भारतीय विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने चीन की आपत्तियों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और प्रधानमंत्री वहाँ जाने को स्वतंत्र हैं।
ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 31 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की थी और कहा था कि देश में सूर्योदय की किरणें सबसे पहले इसी राज्य में पड़ती हैं।
समाचार एजेंसियों के मुताबिक उनकी इस यात्रा पर चीन सरकार ने अनौपचारिक विरोध दर्ज कराया है।
चीन लंबे अरसे से दावा करता रहा है कि अरूणाचल का बड़ा हिस्सा उसके भू-भाग का अंग है।
चीन के विरोध पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए प्रणव मुखर्जी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि यह पूर्वोत्तर राज्य देश का अभिन्न भाग है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के किसी भी भाग में जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हम चीन के रुख़ से वाकिफ़ हैं और वे भी हमारे विचारों से अवगत हैं।
उनका कहना था, "हमारे पास संसद में अरुणाचल प्रदेश से चुने गए प्रतिनिधि हैं। इसलिए ये स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री देश के किसी भी हिस्से की यात्रा कर सकते हैं।"
भारत और चीन सीमा विवाद के मसले को सुलझाने के लिए लगातार बातचीत करते रहे हैं।
कूटनयिक हलकों में माना जा रहा था कि इस लिहाज़ से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की हाल में हुई चीन यात्रा काफी सफल रही है।
लेकिन उनकी चीन यात्रा के एक माह बाद ही ताज़ा विवाद सामने है।
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