इस विधेयक में कुछ फेर बदलाव किया गया है और अब इसमें इराक़ से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है ।
सैनिकों को वापस बुलाने संबंधी समयसीमा पर राष्ट्रपति बुश ने वीटो कर दिया था और डेमोक्रेट सांसदों के पास इस वीटो के ख़िलाफ़ पर्याप्त वोट नहीं थे जिसके कारण उन्हें विधेयक में से समयसीमा संबंधी शर्त हटानी पड़ी है ।
इससे पहले राष्ट्रपति बुश ने कहा था कि अमरीकी सेनाएं इराक़ में जो त्याग और बलिदान कर रही हैं उसके एवज़ में इराक़ी सरकार को ज़मीन पर प्रगति करने की ज़रुरत है ।
बुश का यह भी कहना था कि इराक़ में सैन्य नीति अगले कुछ महीनों में बहुत महत्वपूर्ण होगी और गर्मी के महीनों में चरमपंथी गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी ।
बुश की चेतावनी
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति बुश ने कहा कि अमरीकी सैनिकों की नई खेप का अंतिम हिस्सा जून के अंत में बग़दाद पहुँचेगा ।
उनका कहना था कि इस समय तक इराक़ में भारी हिंसा का दौर जारी रह सकता है ।
राष्ट्रपति बुश ने डेमोक्रेट्स के साथ हुई उस सहमति का भी स्वागत किया जिसमें उन्होंने इराक़ में चल रही लड़ाई को बिना शर्त समर्थन देना स्वीकार कर लिया है।
राष्ट्रपति बुश ने पत्रकारों से कहा, "अगले कुछ हफ़्ते और महीने भारी लड़ाई होने की संभावना दिखती है और हो सकता है कि इसमें इराक़ियों और अमरीकियों की जानें जाएँ ।"
उनका कहना था कि लेकिन फ़ौजों को आक्रामक बने रहना होगा ।
राष्ट्रपति बुश का कहना है था कि वे चाहेंगे कि इराक़ में सेना की तैनाती दूसरी तरह से हो लेकिन यह तब तक संभव नहीं है जब तक कि बग़दाद सुरक्षित नहीं हो जाता ।
उनका कहना था कि नई तैनाती की अंतिम पाँच ब्रिगेड जून के अंत तक बग़दाद पहुँच जाएँगी। इसमें 30 हज़ार सैनिकों में से कोई 15 हज़ार सैनिक होंगे ।
उल्लेखनीय है कि अमरीका ने इसी साल फ़रवरी में इराक़ पर नई रणनीति तैयार की थी जिसके तहत 30 हज़ार अमरीकी सैनिकों को और भेजने का फ़ैसला किया गया था ।
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