राजस्थान की राजधानी जयपुर में मंगलवार को हुए सात सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद शहर के 15 थाना क्षेत्रों में ऐहतियात के तौर पर कर्फ़्यू लगा दिया गया है।
धमाकों के सिलसिले में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
इन धमाकों में 60 लोग मारे गए हैं और सौ से ज़्यादा घायल हुए हैं। इन धमाकों के बाद देश के दूसरे हिस्सों में 'अलर्ट' घोषित किया गया है।
राजस्थान सरकार ने एक दिन के शोक की घोषणा की है।
धमाकों के बाद का मंज़र
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने इन धमाकों की निंदा की है और मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
व्यापक निंदा के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी
कुछ हिंदूवादी संगठनों ने धमाकों के विरोध में बुधवार को राजस्थान बंद का आह्वान किया है।
मारे गए लोगों में से 22 शवों की पहचान कर ली गई है। घायलों में से कईयों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
समाचार एजेंसी यूएनआई के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायवसवाल जयपुर पहुँच गए हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि ये धमाके किसी बड़ी साजिश का नतीजा है।
उनका कहना था, "हम आतंकवाद का मुँहतोड़ ज़वाब देंगे। अभी हम सबको एकजुट होकर मौजूदा स्थिति से निपटना है।"
दर्दनाक मंज़र
लगभग 15 मिनटों के अंतराल पर पुराने जयपुर शहर के जौहरी बाज़ार, त्रिपोलिया बाज़ार, बड़ी चौपाल, छोटी चौपाल, मानस चौक, चाँद पोल और कोतवाली के पास हुए धमाकों ने इस शांत शहर को दहला कर रख दिया।
ये बम गंभीर किस्म के थे। हो सकता है कि इनमें आरडीएक्स का इस्तेमाल भी हुआ हो। यह एक बहुत बड़ी साज़िश है। इस घटना का मुँह तोड़ जवाब देने में राज्य और केंद्र सरकार सक्षम हैं। दिल्ली समेत सभी मेट्रोपॉलिटन शहरों में हाई एलर्ट जारी कर दिया गया है और सतर्कता बरती जा रही है।
श्रीप्रकाश जयसवाल, गृह राज्यमंत्री
दो किलोमीटर के दायरे में हुए इन विस्फोटों के बाद अफ़रा-तफ़री मच गई। लोग फ़ोन पर एक-दूसरे का हालचाल पूछ रहे थे। शहर की टेलीफ़ोन लाइनें जाम हो गईं।
सवाई मान सिंह अस्पताल में बड़ी संख्या में घायलों के पहुँचने के कारण वहाँ खून की कमी हो गई और अस्पताल कर्मचारी बाहर निकल कर आम लोगों से रक्तदान की अपील करने लगे।
कई लोग तो ये भयावह मंज़र देख कर होश खो बैठे लेकिन कुछ लोगों ने हिम्मत बांधी और घायलों को अस्पताल पहुँचाने में जुट गए।
सवाई मान सिंह अस्पताल के डॉक्टरों के लिए बड़ी अजीब सी स्थिति पैदा हो गई। धमाकों के बाद अस्पताल में लगभग बीस शव लाए गए। उनमें से तीन मृतकों की जेब में रखे मोबाइल फ़ोन लगातार बज रहे थे। उनके परिजन उनका हाल जानना चाह रहे थे।
एक विस्फोट हनुमान मंदिर के पास हुआ है जहाँ मंगलवार होने के कारण लोगों के बड़ी भीड़ जुटी हुई थी।
सतर्कता
इन धमाकों के बाद देश में अलर्ट घोषित किया गया है और सभी महानगरों में हाई एलर्ट जारी किया गया है। राज्य सरकारों से कहा गया है कि अत्यधिक सतर्कता बरती जाए।
घटनास्थल
धमाकों में सौ से ज़्यादा लोग घायल हो गए और कई लोगों की हालत गंभीर है
गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल का कहना था, "ये बम गंभीर किस्म के थे। हो सकता है कि इनमें आरडीएक्स का इस्तेमाल भी हुआ हो। यह एक बहुत बड़ी साज़िश है। इस घटना का मुँह तोड़ जवाब देने में राज्य और केंद्र सरकार सक्षम हैं। दिल्ली समेत सभी मेट्रोपॉलिटन शहरों में हाई एलर्ट जारी कर दिया गया है और सतर्कता बरती जा रही है।"
अधिकारियों ने आशंका जताई है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।
बीबीसी के साथ बात करते हुए राजस्थान के गृह सचिव वीएस सिंह ने बताया, "मृतकों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है और सौ से ज़्यादा लोग घायल हैं। छह जगहों पर सात धमाके हुए हैं। राज्य में रेपिड एक्शन फ़ोर्स की दो कंपनियाँ पहुँच गई हैं और राज्य ने केंद्र से चार अतिरिक्त कंपनियों की माँग की है।"
पुलिस महानिदेशक गिल ने इस बात को माना की किसी एक जगह पर एक से ज़्यादा धमाके हुए। उनके अनुसार शहर में कुछ जीवित बम भी मिले हैं जिन्हें बम निरोधक दस्ते निष्क्रिय करने में लगे हुए हैं।
हरकत में आया प्रशासन
धमाकों के फौरन बाद पुलिस ने इन इलाक़ों को घेर लिया और जाँच शुरु कर दी गई। जयपुर के आईजी पंकज सिंह ने बीबीसी को बताया कि ये सभी विस्फोट मध्यम दर्जे के थे।
मृतकों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है और सौ से ज़्यादा लोग घायल हैं। छह जगहों पर सात धमाके हुए हैं। राज्य में रेपिड एक्शन फ़ोर्स की दो कंपनियाँ पहुँच गई हैं और राज्य ने केंद्र से चार अतिरिक्त कंपनियों की माँग की है।
गृह सचिव, राजस्थान
टेलीविज़न चैनलों पर दिखाई गई तस्वीरों में विस्फोट से क्षतिग्रस्त रिक्शा और साइकिलें बिखरी हुई दिखाई दी हैं। चारो और ख़ून बिखरा हुआ दिखाया गया है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया विस्फोट के समय जोधपुर की यात्रा पर थीं और ख़बर मिलने के बाद वे जयपुर लौट गईं।
उन्होंने विस्फोट और हालात के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृहमंत्री शिवराज पाटिल से बात की है। मुख्यमंत्री ने इन विस्फोटों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
जयपुर में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विस्फोट हुए हैं। इससे पहले पिछले साल अक्तूबर में राजस्थान के अजमेर में विस्फोट हुए थे।
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