पाकिस्तान में राष्ट्रपति मुशर्रफ़ को समर्थन देने वाली पाकिस्तान मुसलिम लीग (क़ायदे आजम) के प्रवक्ता ने स्वीकार किया है कि विपक्षी दलों ने चुनावों में बढ़त हासिल कर ली है।
पीएमएल-क्यू के प्रवक्ता तारीक़ अज़ीम ने कहा कि यदि शुरुआती नतीजों की पुष्टि होती है तो पार्टी विपक्ष की भूमिका निभाने को तैयार है।
समाचार एजेंसी एएफ़पी के साथ बातचीत में तारिक़ अज़ीम ने कहा कि शुरुआती नतीजों में नवाज़ शरीफ़ और बेनज़ीर भुट्टो को 'बड़ी सफलता' हासिल हुई है।
उनका कहना था,'' यदि नतीजों की पुष्टि होती है तो हम प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाएँगे।''
दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों के समर्थकों ने अभी से जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया है।
हालांकि अभी नेशनल और प्रांतीय असेंबलियों के लिए हुए चुनाव में वोटों की गिनती जारी है। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ घंटों में नतीजे आ जाएँगे।
बेनज़ीर भुट्टो के कुछ युवा समर्थक कराची की सड़कों में जश्न मनाने में जुट गए हैं।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) मु्ख्य राजनीतिक विपक्षी पार्टियाँ हैं।
शुरुआती रुझानों के अनुसार उनके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं और परवेज़ मुशर्रफ़ के कई निकटतम सहयोगी अपनी सीटें हार गए हैं।
ख़बरों के अनुसार राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के अधीन प्रधानमंत्री रहे पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क़ायदे आजम) के चौधरी शुजात हुसैन नेशनल असेंबली का चुनाव हार गए हैं।
मुशर्रफ़ के विश्वस्त और पूर्व मंत्री शेख़ रशीद अहमद रावलपिंडी सीट से हार गए हैं।
चुनावी हिंसा
ग़ौरतलब है कि सोमवार को शाम बजे मतदान पूरा हुआ था और मतदान के दौरान देश भर के अलग-अलग हिस्सों से हिंसा की ख़बरें आई थीं। ग़ैर आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक हिंसा में 10 से ज़्यादा लोग मारे गए थे।
मतदान संसद के निचले सदन यानी नेशनल असेंबली की 272 सीटों और प्रांतीय असेंबलियों की 577 सीटों के लिए हुआ है।
नेशनल और प्रांतीय असेंबलियाँ
पंजाब: 445 सीटें, 3214 उम्मीदवार
सिंध: 191 सीटें, 2095 उम्मीदवार
सूबा सरहद: 134 सीटें, 1025 उम्मीदवार
बलूचिस्तान: 65 सीटें, 684 उम्मीदवार
परवेज़ मुशर्रफ़ के प्रवक्ता के मुताबिक रावलपिंडी में मतदान के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि जो भी चुनाव में जीतेगा उसके साथ मिलकर काम किया जाएगा।
मतदान के दौरान प्रांतीय असेंबली के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के उम्मीदवार चौधरी आसिफ़ अशरफ़ की गाड़ी को निशाना बनाकर हमला किया गया जिसमें उनकी मौत हो गई। हमले में उनके ड्राइवर और निजी सचिव भी मारे गए।
एक अन्य घटना में लाहौर में ही पीएमएल (नवाज़) के चुनावी दफ़्तर पर अंधाधुंध फ़ायरिंग में एक व्यक्ति मारा गया।
कड़े इंतज़ाम
चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे। पूरे देश में लगभग 80 हज़ार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था।
मतगणना
मतगणना का काम अभी जारी है
कुल 7, 335 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं और करीब आठ करोड़ नौ लाख मतदाता वोट डालने के लिए पंजीकृत थे।
पाकिस्तान के चुनावी इतिहास में पहली बार मतपेटियों को पारदर्शी बनाया गया।
पिछले दिनों हुई हिंसा की घटनाओं के कारण इस ऐतिहासिक चुनाव में तनाव और डर का साया मंडराता रहा है।
मतदान के दौरान धाँधली की आशंकाएँ भी जताई जाती रही हैं।
ये चुनाव पहले आठ जनवरी को होने थे लेकिन 27 दिसंबर को एक रैली में पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद चुनाव 18 फ़रवरी तक के लिए टाल दिए गए थे।
दुनिया भर की नज़रें इस समय पाकिस्तान पर टिकी हुई हैं। चुनावों का जायज़ा लेने के लिए दुनिया भर से क़रीब सौ पर्यवेक्षक और पत्रकार पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में पहुँचे हुए हैं।
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