल पुरस्कार भी मिला।
हमला
सेना के प्रवक्ता मेजर डोमिंगोज द कमारा ने बताया कि दो कारें राष्ट्रपति के बंगले के पास से गुजरीं और उसी समय गोलीबारी शुरू हो गई।
ख़बरों के मुताबिक एक सैनिक भी गोलीबारी का शिकार हुआ है और वह गंभीर रूप से घायल है।
राइनादो ने कथित तौर पर वर्ष 2006 में हुए संघर्ष की अगुआई की थी जिसमें 37 लोग मारे गए थे और 15 हज़ार लोगों को घर-बार छोड़ना पड़ा था।
इंडोनेशिया पहले पुर्तगाल का उपनिवेश था और 1975 में उसके पीछे हटने के बाद इस पर इंडोनेशियाई नियंत्रण के ख़िलाफ़ शुरु हुए अभियान में होज़े रामोस होर्ता ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था।
पूर्वी तिमोर को वर्ष 2002 में आज़ादी मिल गई।
Labels:
इण्डोनेशियाई,
तिमोर,
राष्ट्रिय्पति,
रैनादो
Subscribe to:
Posts (Atom)