विशेष न्यायाधीश पीडी कोडे ने इस मामले के सभी अभियुक्तों को बुधवार को अदालत में पेश होने को कहा है ।
मुंबई धमाकों की जाँच कर रही विशेष आतंकवाद निरोधक अदालत ने इस मामले में 100 लोगों को दोषी ठहराया था और 23 लोगों को बरी कर दिया था ।
सीबीआई ने अदालत से बम धमाकों के मामले में दोषी ठहराए गए 44 लोगों को मौत की सज़ा देने की माँग की थी ।
इसके अलावा नौ लोगों के लिए तीन से 10 साल तक की सज़ा की मांग की गई है ।
इन नौ लोगों में बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त भी शामिल हैं, जिन्हें आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया है ।
बम धमाके
12 मार्च, 1993 को मुंबई में एक के बाद एक कई धमाके हुए थे, जिनमें 250 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और लगभग एक हज़ार लोग घायल हो गए थे ।
माना जाता है कि 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद अंडरवर्ल्ड के इशारे पर ये धमाके हुए थे ।
माफ़िया सरगना दाऊद इब्राहिम पर बम धमाकों की साज़िश रचने का आरोप है, लेकिन वे अब भी फ़रार हैं ।
यह मुक़दमा इतना लंबा चला कि 12 अभियुक्तों की मौत हो गई और कई अभियुक्तों ने उतनी सज़ा काट ली है, जितनी उन्हें आजीवन क़ैद मिलने के बाद भुगतनी पड़ती ।
तेरह साल तक चले मुक़दमे के बाद पिछले साल सितंबर से अदालत ने अपना फ़ैसला सुनाना शुरू किया जो दिसंबर में पूरा हुआ अब सज़ा सुनाई जानी बाक़ी है ।
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