Monday, January 19, 2009

भारत में नौकरियों के आसार - जनवरी 19, 2009

हिन्दी रूपांतरण:

वर्तमान हालात में घरेलू अर्थव्यवस्था की रफ्तार भले ही कुछ समय के लिए धीमी पड़ गई हो, लेकिन यहां आज भी नौकरियों के असीम अवसर हैं। इस वर्ष देश भर में करीब नौ करोड़ लोगों की जरूरत होगी। कंपनियां लगातार कर्मचारियों की तलाश में रहेंगी नई भर्तियां करती रहेंगी। यह कहना है देश-विदेश की विशेषज्ञ एजेंसियों का, जो मानती हैं कि भारतीय रोजगार परिदृश्य पर दुनिया में फैले आर्थिक संकट का खास असर नहीं पड़ेगा।

18 फीसदी की दर से बढ़ेगी नियुक्ति दर : बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के अध्ययन में पता चला है कि वर्ष 2009 में देश के आईटी, आउटसोर्सिंग, बैंकिंग, रिटेल और हेल्थ केयर जैसे क्षेत्र रोजगार सृजन की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण साबित होंगे। इन्हें अन्य क्षेत्रों को मिलाकर देश में करीब 8.5 से नौ करोड़ लोगों की मांग देखने को मिलेगी।

एचआर कंसल्टेंसी फर्म मैनपावर प्रोजेक्ट्स का कहना है भारतीय कंपनियों में नियुक्ति की प्रक्रिया पहली तिमाही से 18 फीसदी की दर से बढ़ना शुरू होगी।

वर्क फोर्स का वितरण : कुल संख्या- 48.4 करोड़, ग्रामीण कर्मचारी- 27.3 करोड़ , सेवा क्षेत्र- 15 करोड़, निर्माण- 6.1 करोड़

गजब का विश्वास : एक अन्य सर्वे में पाया गया है कि देश के 6k फीसदी से अधिक लोग नौकरियों को लेकर निश्चिंत हैं। करीब 57 फीसदी मानते हैं कि देश में बेरोजगारी बढ़ेगी, लेकिन वे इससे प्रभावित नहीं होंगे।

जानकारों के अनुसार मौजूदा हालात में कुछ उद्योगों के प्रदर्शन को लेकर संदेह पैदा हो गया है, जिसका असर वेतन भत्तों पर दिखाई देगा। लेकिन, कारोबारी इनसे जल्द उबरने में कामयाब रहेंगे।

English Translation:

As the world continues to reel under the merciless chill of recession, there is some good news for India. According to leading advisory Boston Consulting Group a demand for around 85 to 90 million people across various sectors is set to provide some relief to the tensed job market. Much of the demand is to come from the high-growth industries like retail, healthcare, outsourcing IT etc.
HR consultancy firm Manpower has also predicted a rise of around 18 per cent beginning this quarter in many sectors.

“India poses a far more positive outlook as compared to what has been happening across the world,” Cherian Kuruvila, director operations, Manpower India, reportedly said. He further added that a growth of seven per cent in India’s gross domestic product (GDP) indicates that the economy continues to be healthy.

Now, that’s some good news for the professionals who have been in the fear of losing their jobs all this while. That’s the proverbial silver lining in the otherwise darkening cloud.

Experts are of the opinion that India is likely to come out of the effects of recession sooner than other economies, which is yet another good news. Hopefully, all the stress caused due to job insecurity would soon be a thing of past.

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