पाकिस्तान सरकार ने भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की फाँसी पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। लाहौर जेल के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
पिछले दिनों सरबजीत के परिजन उनसे मिलने पाकिस्तान गए थे। दोनों देशों के कई मानवाधिकार संगठन और नेता सरबजीत की फाँसी की सज़ा माफ़ करने की माँग करते आए हैं।
बुधवार को भारतीय विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा था, "हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान सरकार सरबजीत सिंह की सज़ा माफ़ करे देगी और वो अपने घर वापस लौट सकेंगे।"
सरबजीत सिंह पर जासूसी और 1990 में कई बम धमाके करवाने का आरोप है जिसमें 14 लोग मारे गए थे।
उन पर लाहौर की एक अदालत में मुक़दमा चला और 1991 में उनको मौत की सज़ा सुना दी गई।
निचली अदालत की ये सज़ा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बहाल रखी।
सज़ा पर रोक
लाहौर की कोट लखपत जेल के अधीक्षक मलिक मुबाशिर अहमद ख़ान ने गृह मंत्रालय से मिले आदेश का हवाला देते हुए कहा, "भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगाई जाती है।"
इससे पूर्व दिल्ली में पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि सरबजीत की दया याचिका का मसला विचाराधीन है और वो इस बारे में अपनी ओर से हर संभव कोशिश करेंगी।
शेरी रहमान दिवंगत वरिष्ठ गांधीवादी निर्मला देशपांडे के अंतिम संस्कार में शामिल होने दिल्ली आई थीं।
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