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केंद्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफ़ारिश की गई है
मंत्रिमंडल में झारखंड विधानसभा को निलंबित रखने का फ़ैसला किया गया है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले झारखंड के राज्यपाल सैयद सिब्ते रज़ी ने पिछले शुक्रवार को राष्ट्रपति को भेजी अपनी रिपोर्ट में ये सिफ़ारिश की थी कि राज्य में विधानसभा को निलंबित रखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए।
ग़ौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन में नए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति न बन पाने के बाद राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ था। मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन के उपचुनाव में हार जाने के बाद यह स्थिति पैदा हुई थी।
इस हार के बाद उन्होंने 12 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था क्योंकि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार उन्हें मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाना चाहिए था लेकिन इस हार के बाद इसकी संभावना ख़त्म हो गई थी।
लेकिन इसके बाद नए मुख्यमंत्री को लेकर गठबंधन में कोई सहमति नहीं बन सकी। उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी से शिबू सोरेन अस्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती हैं।
शिबू सोरेन ने अपने उत्तराधिकारी के रुप में चंपई सोरेन का नाम दिया था लेकिन इस पर गठबंधन की दूसरी पार्टियाँ- कांग्रेस, आरजेडी और निर्दलीय सहमत नहीं हुए।
विपक्षी गठबंधन भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राज्य में जल्द चुनाव करवाने की मांग की है।
English Translation:
With no solution to current political crisis in sight, Jharkhand Governor Syed Sibte Razi on Friday evening recommended to the President to impose the Central Rule in the state.
The Union Cabinet on Thursday reviewed the political situation in the state and asked the Governor to send his report. According to reports, Governor Sibte Razi was understood to have cited continuing political instability as the ground for President Rule. He has recommended President Rule and to keep the 81-member Legislative Assembly under suspended animation.
The Union Cabinet is expected to meet on Saturday to take a decision on the Governor's report. The state was plunged into turmoil after JMM Chief Minister Shibu Soren resigned following his humiliating defeat in a by-election. The crisis deepened after the JMM-led coalition failed to reach a consensus on Soren's successor. Shibu Soren later named party MLA Champai Soren as his successor, which was rejected by his allies Congress, RJD and some Independent MLAs.
The state unit of the Congress had earlier hinted that Jharkhand might be brought under central rule while Railway Minister Lalu Prasad, currently on Japan tour, has been insisting that Madhu Koda, whom Soren had replaced, should be made the chief minister.
On the other hand, the BJP-led NDA has been pressing for fresh elections to end political uncertainty. Both UPA and NDA had to depend on Independents who had been demanding pound of flesh. Koda was one of the Independents.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफ़ारिश की गई है
मंत्रिमंडल में झारखंड विधानसभा को निलंबित रखने का फ़ैसला किया गया है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले झारखंड के राज्यपाल सैयद सिब्ते रज़ी ने पिछले शुक्रवार को राष्ट्रपति को भेजी अपनी रिपोर्ट में ये सिफ़ारिश की थी कि राज्य में विधानसभा को निलंबित रखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए।
ग़ौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन में नए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति न बन पाने के बाद राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ था। मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन के उपचुनाव में हार जाने के बाद यह स्थिति पैदा हुई थी।
इस हार के बाद उन्होंने 12 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था क्योंकि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार उन्हें मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाना चाहिए था लेकिन इस हार के बाद इसकी संभावना ख़त्म हो गई थी।
लेकिन इसके बाद नए मुख्यमंत्री को लेकर गठबंधन में कोई सहमति नहीं बन सकी। उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी से शिबू सोरेन अस्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती हैं।
शिबू सोरेन ने अपने उत्तराधिकारी के रुप में चंपई सोरेन का नाम दिया था लेकिन इस पर गठबंधन की दूसरी पार्टियाँ- कांग्रेस, आरजेडी और निर्दलीय सहमत नहीं हुए।
विपक्षी गठबंधन भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राज्य में जल्द चुनाव करवाने की मांग की है।
English Translation:
With no solution to current political crisis in sight, Jharkhand Governor Syed Sibte Razi on Friday evening recommended to the President to impose the Central Rule in the state.
The Union Cabinet on Thursday reviewed the political situation in the state and asked the Governor to send his report. According to reports, Governor Sibte Razi was understood to have cited continuing political instability as the ground for President Rule. He has recommended President Rule and to keep the 81-member Legislative Assembly under suspended animation.
The Union Cabinet is expected to meet on Saturday to take a decision on the Governor's report. The state was plunged into turmoil after JMM Chief Minister Shibu Soren resigned following his humiliating defeat in a by-election. The crisis deepened after the JMM-led coalition failed to reach a consensus on Soren's successor. Shibu Soren later named party MLA Champai Soren as his successor, which was rejected by his allies Congress, RJD and some Independent MLAs.
The state unit of the Congress had earlier hinted that Jharkhand might be brought under central rule while Railway Minister Lalu Prasad, currently on Japan tour, has been insisting that Madhu Koda, whom Soren had replaced, should be made the chief minister.
On the other hand, the BJP-led NDA has been pressing for fresh elections to end political uncertainty. Both UPA and NDA had to depend on Independents who had been demanding pound of flesh. Koda was one of the Independents.
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