राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की माँग पर आंदोलन कर रहे गूजर नेताओं से आज बातचीत करेंगी ।
इससे पहले राज्य सरकार की ओर से गठित चार मंत्रियों की समिति और गूजर प्रतिनिधियों के बीच तीन दौर की वार्ता विफल रही ।
गूजर नेता आंदोलन के शुरु से ही माँग करते रहे हैं कि मुख्यमंत्री ख़ुद उनसे बात करें ।
इस बीच पाँच दिनों से जारी हिंसा के बाद राजस्थान में हालात थोड़े सुधरे हैं लेकिन तनाव बरकरार है ।
दूसरे राज्यों से राजस्थान आए लोगों को उनके गंतव्य तक पहुँचाने की कोशिश की जा रही है ।
इसी कड़ी में जयपुर से 16 बसें भारी सुरक्षा इंतज़ामों के बीच दिल्ली के लिए रवाना की गई है ।
हालाँकि प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात अभी भी सामान्य नहीं हुआ है और रेल सेवा भी बाधित है ।
उम्मीद की किरण
मुख्यमंत्री और गूजर नेताओं के बीच होने वाली सीधी बातचीत से लोगों में समस्या के समाधान के प्रति उम्मीद की किरण जगी है ।
हालाँकि अंदोलनरत गूजर नेताओं को मनाने के लिए राज्य सरकार क्या फ़ॉर्मूला पेश करेगी, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
इसे वसुंधरा राजे की राजनीतिक कौशल का इम्तहान भी माना जा रहा है ।
राजस्थान में गूजरों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में रखा गया है लेकिन वो अनुसूचित जनजाति के तहत मिलने वाली आरक्षण सुविधा की माँग कर रहे हैं ।
इस बीच प्रशासन अपनी तरफ़ से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है ।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 33 कंपनियाँ और सेना के जवान सभी संवेदनशील इलाक़ों में तैनात हैं ।
मंगलवार को गूजरों के आंदोलन ने हिंसक रूख़ अख़्तियार कर लिया था और अब तक इस हिंसा में 23 लोग मारे जा चुके हैं ।
जानकारों का कहना है कि स्थितियाँ संभाल पाने में राज्य सरकार जिस तरह से नाकाम रही है उससे मुख्यमंत्री की कुर्सी संकट में आ सकती हैं ।
राजस्थान की राज्यपाल प्रतिभा पाटिल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उनकी ओऱ से राज्य की शांति व्यवस्था पर एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है ।
Saturday, June 2, 2007
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