Thursday, June 28, 2007

ब्लेयर के दूत बनने से हमास नाख़ुश

मध्य-पूर्व में शांति प्रयासों में लगी चार प्रमुख शक्तियों--अमरीका, रूस, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने टोनी ब्लेयर को अपना विशेष दूत नियुक्त किया है ।


ब्रितानी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के कुछ घंटों बाद ही यह घोषणा की गई है ।
लेकिन फ़लस्तीनी गुट हमास ने टोनी ब्लेयर की नियुक्ती की ओलोचना की है ।
हमास ने कहा है कि प्रधानमंत्री रहते हुए न तो टोनी ब्लेयर मध्य-पूर्व के प्रति ईमानदार रहे और न वे कोई आशा जगाते हैं ।
लेकिन टोनी ब्लेयर की नियुक्ति का इसराइल और फ़लस्तीनी प्रशासन ने स्वागत किया है। फ़लस्तीनी प्रशासन दूसरे फ़लस्तीनी गुट फ़तह के हाथों में है ।
संसद में प्रश्नों का आख़िरी बार उत्तर देते हुए टोनी ब्लेयर ने कहा है कि मध्य-पूर्व समस्या का हल संभव है लेकिन इसके लिए बहुत काम करना होगा ।
उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता इसराइल-फ़लस्तीनी समस्या को दो-राष्ट्र समझौते तक लाने की होगी । हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह काम आसान नहीं होगा क्योंकि एक तो टोनी ब्लेयर अब तक कुछ ख़ास नहीं कर सके हैं और दूसरे अमरीका ने पिछले कुछ बरसों में ऐसा कुछ प्रस्ताव नहीं दिया है जिससे समस्या हल होती दिखे ।


हमास का विरोध


हमास के प्रवक्ता ग़ाज़ी हमद ने कहा कि हमास में टोनी ब्लेयर की छवि अच्छी नहीं है ।
उन्होंने कहा, "हमारा अनुभव है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की तरह वे मध्यपूर्व के प्रति ईमानदार नहीं थे और वे समस्या को सुलझाने के लिए उम्मीद भी नहीं जगाते।"
उनका कहना था कि ब्लेयर हमेशा अमरीका और इसराइल का पक्ष लेते रहे हैं ।
लेकिन फ़लस्तीनी प्रशासन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा है कि नव नियुक्त दूत ने उन्हें 'आश्वासन दिया है' कि वे समस्या का दो राष्ट्र के आधार पर हल निकालने की दिशा में कार्य करेंगे।

इसलाइल ने भी ब्लेयर की नियुक्ति का स्वागत किया है। इसलाइली प्रधानमंत्री एहुद ओल्मर्ट के प्रवक्ता मिरी आइसिन कहा है, "ओल्मर्ट मानते हैं कि ब्लेयर की नियुक्ति का सकारात्मक प्रभाव पड़ेग । "
उधर अमरीकी राष्ट्रपति कार्यालय ने भी इस नियुक्ति का स्वागत किया है लेकिन उम्मीदों को लेकर उनका रुख़ बहुत उत्साहजनक नहीं था ।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा, "वह कोई सुपरमैन नहीं हैं।"
उन्होंने कहा, "उन्हें सुपरमैन जैसा कोई काम भी नहीं करने को कहा गया है। उनका काम है कि वे अंतरराष्ट्रीय चौकड़ी और मध्य-पूर्व की शक्तियों के बीच मध्यस्थ का कार्य करें और मामले को उस दिशा में ले जाने की कोशिश करें जिधर हम उसे ले जाना चाहते हैं । "
हालांकि यह अंतराष्ट्रीय चौकड़ी पहले से ही टोनी ब्लेयर की नियुक्ति पर विचार कर रही थी लेकिन रूस के कारण उनकी नियुक्ति में देर हुई ।
उनसे पहले अमरीका के जेम्स वुल्फ़ेंसन इस चौकड़ी के दूत थे ।
जहाँ तक टोनी ब्लेयर का सवाल है, वह ख़ुद कई बार दोहरा चुके हैं कि इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच शांति स्थापना को लेकर वह प्रतिबद्ध हैं ।
लेकिन संवाददाताओ का कहना है कि टोनी ब्लेयर मध्यपूर्व के लिए एक विवादित नेता हैं और उनके लिए एक कड़ी चुनौती सामने खड़ी हुई है ।
उनका कहना है कि इसराइली नेता तो ब्लेयर के पद और उनके अनुभव से उत्साहित हैं लेकिन फ़लस्तीनियों को इसे लेकर शंकाएँ हैं कि वे वास्तव में कोई फ़र्क ला पाएँगे ।

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