अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत फ़िर बढ़ कर 106 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। इसके असर से भारत में महँगाई और बढ़ सकती है।
ताज़ा उछाल अमरीका में रोज़गार के आँकड़ों में कमी की रिपोर्ट के बाद आया है।
वायदा बाज़ार में मई माह के लिए 106 डॉलर 23 सेंट प्रति बैरल की दर से कच्चे तेल की बोली लगाई गई।
लंदन के बाज़ार में कच्चा तेल दो डॉलर चढ़ कर लगभग 105 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
भारत के लिए ये बुरी ख़बर है जहाँ महँगाई की दर तीन साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुँच चुकी है।
भारत अपनी ज़रूरतों का 70 फ़ीसदी कच्चा तेल आयात करता है और क़मीतें बढ़ने से पेट्रोल और डीजल की क़ीमत फिर बढ़ाई जा सकती है।
एक्सॉन मोबिल के अमरीकी रिफ़ाइनरी में आग लगने की ख़बर का असर भी बाज़ार पर पड़ा।
अमरीका में गर्मी के दिनों में पेट्रोल की खपत बढ़ जाती है, इसलिए आपूर्ति में किसी तरह की गड़बड़ी से क़ीमतें बढ़ जाती हैं।
अमरीकी डॉलर के यूरो के मुक़ाबले कमज़ोर पड़ने का असर भी तेल क़ीमतों पर पड़ रहा है और निवेशक मुद्रा बाज़ार में घुसने के बज़ाए कमोडिटी बाज़ार में निवेश कर रहे हैं।
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