Thursday, June 7, 2007

आरक्षण आंदोलन पर फिर विवाद

राजस्थान में गूजर नेताओं के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करने से फिर विवाद उठ खड़ा हुआ है।



गूजर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के बीच बैठक की तैयारी हो रही है।
साथ ही गूजरों ने शुक्रवार को महापंचायत बुलाई है जिसमें राज्य सरकार के साथ समझौते को लेकर उपजी भ्रम की स्थिति को दूर करने की कोशिश की जाएगी ।
गूजर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता रुप सिंह ने बताया कि मुक़दमा दर्ज किए जाने से उन्हें गहरा धक्का पहुँचा है ।
राजस्थान पुलिस ने गूजरों के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला, रुप सिंह और अन्य नेताओं के ख़िलाफ़ हत्या, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के मुक़दमे दर्ज किए हैं ।
अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने की माँग को लेकर गूजरों के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 23 लोग मारे गए थे ।
राजस्थान के अलावा आस-पास के राज्यों में भी आंदोलन का असर दिखा और प्रदर्शन हुए जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी जताई थी ।



बैठक


रुप सिंह ने बताया कि बैंसला कहाँ पर हैं, यह पता नहीं है और उनसे संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है ।
उन्होंने कहा कि बैंसला और मुख्यमंत्री के बीच गुरुवार को ही किसी समय मुलाक़ात होगी ।
रुप सिंह का कहना है कि गूजर समाज में राज्य सरकार के साथ हुए समझौते पर भ्रम की स्थिति है जिसे दूर करना ज़रूरी है ।
उनका कहना था, "अभी हमारी प्राथमिकता हर हाल में शांति कायम रखना है। इसके लिए बैंसला और मुख्यमंत्री के बीच बातचीत ज़रुरी है । "



मुक़दमे


राजस्थान पुलिस ने आंदोलन के दौरान हुई हिंसक वारदातों के मामलों में शीर्ष गूजर नेतृत्व समेत 200 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमे दर्ज किए हैं और इतनी ही संख्या में गिरफ़्तारियाँ हुई हैं ।
करौली ज़िले में हिंसक आंदोलन के पहले दिन यानी 29 मई को उग्र भीड़ ने एक सिपाही की हत्या कर दी थी। इसी मामले में बैंसला को अभियुक्त बनाया गया है ।
करौली के पुलिस अधीक्षक प्रफ़ुल्ल कुमार ने कहा कि आंदोलन के दौरान भीड़ पर नियंत्रण की ज़िम्मेदारी नेताओं की होती है, इसलिए स्वाभाविक है कि उनके ख़िलाफ़ मुक़दमे दर्ज किए जाएँ.

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