प्रतिद्वंद्वी फ़लस्तीनी गुटों फ़तह और हमास के बीच कई दिनों से चल रही हिंसा के बाद संघर्षविराम पर सहमति हो गई है ।
दोनों गुटों के नेताओं ने एक संयुक्त बयान में संघर्ष रोकने की बात कही है ।
पिछले दिनों हुई हिंसा में 80 से अधिक लोग मारे गए हैं ।
फ़लस्तीनी उपप्रधानमंत्री आज़म अल-अहमद ने कहा है कि हमास ने जो शर्तें रखी गई थीं, उसके आधार पर यह संघर्षविराम हुआ है ।
लेकिन उधर हमास के सैन्य शाखा ने कहा है कि उन्हें हथियार रखने के कोई आदेश नहीं मिले हैं और गज़ा में झड़पें जारी हैं। फ़तह के नेता, फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और हमास नेता, फ़लस्तीनी प्रधानमंत्री इस्माइल हानिया ने एक संयुक्त बयान जारी किया है, जिसका प्रसारण फ़लस्तीनी टेलीविज़न पर किया गया है। इसमें सभी पक्षों की ओर से संघर्षविराम की घोषणा की गई है ।
एक वरिष्ठ हमास नेता ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच टेलीफ़ोन पर चर्चा हुई है ।
अधिकारियों का कहना है कि हमास ने नौ शर्तें रखी थीं जिसमें एक यह था कि फ़लस्तीनी सुरक्षाबलों पर नियंत्रण के लिए एक मंत्री की नियुक्ति की जा और दूसरा यह कि फ़सल्तीनी सीमा की सुरक्षा में फ़तह के साथ हमास को भी शामिल किया जाए ।
उधर फ़तह के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि हालांकि ये शर्तें सिद्धांत रुप से स्वीकार कर ली गई हैं लेकिन दोनो पक्षों के बीच और बातचीत की ज़रूरत है ।
लेकिन उल्लेखनीय है कि प्रतिद्वंद्वी गुटों फ़तह और हमास ने मिलकर मार्च में साझा सरकार का गठन इस उम्मीद के साथ किया था कि इससे दोनों के बीच तनाव कम होगा लेकिन ऐसा होता हुआ दिख नहीं रहा है ।
हिंसा
उधर संघर्षविराम की घोषणा होते तक भीषण हिंसा जारी थी ।
हमास का दावा है कि उसने फ़तह के बंदूकधारियों को उत्तरी गज़ा से खदेड़ दिया है और अब दक्षिणी गज़ा के भी अधिकांश हिस्सों में उनका नियंत्रण हो गया है ।
हिंसा की घटनाओं में सिर्फ़ बुधवार को ही 17 लोगों के मारे जाने की ख़बरें हैं ।
शनिवार से चल रही हिंसा में 80 से अधिक लोग मारे गए हैं। हिंसा की शुरुआत शनिवार को ही हुई थी जब दोनों गुटों के बीच गज़ा की सड़कों पर और मकानों की छतों से भारी गोलाबारी हुई थी। दोनों ने एक दूसरे पर रॉकेट से गोले दागे थे और मशीनगनों से गोलियाँ बरसाईं थीं ।
हालांकि सोमवार को एक संघर्षविराम हुआ था लेकिन वह तुरंत टूट भी गया था ।
संवाददाताओ का मानना है कि ऐसा लगता है कि इस संघर्ष में हमास जीतता हुआ दिख रहा है क्योंकि गज़ा के ज़्यादातर हिस्सों में उसका नियंत्रण हो गया दिखता है ।
शांति-सैनिकों का प्रस्ताव
इस बीच हिंसा पश्चिमी तट पर भी फैल गया है।
फ़तह ने कहा है कि यदि हमास गज़ा में हमले नहीं रोकता है तो वे 'ख़ून के बदले ख़ून' की नीति अपनाएँगे ।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने सुझाव दिया है कि गज़ा में अंतरराष्ट्रीय शांति सेना की तैनाती की जा सकती है ।
बान की मून का कहना है कि शांति सेना का सुझाव फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और इसराइली प्रधानमंत्री एहुद ओल्मर्ट ने दिया है ।
बुधवार को संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी के दो कार्यकर्ता हिंसा में मारे गए हैं और इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने गज़ा में राहतकार्य स्थगित करने का फ़ैसला किया है ।
Thursday, June 14, 2007
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