नैटो संगठन के 26 सदस्य देशों ने अफ़ग़ानिस्तान को लंबे समय तक सहायता देने का वादा करते हुए वहाँ सैन्य सहायता बढ़ाने का फ़ैसला किया है।
रोमानिया की राजधानी बुकारेस्ट में नैटो के सम्मेलन में कहा गया कि अफ़ग़ानिस्तान तालेबान के ख़िलाफ़ लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है और वहाँ अंतरराष्ट्रीय सहायता में बेहतर तालमेल की ज़रुरत है।
नैटो देशों ने फ़ैसला किया है कि वे 2010 तक अफ़ग़ान सैनिकों की संख्या 80 हज़ार कर दी जाएगी और इसके लिए प्रशिक्षण और हथियारों की व्यवस्था की जाएगी।
इससे पहले फ़्रांस ने अफ़ग़ानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने की घोषणा की थी।
उल्लेखनीय है कि अमरीका लंबे समय से अफ़ग़ानिस्तान में नैटो का समर्थन बढ़ाने की माँग कर रहा है लेकिन इसके लिए सदस्य देश राज़ी नहीं हो रहे थे।
मैंने तय किया है कि पूर्वी क्षेत्र में फ़ांस के सैनिकों की मौजूदगी को एक अतिरिक्त बटालियन तैनात कर और मज़बूत किया जाए
फ़्रांस के राष्ट्रपति
संवाददाताओं का कहना है कि गुरुवार को लिया गया फ़ैसला नैटो के सदस्य देशों में अफ़ग़ानिस्तान में सैनिकों की उपस्थिति को लेकर घटते समर्थन को उलटने की कोशिश है।
नैटो के सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान को लेकर जो रणनीति तय की गई है उसमें नया कुछ भी नहीं है।
उनका कहना है कि इसमें यह बात दोहराई गई है कि वहाँ तालेबान और अल-क़ायदा को नहीं लौटने देना है।
फ़्रांस और सैनिक भेजेगा
फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सार्कोज़ी ने अपने भाषण में कहा, "मैंने तय किया है कि पूर्वी क्षेत्र में फ़ांस के सैनिकों की मौजूदगी को एक अतिरिक्त बटालियन तैनात कर और मज़बूत किया जाए।"
महत्वपूर्ण है कि नैटो के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय सेनाओं के कमांडर जनरल डेनियल मेकनील ने लगभग दस हज़ार अतिरिक्त सैनिक तैनात किए जाने की माँग की है।
इससे पहले कनाडा ने धमकी दी थी कि यदि और नैटो देश अपने सैनिक अफ़ग़ानिस्तान में अपने सैनिक नहीं भेजते तो वह अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा।
अमरीका ने वादा किया है कि वह दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान में कनाडा की सेना की मदद के लिए कुछ अतिरिक्त सैनिक भेजेगा।
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