हिन्दी रूपांतरण:
भारत की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने भारत में परमाणु संयंत्र के निर्माण के लिए अमेरिका स्थित वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के साथ समझौता किया है।
एल ऐंड टी के हैवी इंजीनियरिंग बिजनेस प्रमुख एम. वी. कोटवाल ने कहा, ' दोनों कंपनियां भारत में प्रस्तावित 1000 मेगावाट रिएक्टर बनाने की योजना पर विचार कर रही है और साझेदारी की रूपरेखा तय होना बाकी है।'
उन्होंने कहा, 'यह अभी पहला कदम है। अभी परमाणु संयंत्र के आकार और उसकी संचालन प्रक्रिया के बारे में आधिकारिक घोषणा करनी है।'
मालूम हो कि पिछले साल भारत ने अमेरिका के साथ परमाणु करार पर हस्ताक्षर किया था और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ साझीदारी कर इस संबंध में काम करने के लिए उत्साहित है।
उल्लेखनीय है कि वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक प्रमुख परमाणु उपकरण निर्माण कंपनी तोशिबा कॉरपोरेशन की एक इकाई है। विश्व में कुल परमाणु उपकरण निर्माण का करीब 40 फीसदी का निर्माण तोशिबा ही करती है। साथ ही अमेरिका में करीब 60 फीसदी परमाणु संयंत्रों का संचालन भी यही कंपनी करती है।
कोटवाल ने कहा कि रिएक्टरों में 600 से 800 अरब डॉलर निवेश का उनमान है। इससे पहले एलएंडटी ने जापान की मित्शुबिशी के साथ ही 880 करोड़ रुपये की थर्मल पावर उपकरण निर्माण के लिए समझौता किया है।
भारत में बिजली की खराब स्थिति को देखते हुए परमाणु ऊर्जा की जरूरत महसूस की जा रही है। भारत में व्यस्ततम घंटों में बिजली की 16 फीसदी कमी हो जाती है। इसलिए भारत के संदर्भ में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में काफी संभावनाएं देखी जा रही है।
परमाणु ऊर्जा के विस्तार के तहत निजी क्षेत्र की कंपनियों सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनियों के साथ मिलकर कम हिस्सेदारी में काम करने का प्रावधान है। दोनों कंपनियों ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि तोशिबा वेस्टिंग हाउस इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन की इकाई 1000 एपी हल्की वाटर रिएक्टर आपूर्ति करेगी।
इसी रिएक्टर का इस्तेमाल अमेरिका और चीन में भी होता है। वेस्टिंग हाउस के कंट्री हेड मीना मुटयाला ने कहा, 'हमलोग भारत में इस क्षेत्र में लागत और इसे पूरा होने की समयावधि का पता लगाने के लिए स्थानीय सहयोगी की तलाश कर रही है।'
ऐल ऐंड टी ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में निर्माणकारी गतिविधियों में उल्लेखनीय काम किया है, लेकिन मौजूदा आर्थिक हालात में कंपनी को तरलता संकट से जूझना पड़ रहा है।
भारत सरकार ने परमाणु उपकरण बनाने वाली अमेरिकी कंपनियों को 10 हजार मेगावाट क्षमता की परमाणु उपकरण आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया है। भारत की 2020 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता 30 हजार मेगावाट बढ़ाने की योजना है।
अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस के उपाध्यक्ष मीना मुतायला ने कहा, 'अभिरुचि पत्र के मुताबिक भारत सरकार ने कहा है कि उसे अमेरिकी कंपनियों से 10 हजार मेगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए उपकरणों की जरूरत है।
लेकिन साइट और ऑर्डर निर्धारित होने में वक्त लगेगा।' जीई हिटैची के स्टीव ह्यूसिक ने कहा, 'भारत ने अभी संकेत नहीं दिया है कि किस कंपनी को कितना ऑर्डर मिलेगा।'
English Translation:
Construction and engineering major Larsen & Toubro has signed a memorandum of understanding with the US-based Westinghouse Electric Company, the largest nuclear power equipment maker, to build 1,000 megawatt pressurised nuclear power plants in India.
L&T will be responsible for the construction and fabrication of structural, piping and equipment modules for the Westinghouse AP 1000 model modern day light water reactors for the domestic market, while Westinghouse will provide design, engineering and procurement of major components.
Westinghouse Electric, part of the Toshiba Corporation, is the leading nuclear equipment maker with over 40 per cent of the world’s operating nuclear plants, including 60 per cent of the ones in the US. L&T has been associated with the construction of all the indigenous nuclear power plants in India.
L&T, a predominantly engineering major with over $7 billion revenues, has a Rs 880-crore joint venture with Mitsubishi of Japan to make thermal power equipment.
“This MoU covers manufacturing of all critical components related to advanced 1000 MW PWRs such as modular construction, reactor island, piping and valves for the Westinghouse reactors that will come up in India,” said M V Kotwal, director of L&T.
However, he said the MoU was signed with a long-term view as India aims to add to its installed nuclear capacity of 30,000 MW by 2020 and more than 60,000 MW by 2030. “The addition will span many years and revenues will depend on how the orders are placed and how the policies evolve in the coming years,” he said.
Meena Mutyala, vice-president, India strategy of Westinghouse, said the company has already received orders for four AP 1000 PHWR reactors, which use natural uranium as fuel, from China.
L&T has a track record of making a 500 MW reactor end shields, steam generators and reactor safety vessel for the fast breeder reactor coming up Kalpakkam. The MoU will pave for gaining expertise in pressurised water reactor technologies.
L&T’s manufacturing centres at Powai, Hazira and Coimbatore will be used for making the critical components, said Kotwal.
भारत की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने भारत में परमाणु संयंत्र के निर्माण के लिए अमेरिका स्थित वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के साथ समझौता किया है।
एल ऐंड टी के हैवी इंजीनियरिंग बिजनेस प्रमुख एम. वी. कोटवाल ने कहा, ' दोनों कंपनियां भारत में प्रस्तावित 1000 मेगावाट रिएक्टर बनाने की योजना पर विचार कर रही है और साझेदारी की रूपरेखा तय होना बाकी है।'
उन्होंने कहा, 'यह अभी पहला कदम है। अभी परमाणु संयंत्र के आकार और उसकी संचालन प्रक्रिया के बारे में आधिकारिक घोषणा करनी है।'
मालूम हो कि पिछले साल भारत ने अमेरिका के साथ परमाणु करार पर हस्ताक्षर किया था और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ साझीदारी कर इस संबंध में काम करने के लिए उत्साहित है।
उल्लेखनीय है कि वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक प्रमुख परमाणु उपकरण निर्माण कंपनी तोशिबा कॉरपोरेशन की एक इकाई है। विश्व में कुल परमाणु उपकरण निर्माण का करीब 40 फीसदी का निर्माण तोशिबा ही करती है। साथ ही अमेरिका में करीब 60 फीसदी परमाणु संयंत्रों का संचालन भी यही कंपनी करती है।
कोटवाल ने कहा कि रिएक्टरों में 600 से 800 अरब डॉलर निवेश का उनमान है। इससे पहले एलएंडटी ने जापान की मित्शुबिशी के साथ ही 880 करोड़ रुपये की थर्मल पावर उपकरण निर्माण के लिए समझौता किया है।
भारत में बिजली की खराब स्थिति को देखते हुए परमाणु ऊर्जा की जरूरत महसूस की जा रही है। भारत में व्यस्ततम घंटों में बिजली की 16 फीसदी कमी हो जाती है। इसलिए भारत के संदर्भ में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में काफी संभावनाएं देखी जा रही है।
परमाणु ऊर्जा के विस्तार के तहत निजी क्षेत्र की कंपनियों सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनियों के साथ मिलकर कम हिस्सेदारी में काम करने का प्रावधान है। दोनों कंपनियों ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि तोशिबा वेस्टिंग हाउस इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन की इकाई 1000 एपी हल्की वाटर रिएक्टर आपूर्ति करेगी।
इसी रिएक्टर का इस्तेमाल अमेरिका और चीन में भी होता है। वेस्टिंग हाउस के कंट्री हेड मीना मुटयाला ने कहा, 'हमलोग भारत में इस क्षेत्र में लागत और इसे पूरा होने की समयावधि का पता लगाने के लिए स्थानीय सहयोगी की तलाश कर रही है।'
ऐल ऐंड टी ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में निर्माणकारी गतिविधियों में उल्लेखनीय काम किया है, लेकिन मौजूदा आर्थिक हालात में कंपनी को तरलता संकट से जूझना पड़ रहा है।
भारत सरकार ने परमाणु उपकरण बनाने वाली अमेरिकी कंपनियों को 10 हजार मेगावाट क्षमता की परमाणु उपकरण आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया है। भारत की 2020 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता 30 हजार मेगावाट बढ़ाने की योजना है।
अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस के उपाध्यक्ष मीना मुतायला ने कहा, 'अभिरुचि पत्र के मुताबिक भारत सरकार ने कहा है कि उसे अमेरिकी कंपनियों से 10 हजार मेगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए उपकरणों की जरूरत है।
लेकिन साइट और ऑर्डर निर्धारित होने में वक्त लगेगा।' जीई हिटैची के स्टीव ह्यूसिक ने कहा, 'भारत ने अभी संकेत नहीं दिया है कि किस कंपनी को कितना ऑर्डर मिलेगा।'
English Translation:
Construction and engineering major Larsen & Toubro has signed a memorandum of understanding with the US-based Westinghouse Electric Company, the largest nuclear power equipment maker, to build 1,000 megawatt pressurised nuclear power plants in India.
L&T will be responsible for the construction and fabrication of structural, piping and equipment modules for the Westinghouse AP 1000 model modern day light water reactors for the domestic market, while Westinghouse will provide design, engineering and procurement of major components.
Westinghouse Electric, part of the Toshiba Corporation, is the leading nuclear equipment maker with over 40 per cent of the world’s operating nuclear plants, including 60 per cent of the ones in the US. L&T has been associated with the construction of all the indigenous nuclear power plants in India.
L&T, a predominantly engineering major with over $7 billion revenues, has a Rs 880-crore joint venture with Mitsubishi of Japan to make thermal power equipment.
“This MoU covers manufacturing of all critical components related to advanced 1000 MW PWRs such as modular construction, reactor island, piping and valves for the Westinghouse reactors that will come up in India,” said M V Kotwal, director of L&T.
However, he said the MoU was signed with a long-term view as India aims to add to its installed nuclear capacity of 30,000 MW by 2020 and more than 60,000 MW by 2030. “The addition will span many years and revenues will depend on how the orders are placed and how the policies evolve in the coming years,” he said.
Meena Mutyala, vice-president, India strategy of Westinghouse, said the company has already received orders for four AP 1000 PHWR reactors, which use natural uranium as fuel, from China.
L&T has a track record of making a 500 MW reactor end shields, steam generators and reactor safety vessel for the fast breeder reactor coming up Kalpakkam. The MoU will pave for gaining expertise in pressurised water reactor technologies.
L&T’s manufacturing centres at Powai, Hazira and Coimbatore will be used for making the critical components, said Kotwal.
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