Wednesday, August 8, 2007

'बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में महामारी का खतरा'

संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि दक्षिण एशिया में बाढ़ प्रभावित लोगों को अगर जल्दी राहत सहायता नहीं मिली तो उन्हें महामारी का सामना करना पड़ सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनीसेफ का कहना है कि रुका हुआ पानी मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का घर है और जल्दी ही ये बीमारियां फैल सकती है।

हालांकि बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में भोजन, पानी और दवाईयां बांटी गई हैं लेकिन बाढ़ का प्रकोप इतना अधिक है कि राहत कार्य कम पड़ते जा रहे हैं।

भारत में यूनीसेफ के स्वास्थ्य प्रमुख मार्ज़ियो बाबिले का कहना है कि कई गांव अभी भी स्वास्थ्य सुविधाओं से दूर हैं।

उन्होंने कहा ' बाढ़ का रुका हुआ पानी डायरिया और अन्य बीमारियां पैदा करने का स्त्रोत है जो महामारी बन सकती है। '

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार भारत में बिहार, असम और उत्तर प्रदेश राज्य सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं जहां प्रभावितों की संख्या दो करोड़ है।

उधर बांग्लादेश में 80 लाख और नेपाल में तीन लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।

हालांकि कई इलाक़ों में अब बारिश बंद और पानी घट रहा है लेकिन अभी भी कई इलाक़ों में पानी भरा हुआ है।

गृह मंत्री का दौरा

भारत में गृह मंत्री शिवराज पाटिल और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बाढ़ प्रभावित असम और बिहार राज्यों का दौरा किया है। बिहार में बाढ़ राहत और मदद न मिल पाने के कारण हज़ारों लोग नाराज़ बताए जाते हैं।

आँकड़ों के अनुसार अब तक 1428 लोग अपनी जानें गवाँ चुके हैं और पूरे देश के 192 ज़िलों से बाढ़ की ख़बरें मिल रहीं हैं।

बिहार के कई शहरों में पीने का पानी बड़ी भारी चुनौती बना हुआ है। शहरों में फिल्ट्रेशन प्लांट डूब गए हैं और गाँवों में कुएँ और हैंडपंप बेकार हो गए हैं।

गंदे पानी की वज़ह से मलेरिया,डेंगी और लेप्टोस्पाईरोसिस जैसी बीमारियों का ख़तरा बहुत ज़्यादा बढ़ गया है।

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