उत्तरप्रदेश पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने बाराबंकी ज़िले में दो 'संदिग्ध चरमपंथियों' को गिरफ़्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि इन संदिग्धों के पास से बड़ी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद किया गया है।
पुलिस का आकलन है कि इन 'संदिग्ध चरमपंथियों' का ताल्लुक पिछले महीने 23 नवंबर को उत्तरप्रदेश की तीन अदालतों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से हो सकता है।
गत माह 23 नवंबर को उत्तरप्रदेश के वाराणसी, फ़ैज़ाबाद और लखनऊ की अदालतों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई थी।
इनमें से सबसे ज़्यादा लोग वाराणसी में मारे गए थे। वहाँ नौ लोग इन हमलों का शिकार हुए थे।
पहली बार अदालतों को निशाना बनाकर किए गए इन सिलसिलेवार धमाकों में 60 से भी ज़्यादा लोग घायल हो गए थे।
हमले के तार
इस बारे में उत्तरप्रदेश पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क़ानून व्यवस्था) ब्रजलाल ने बीबीसी को बताया कि गिरफ़्तार 'संदिग्ध चरमपंथियों' के तार इन हमलों से जुड़े होने के संकेत मिले हैं पर अभी पूछताछ जारी है।
ब्रजलाल ने बताया कि इन दोनों संदिग्धों को बाराबंकी ज़िले के बस स्टैंड से गिरफ़्तार किया गया है। इन संदिग्धों के नाम तारिक और ख़ालिद बताए गए हैं।
उन्होंने बताया कि शुरुआती पूछताछ के बाद पता चला है कि ये दोनों 'संदिग्ध चरमपंथी' एक चरमपंथी संगठन 'हरक़त उल जेहाद-इस्लामी' (हूजी) के सदस्य हैं।
हालांकि बाक़ी विवरण देने से उन्होंने इनकार कर दिया और कहा है कि इस बारे में राज्य पुलिस की आधिकारिक तौर पर होने वाली घोषणा का इंतज़ार किया जाना चाहिए।
Saturday, December 22, 2007
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