Monday, November 26, 2007

चुनावों के लिए पर्चा भरेंगे शरीफ़

सऊदी अरब से निर्वासित जीवन बिता कर वतन लौटे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ आगामी चुनावों के लिए सोमवार को नामांकन दाखिल कर सकते हैं।

हालांकि विपक्षी दलों ने सभी राजनीतिक दलों से आगामी चुनावों का बहिष्कार करने की अपील की है।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग ( नवाज़ ) के प्रमुख नवाज़ शरीफ़ रविवार को पाकिस्तान पहुंचे हैं।

पाकिस्तान में इस समय आपातकाल है और राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने जनवरी महीने में चुनावों की तारीख तय की है।

इससे पहले उनकी प्रतिद्वंद्वी और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता बेनज़ीर भुट्टो ने सिंध प्रांत में दो सीटों पर नामांकन भर दिया है।

उधर विपक्षी दलों के समूह आल पार्टी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने शनिवार को कहा था कि अगर राष्ट्रपति मुशर्रफ़ आपातकाल नहीं हटाते और सुप्रीम कोर्ट के बर्खास्त जजों की बहाली नहीं करते तो चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा।

पीएमएल नवाज़ इस समूह की सदस्य है। उधर पीपीपी ने भी चुनावों का बहिष्कार करने का समर्थन किया था लेकिन अब बेनज़ीर ने पर्चा भर दिया है। ऐसे में लगता है कि नवाज़ शरीफ़ भी पर्चा भरेंगे।

तानाशाही ख़त्म करुंगा

इससे पहले पाकिस्तान लौटने के बाद नवाज़ शरीफ़ ने कहा है कि वह मुल्क़ से तानाशाही ख़त्म करने आए हैं और वो लोकतंत्र मज़बूत बनाना चाहते हैं।

नवाज़ शरीफ़ का विमान रविवार रात लाहौर हवाई अड्डे पर उतरा। सऊदी अरब से उनके साथ उनकी पत्नी कुलसुम नवाज़ और भाई शाहबाज़ शरीफ़ भी आए हैं।

उन्होंने बीबीसी के साथ विशेष बातचीत में कहा, "हम देश में क़ानून का शासन चाहते हैं। हमें जम्हूरियत चाहिए और कुछ नहीं।"

नवाज़ शरीफ़ का कहना था, "ये मेरी ज़िंदगी का बेहतरीन लम्हा है। मैं उन लोगों का शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने मेरा साथ दिया।"


हम देश में क़ानून का शासन चाहते हैं। हमें जम्हूरियत चाहिए और कुछ नहीं

नवाज़ शरीफ़

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वो 1977 के संविधान की बहाली के लिए काम करेंगे।

उन्होंने स्पष्ट किया कि वो बदले की राजनीति के तहत आगे नहीं बढ़ेंगे। इस सवाल पर कि क्या वो जनरल मुशर्रफ़ के साथ मिल कर काम करेंगे तो उनका कहना था, "हमारा एजेंडा उनसे अलग है।"

संसदीय चुनाव में हिस्सा लेने के सवाल पर उनका कहना था कि इसका फ़ैसला 'ऑल पार्टी डेमोक्रैटिक मूवमेंट' में शामिल अन्य दलों के साथ सलाह मशविरे के बाद ही किया जाएगा।

स्वागत

अपने परिवार के तीस सदस्यों के साथ पाकिस्तान पहुँचे नवाज़ शरीफ़ ने कहा कि उनका "परवेज़ मुशर्रफ़ से किसी तरह का समझौता करने का कोई इरादा नहीं है"।

वे सात वर्ष निर्वासित ज़िंदगी गुज़ारने के बाद जेद्दा से एक विशेष विमान से लाहौर पहुँचे हैं।

सरकार की ओर से कहा गया है कि नवाज़ शरीफ़ अपनी मर्ज़ी से वापस लौटे हैं और उन्हें पिछली बार की तरह रोका या वापस नहीं भेजा जाएगा।

पिछले 10 सितंबर को इसी सरकार ने स्वदेश वापस लौटे नवाज़ शरीफ़ को हवाईअड्डे से ही वापस भेज दिया गया था।

हवाई अड्डे के लाउंज से बाहर निकलते ही पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के समर्थकों ने उन्हें और शाहबाज़ शरीफ़ को कंधों पर उठा लिया और ज़बर्दस्त नारेबाज़ी की।

उन्होंने लोगों से कहा कि वो किसी सौदेबाज़ी के लिए वापस नहीं आए हैं बल्कि मुल्क़ और कौम के लिए वापस आए हैं।

हवाई अड्डे पर उनकी पार्टी के कार्यकर्ता लगातार जनरल मुशर्रफ़ के ख़िलाफ़ नारे लगाते रहे। पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की धक्कामुक्की भी हुई और हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा।

कुछ दिन पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें स्वदेश लौटने की अनुमति दे दी थी।

1999 में नवाज़ शरीफ़ का तख़्ता पलट दिया गया था और अगले साल उन्हें पाकिस्तान से सऊदी अरब निर्वासित कर दिया गया था।

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