बर्मा में समुद्री तूफ़ान में हुई भीषण तबाही के बाद भारत 50 लोगों का चिकित्सक दल वहाँ प्रभावित लोगों की मदद के लिए भेज रहा है।
बर्मा की सैन्य सरकार ने इसके लिए अनुरोध किया था।
शनिवार को भारतीय वायुसेना का एक यातायात हेलिकॉप्टर डॉक्टरों और दवाइयों को लेकर रंगून पहुँचेगा।
बर्मा में मरने वालों की संख्या 78 हज़ार हुई
अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद बर्मा की सरकार ने अधिकतर विदेशी राहतकर्मियों को देश में घुसने नहीं दिया है।
भारत-बर्मा के रिश्ते
बर्मा ने भारत के लिए ऐसी सख़्ती नहीं बरती है क्योंकि माना जाता है कि दोनो देशों के बीच काफ़ी क़रीबी संबंध हैं।
माना जाता है कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच आर्थिक और सैन्य रिश्ते बेहतर हुए हैं।
भारत उन कुछ देशों में से है जिन्होंने बर्मा पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का विरोध किया है और यही कारण है कि बर्मा की सरकार को भारत से मदद लेने में उतनी आपत्ति नहीं है जितनी अन्य देशों से आने वाली मदद पर।
भारतीय वायुसेना का एक बड़ा आईएल-76 सैन्य यातायात हेलिकॉप्टर में 50 सदस्यों की टीम, पाँच से छह टन दवाइयाँ और अन्य ज़रूरी सामग्री लेकर रंगून जा रही है।
बर्मा की सरकार की अनुमति के बाद भारत सरकार पहले ही खाद्य सामग्री, कपड़े, तंबू और दवाएँ वहाँ भेज चुकी है।
ये चिकित्सक दल दो फ़ील्ड अस्पताल स्थापित करेगा और भारत सरकार का कहना है कि बर्मा की सरकार के अनुरोध पर ही ऐसा किया जा रहा है।
Saturday, May 17, 2008
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