Friday, February 8, 2008

किडनी कांड: मुख्य अभियुक्त काठमांडू में

गुरुवार को गिरफ़्तार किए गए किडनी कांड के मुख्य अभियुक्त अमित कुमार को नेपाल की राजधानी काठमांडू लाया गया है।

वहाँ नेपाल पुलिस के आला अधिकारियों और नेपाली गृहमंत्रालय के अधिकिरियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक चल रही है।

अधिकारियों का कहना है कि इस बैठक में इस बात पर चर्चा चल रही है कि डॉक्टर अमित कुमार को सीधे भारत को सौंप दिया जाए या फिर उन्हें नेपाल में ही रखकर नेपाल में किडनी कांड से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की जाए।

चूंकि नेपाल में भी ग़रीबों की किडनी निकालने की ख़बरें मिली हैं और एक गाँव तो ऐसा मिला है जहाँ हर परिवार से कम से कम एक व्यक्ति की किडनी निकाल ली गई है।
काठमांडू से वरिष्ठ पत्रकार युवराज घिमिरे का कहना है कि कुछ अधिकारियों का मानना है कि अभी डॉक्टर अमित कुमार को काठमांडू में रखा जाए और भारत को प्रत्यार्पण की औपचारिकताएँ पूरी करने को कहा जाए।

उनका कहना है कि डॉक्टर अमित कुमार की गिरफ़्तारी के तुरंत बाद भारतीय दूतावास को ख़बर दे दी गई थी और दूतावास के अधिकारी लगातार नेपाली अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं।

ख़बर है कि भारत से एक दल शुक्रवार को काठमांडू पहुँच रहा है।

मुरादाबाद पुलिस को भी तलाश

रामदत्त त्रिपाठी का कहना है कि किडनी कांड के मुख्य अभियुक्त के पकड़े जाने के बाद से मुरादाबाद पुलिस भी सक्रिय हो गई है।

अधिकारियों का कहना है कि उन्हें भी दो मामलों में डॉक्टर अमित की तलाश है और वे भारत सरकार के ज़रिए डॉक्टर अमित को उन्हें सौंपे जाने का अनुरोध कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि किडनी चोरी के मामले का भांडा मुरादाबाद से ही फूटा था जब वहाँ दो व्यक्तियों ने किडनी के बदले पूरे पैसे न मिलने की शिकायत पुलिस से की थी।

इस शिकायत के बाद मुरादाबाद पुलिस ने छापे मारे थे।

फ़िलहाल एक डॉक्टर और एक नेपाली ड्राइवर मुरादाबाद पुलिस हिरासत में है और उनसे पूछताछ की जा रही है। गिरफ़्तारी

डॉक्टर अमित कुमार को गुरुवार को नेपाल में गिरफ़्तार किया गया। नेपाल के गृह राज्यमंत्री राम कुमार चौधरी ने इसकी पुष्टि कर दी थी।

एक पीड़ित शकील अहमद अपने माता-पिता के साथ
किडनी चोरी के शिकार कई लोग अब शिकायतें लेकर सामने आ रहे हैं

नेपाल पुलिस की एक विशेष टीम ने डॉक्टर अमित कुमार को दक्षिणी नेपाल के सौराहा शहर से गिरफ़्तार किया था।

जिस इलाक़े से डॉक्टर अमित कुमार को गिरफ़्तार किया गया है, वो इलाक़ा भारतीय सीमा से सटा हुआ है, जो बिहार के रक्सौल शहर से 60 किलोमीटर दूर है।

राम कुमार चौधरी ने बताया है कि डॉक्ट अमित के पास से एक लाख 45 हजार डॉलर और 936 यूरो का ड्राफ्ट बरामद हुआ है।

नेपाली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ़्तारी के बाद डॉक्टर अमित कुमार ने उन्हें 20 लाख रुपयों की रिश्वत देने की कोशिश की जिससे कि उन्हें छोड़ दिया जाए।
मामला

जनवरी के आख़िरी सप्ताह में दिल्ली से सटे गुड़गाँव स्थित एक घर पर पुलिस ने छापा मारा था जहाँ से ग़ैर-क़ानूनी तरीके से गुर्दा प्रतिरोपण का धंधा चल रहा था।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़ सैकड़ों ग़रीब मज़दूरों को बहला-फुसला कर गुर्दा बेचने के लिए राज़ी किया जाता था। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में कई लोगों को गिरफ़्तार किया था।

जो लोग अपनी गुर्दा निकलवाने के लिए तैयार हो जाते थे उनमें से अधिकतर ग़रीब तबके के मज़दूर होते थे।

इन मज़दूरों को गुर्दा निकलवाने के लिए 50 हज़ार से लेकर एक लाख रूपए तक दिए जाते थे लेकिन जिन लोगों को किडनी प्रत्यर्पित की जाती थी उनसे 10 लाख से 18 लाख रुपए तक वसूले जाते थे।

पुलिस जाँच में यह भी पता चला कि हरियाणा को केंद्र बनाकर किए जा रहे इस अपराध की जड़ें भारत के कई राज्यों और दुनिया के कई देशों में फैली हुई हैं।

लेकिन इस कांड के प्रमुख अभियुक्त डॉक्टर अमित कुमार फ़रार हो गए थे। बाद में हरियाणा सरकार ने इस मामले की जाँच सीबीआई से कराने की सिफ़ारिश की थी और डॉक्टर अमित की गिरफ़्तारी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलर्ट जारी किया गया था।

मानव अंगों की ख़रीद-फ़रोख़्त पर भारत में क़ानूनी प्रतिबंध है लेकिन फिर भी कई ग़रीब लोग प्रतिरोपण के लिए तैयार ग्राहकों को गुर्दा बेचते रहे हैं। इनमें कई विदेशी ग्राहक भी शामिल हैं।

1 comment:

Anonymous said...

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