बांग्लादेश और भारत के बीच चार दशकों के लंबे इंतज़ार के बाद सोमवार, 14 अप्रैल से मैत्री का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है।
स्वतंत्र बांग्लादेश बनने के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच यात्री रेल सेवा शुरू की जा रही है जिसे काफ़ी महत्वपूर्ण घटना माना जा रहा है।
मैत्री रेलगाड़ी की तैयारियाँ
यह रेलगाड़ी सोमवार को कोलकाता से भारतीय समय के अनुसार सवेरे लगभग सवा सात बजे ढाका के लिए रवाना हुई।
इसी तरह की एक रेलगाड़ी सोमवार को ढाका से कोलकाता के लिए रवाना हुई है।
भारत के विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी और रेल मंत्री लालू प्रसाद ने सोमवार को बंगाली नव वर्ष के दिन ढाका जाने वाली ‘मैत्री एक्सप्रेस’ को कोलकाता से हरी झडी दिखा कर रवाना किया।
कुल 418 यात्रियों को बैठाने की क्षमता वाली मैत्री एक्सप्रेस सप्ताह में एक बार चलेगी। इसमें वातानुकूलित प्रथम श्रेणी (एसी-फ़र्स्ट) का किराया 780 रुपए और सबसे सस्ता किराया 320 रुपए होगा।
भारत और बांग्लादेश के बीच विमान सेवा और बस सेवा तो पहले से ही चल रही हैं लेकिन समझा जा रहा है कि मैत्री रेल सेवा एक सस्ता यातायात साधन साबित होगा।
ऐसा माना जा रहा है कि भारत विभाजन के बाद पूर्वी बंगाल से पश्चिमी बंगाल आकर बसे बहुत से लोग इस रेल सेवा का इस्तेमाल करेंगे।
कोलकाता में इस रेल सेवा को शुरू किए जाते समय बहुत से ऐसे लोग भी थे जो 1946 में पूर्वी बंगाल से पश्चिमी बंगाल आ गए थे और इस रेल में जाकर अब बांग्लादेश बन चुके उस ज़मीन को छूकर देखना चाहते हैं।
वर्ष 1965 तक ढाका और कोलकाता के बीच रेल संपर्क बहाल था लेकिन उसी समय पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरु हुआ और ये सेवा बंद कर दी गई थी।
उस समय बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था जिसे पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था लेकिन 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद भारत के साथ रेल सेवा बहाल नहीं हो सकी थी।
अहम फ़ैसला
बांग्लादेश के साथ मैत्री रेल सेवा शुरू करने का फ़ैसले को भारत सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में मंज़ूरी दी थी। दोनों देशों में वर्ष 2001 में रेलगाड़ी फिर से चलाने पर सहमति हुई थी।
समझौता एक्सप्रेस
भारत-पाकिस्तान के बीच ये ट्रेन हफ़्ते में दो दिन चलती है
इससे पहले 24 फ़रवरी को कैबिनेट ने दोनों देशों के बीच अस्थाई चार दीवारी बनाने के भारतीय प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी थी ताकि यात्री रेल चलाए जाने का रास्ता सुलभ हो सके।
दोनों देशों के रेलवे अधिकारियों ने पिछले सप्ताह दो दिन चली दोतरफ़ा बैठक में रेल सेवा शुरू करने के लिए इससे संबंधित सभी मुद्दों को अंतिम रूप दिया।
मैत्री एक्सप्रेस में प्रति यात्री 35 किलोग्राम वज़न तक का सामान लेकर जा सकता है। जबकि पाँच साल से कम उम्र के बच्चे के साथ 20 किलोग्राम तक वज़न का सामान बिना किसी शुल्क के लेकर जाया जा सकता है।
कोलकाता से एक ऐसा व्यक्ति मैत्री एक्सप्रेस में सवार हुआ जो 1965 में रेलगाड़ी से ढाका से कोलकाता आया था। वो रेलगाड़ी उसके बाद बंद हो गई थी। उस समय उस व्यक्ति की उम्र नौ साल थी।
अब 54 वर्षीय राखल दास ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "ढाका जाने वाली सीधी बस सेवा का टिकट काफ़ी महंगा है और हवाई यात्रा को मेरे बस के बाहर है लेकिन रेल यात्रा मेरी जेब के दायरे में है।"
समझौता एक्सप्रेस
इससे पहले वर्ष 2004 में पाकिस्तान और भारत के बीच रेल सेवा शुरू की गई थी जिससे दोनों देशों के बीच यातायात संबध बहाल हुए हैं।
इस ट्रेन के ज़रिए यात्री सप्ताह में दो दिन दिल्ली से लाहौर की यात्रा कर रहे हैं।
थार एक्सप्रेस
थार एक्सप्रेस हफ़्ते में एक बार चलती है
भारत में दिसंबर 2001 में संसद परिसर में हुए चरमपंथी हमले के बाद से इस गाड़ी को रोक दिया गया था लेकिन बाद में दोनों देशों के बीच संबध सुधरे और रेल सेवा फिर बहाल कर दी गई।
भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी सदभाव के लिए समझौता एक्सप्रेस 1976 से चलनी शुरू हुई थी।
थार एक्सप्रेस
इसी तरह वर्ष 2006 में भारतीय राजस्थान राज्य और पाकिस्तान के सिंध प्रांत को जोड़ने वाली थार एक्सप्रेस की शुरूआत की गई थी।
ये रेल सेवा दोनों देशों के बीच करीब 41 वर्षों के बाद शुरू की गई थी।
इस रेल सेवा का ज़रिए शुरुआती छह महीनों में क़रीब 31 हज़ार यात्रियों ने यात्रा की और अपने परिजनों से मुलाक़ात की थी।
दिसंबर 2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद इस ट्रेन को रोक दिया गया था लेकिन फिर जल्द ही सेवा बहाल कर दी गई।
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