Tuesday, July 10, 2007

मस्जिद में सैन्य कार्रवाई, 40 चरमपंथी मारे गए

इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में मोर्चा जमाए चरमपंथियों से बातचीत टूटने के बाद पाकिस्तानी सेना ने कार्रवाई शुरु कर दी है।




कोई चार घंटों की कार्रवाई के बाद सेना ने कहा है कि अब तक 40 चरमपंथी मारे गए हैं ।
इस कार्रवाई में कई सैनिक भी मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं ।
सेना के प्रवक्ता पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल वहीद अरशद का कहना है कि अब तक किसी महिला या बच्चे के मारे जाने की ख़बरें नहीं हैं ।
अलबत्ता वहाँ 20 बच्चे चरमपंथियों के बंधन से मुक्त होकर सेना के जवानों तक सुरक्षित पहुँचने में सफल हुए हैं ।
इसके पहले पाकिस्तान सरकार और मस्जिद में मोर्चा जमाए लोगों के बीच मंगलवार सुबह तक चली बातचीत टूट गई थी ।
संवाददाताओ का कहना है कि लगभग 11 घंटे चली बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकला और इसके बाद धमाकों की आवाज़ें आनी शुरू हो गईं ।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि भीतर कितने चरमपंथी हैं और उन्होंने कितनी महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाए रखा है ।
हालांकि पिछले दिनों से ख़बरें आ रही हैं कि मस्जिद के भीतर डेढ़ सौ से अधिक लोग हो सकते हैं ।


कार्रवाई

मस्जिद में दो दिशाओं से सेना ने प्रवेश किया और वहाँ से गोलीबारी और बम धमाकों की आवाज़ें लगातार आ रही हैं।

मेजर जनरल वहीद का कहना है कि ज़्यादातर चरमपंथी तहखानों में छिपे हुए हैं और वहीं से गोलीबारी कर रहे हैं और बम फेंक रहे हैं ।
पत्रकारों से बात करते हुए मेजर जनरल वहीद के अनुसार चरमपंथियों के पास रॉकेट लॉन्चर है, बंदूकें हैं, हथगोले हैं और छोटे हथियार हैं ।
उन्होंने कहा कि चरमपंथी पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल कर रहे हैं ।
कार्रवाई स्थल के बाहर एंबुलेंसों की कतारें लगी हुई हैं जो लगातार घायलों को और शवों को अस्पताल तक पहुँचा रही हैं ।
मीडिया को ऑपरेशन स्थल से और अस्पतालों से दूर रखा गया है ।
सेना के प्रवक्ता का कहना है कि उनके पास ग़ाज़ी अब्दुल रशीद के बारे में कोई जानकारी नहीं है ।


बातचीत असफल

संवाददाता का कहना है कि मस्जिद के अंदर मोर्चा जमाए चरमपंथी बाहर निकलने का सुरक्षित रास्ता चाहते थे जिस पर सहमति नहीं हो पाई ।
सरकार की ओर से बातचीत करनेवाले दल का नेतृत्व की ज़िम्मेदारी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी शुजात हुसैन कर रहे थे ।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में घोषणा की,'' हमने पूरी कोशिश की लेकिन बातचीत असफल रही है और मुझे इसका बेहद अफ़सोस है।''
इसके पहले सोमवार को राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने एक उच्च स्तरीय बैठक की थी जिसमें यह फ़ैसला किया गया कि बातचीत के लिए एक दल भेजा जाए जो मस्जिद में फंसीं महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास करे ।
दूसरी ओर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि लाल मस्जिद में जारी सैनिक कार्रवाई नहीं रोकी जाए ।
ग़ाज़ी अब्दुल रशीद ने माँग की थी कि उन्हें और उनके हथियारबंद साथियों को मस्जिद से निकलने का सुरक्षित रास्ता दिया जाए ।

1 comment:

दुःखदीन said...

pakistaan kee alat aur kattarpanth par koi news-cum-article ho to jaldi publish kijiye.