गूजर समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने की मांग के संबंध में आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख किरोड़ी सिंह बैंसला और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच सोमवार को बातचीत होगी।
दूसरी ओर कुछ गूजर संगठनों ने सोमवार को दिल्ली बंद का आह्वान किया है ।
गूजर महापंचायत की बैठक में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के प्रवेश स्थानों को सील करने का फ़ैसला किया गया ।
इसको देखते हुए दिल्ली और इसकी सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं ।
इसके पहले गूजर समुदायों के लोगों ने रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर राजस्थान के गूजरों के साथ सहानुभूति प्रकट की ।
इधर कांग्रेस के दो गूजर सांसदों सचिन पायलट और अवतार सिंह भडाना के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मिला ।
इन लोगों ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से राजस्थान के मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की माँग की ।
राजनाथ सिंह से मिलने के बाद अवतार सिंह भडाना ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "राजनाथ सिंह ने इस बात का आश्वासन दिया है कि जो कुछ भी राजस्थान में हो रहा है, उसे वे गंभीरता से लेंगे।"
लेकिन अवतार सिंह का ये भी कहना था कि अगर हालात नहीं सुधरे तो वे केंद्र सरकार से राज्य सरकार को बर्ख़ास्त करने की माँग करेंगे ।
बातचीत
इधर राजस्थान सरकार और गूजर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला की सोमवार को अहम बातचीत होने जा रही है ।
कई दिनों के बाद गूजर नेता बैंसला बातचीत के लिए तैयार हुए हैं। हालांकि इसके पहले गूजर नेताओं के साथ चार दौर की बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला ।
गुर्जर समिति के सदस्य रूप सिंह ने बताया कि वार्ता में बैंसला और उनका आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शामिल होगा ।
राजस्थान में गूजरों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में रखा गया है लेकिन वे अनुसूचित जनजाति के तहत मिलने वाली आरक्षण सुविधा की मांग कर रहे हैं ।
दूसरी ओर राजस्थान का मीणा समुदाय इसका विरोध कर रहा है। इस पर दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं हैं ।
हालांकि गूजर पंचायत की अनुमति के बाद 29 मई को हुई हिंसा में मारे गए छह लोगों का रविवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया ।
लेकिन जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग अब भी अवरुद्ध है और आंदोलनकारी किसी भी वाहन को आने-जाने नहीं दे रहे हैं ।
उनका कहना है कि जब तक इस इलाक़े में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया नहीं आती हैं, वे रास्ता जाम रखेंगे। सड़कों पर सैकड़ों वाहन फँसे पड़े हैं ।
ग़ौरतलब है कि पिछले दिनों इस मांग ने हिंसक रूप ले लिया था और अभी तक हिंसा में 23 लोगों की मौत हो चुकी है.
राजस्थान में गूजरों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में रखा गया है लेकिन वे अनुसूचित जनजाति के तहत मिलने वाली आरक्षण सुविधा की मांग कर रहे हैं ।
दूसरी ओर राजस्थान का मीणा समुदाय इसका विरोध कर रहा है। इस पर दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं हैं ।
हालांकि गूजर पंचायत की अनुमति के बाद 29 मई को हुई हिंसा में मारे गए छह लोगों का रविवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया ।
लेकिन जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग अब भी अवरुद्ध है और आंदोलनकारी किसी भी वाहन को आने-जाने नहीं दे रहे हैं ।
उनका कहना है कि जब तक इस इलाक़े में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया नहीं आती हैं, वे रास्ता जाम रखेंगे। सड़कों पर सैकड़ों वाहन फँसे पड़े हैं ।
ग़ौरतलब है कि पिछले दिनों इस मांग ने हिंसक रूप ले लिया था और अभी तक हिंसा में 23 लोगों की मौत हो चुकी है.
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