ईरान में निजी वाहन चालकों द्वारा ईंधन खरीदने के लिए सीमा निर्धारित कर दी गई। इस फ़ैसले के बाद राजधानी तेहरान में हिंसक झड़पें हुई हैं ।
ईरान सरकार ने केवल दो घंटे के नोटिस पर ये राशनिंग लागू की है ।
अब निजी वाहनचालक एक महीने में 100 लीटर ईंधन या हर रोज़ तीन लीटर ईंधन खरीद सकते हैं जबकि लोगों की ज़रूरत कहीं ज़्यादा है। इसे लेकर लोगों में ख़ासी नाराज़गी है ।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि तेहरान में कम से कम एक पेट्रोल स्टेशन को आग लगा दी गई है। ख़बरों के मुताबिक तीन लोग मारे गए हैं।
शहर भर में पेट्रोल स्टेशनों पर लंबी कतारें लगी हुई हैं और कई जगह वाहन चालकों के बीच झड़पें भी हुई हैं ।
प्रतिबंध की आशंका
सरकार के इस नए क़दम के बारे में संवाददाताओ का कहना है कि किसी भी चुनी हुई सरकार के लिए ये ख़तरनाक क़दम है, ख़ासकर ऐसे देश में जहाँ तेल की बहुतायत है और लोग मानते हैं कि सस्ती दरों पर ईंधन मिलना उनका अधिकार है ।
ईरान में तेल तो बहुत है लेकिन तेल शोधन की सुविधाएँ नहीं है। इस वजह से उसे पेट्रोल की कुल खपत में से 40 फ़ीसदी आयात करना पड़ता है ।
तेहरान में संवाददाताओ का कहना है कि सरकार पेट्रोल की खपत कम करने की कोशिश कर रही है क्योंकि उसे डर है कि अगर परमाणु मुद्दे को लेकर विवाद गहराता है तो उस पर पश्चिमी देश प्रतिबंध लगा सकते हैं।
ईरान सरकार को डर है कि पश्चिमी देश पेट्रोल के आयात पर रोक लगा सकते हैं जिससे उसकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा ।
वैसे ईरान में पेट्रोल काफ़ी सस्ती दरों पर उपलब्ध है- असल कीमत से लगभग 20 फ़ीसदी कम ।
अभी तक ये नहीं बताया गया है कि ईरानी नागरिक बाज़ार की असल कीमत पर ज़्यादा पेट्रोल खरीद सकते हैं या नहीं ।
Wednesday, June 27, 2007
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