लंदन स्थित मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रूस और चीन पर आरोप लगाया है कि वे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के बावजूद सूडान की सरकार को हथियार भेज रहे हैं जिनका इस्तेमाल दारफ़ुर मे हो रहा ।
एमनेस्टी का कहना है कि कुवैत, सऊदी अरब और बेलारूस भी सूडान में हथियार भेज रहे हैं।
एमनेस्टी का आरोप है कि सूडान आम नागरिकों पर हवाई हमले कर रहा है। संगठन के अनुसार ऐसा जंजावीद लड़ाकुओं के समर्थन में और विद्रोही गुटों के ख़िलाफ़ किया जा रहा है।
हज़ारों आम नागरिक पिछले दो महीने में संघर्ष क्षेत्र से विस्थापित हुए हैं।
दारफ़ुर में वर्ष 2003 में शुरु हुए संघर्ष के बाद कम से कम दो लाख लोग मारे गए हैं और लगभग बीस लाख लोग अपने घरों से पलायन कर चुके हैं।
एमनेस्टी ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि वह सूडान को हथियारों देने पर लगाए गए प्रतिबंध को लागू करने के लिए कदम उठाए।
सूडान ने इन आरोपों का खंडन किया है।
हाल में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के एक जाँचकर्ता ने कहा था कि कि सूडान के दारफ़ुर इलाक़े में हज़ारों नागरिकों की हत्या के सबूत इकट्ठे किए गए हैं।
मानवता के ख़िलाफ़ अपराध के आरोपों की जाँच कर रहे लुइस मारेनो ओकैंपो ने कहा था कि इनमें बड़ी संख्या में सामूहिक हत्याएँ और बलात्कार की सैकड़ों घटनाएँ शामिल हैं।
Tuesday, May 8, 2007
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