Friday, April 27, 2007

आईआईएम, आईआईटी में प्रवेश को हरी झंडी

भारत में यूपीए गठबंधन वाली केंद्र सरकार ने अपने घटक के साथ हुई बैठक में भारतीय प्रबंधन संस्थानों और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों सहित केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी है ।

बैठक में तय हुआ है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में जिस आधार पर अभी तय प्रवेश दिया जाता रहा है, उसी आधार पर इस बार भी प्रवेश दिए जाएंगे ।

इस घोषणा के बाद अब आगामी सत्र के लिए सामान्य वर्ग और आरक्षित श्रेणी में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए प्रवेश शुरू हो जाएगा ।

ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतज़ार करने की घोषणा की गई है ।

केंद्र सरकार ने तय किया गया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार किया जाएगा ।

उठापटक

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने इसी वर्ष की शुरुआत में सभी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पारित कराते हुए इसकी अधिसूचना जारी की थी ।

लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी ।

केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस सत्र में ओबीसी आरक्षण पर हाल मे लगाई रोक को हटाने से इनकार कर दिया था । इसके बाद सरकार ने छात्रों के भविष्य का हवाला देते हुए दलील दी थी कि इस मामले की जल्द सुनवाई होनी चाहिए ।

जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और आठ मई को इस पर विचार करने का फ़ैसला किया है ।

कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार और घटक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई जिसमें मानव संसाधन विकास मंत्री के मसौदे को सबने अपनी स्वीकृति दे दी है ।

मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने प्रधानमंत्री से इस मामले में हुई बातचीत में सुझाया था कि आगामी सत्र के लिए दाखिले में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण अनिवार्य न बनाया जाए ताकि भारतीय प्रबंधन संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया बाधित न हो ।

हालांकि सरकार के इस ताज़े फैसले से केंद्र सरकार के दूसरे घटक दल खुश नज़र नहीं आ रहे हैं ।

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