पाकिस्तान की सेना का कहना है कि इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में से कट्टपंथियों को निकाले जाने का काम बुधवार सुबह तक पूरा हो जाएगा।
इसके पहले लाल मस्जिद में की गई सैनिक कार्रवाई में मस्जिद के प्रबंधक अब्दुल रशीद ग़ाज़ी मारे गए ।
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अनुसार मंगलवार की सुबह से शुरू हुए अभियान में अब तक मस्जिद के भीतर ग़ाज़ी और उनके अलावा कुल 50 लोग मारे गए हैं जबकि आठ सैनिकों की भी मौत हो गई है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता जावेद इक़बाल चीमा ने बताया, " मौलाना ग़ाज़ी को तहख़ाने में देखा गया और बाहर निकलने को कहा गया। उनके साथ चार-पाँच चरमपंथी थे जिन्होंने सैनिकों पर गोलियाँ चलाईं और जवाबी गोलीबारी में ग़ाज़ी मारे गए।"
उन्होंने कहा, "मस्जिद के अंदर के कुछ इलाक़ों को अभी कब्ज़े में लिया जाना बाक़ी है।"
अमरीकी प्रतिक्रिया
अमरीका ने पाकिस्तान सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है।
अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टॉम केसी का कहना था कि पाकिस्तान सरकार ने ज़िम्मेदारी के साथ कार्रवाई की ।
लेकिन पाकिस्तान के सूबा सरहद के कुछ इलाक़ों में इसके विरोध में प्रदर्शन हुए हैं ।
हालांकि संवाददाताओ का कहना है कि अभी यह कहना मुश्किल है कि ये अन्य इलाक़ों में फैल सकते हैं।
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो ने सरकार की सैनिक कार्रवाई में देरी के लिए आलोचना की है ।
धीमी कार्रवाई
दूसरी ओर सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल वहीद अरशद ने बताया कि मदरसे के तहख़ाने में कई महिलाएँ मौजूद हैं इसलिए सैनिक बहुत एहतियात के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
सेना के प्रवक्ता के मुताबिक़ मस्जिद के नब्बे प्रतिशत हिस्से पर क़ब्ज़ा कर लिया गया है और 'ऑपरेशन साइलेंस' अपने अंतिम दौर में पहुँच रहा है ।
घटनास्थल पर मौजूद पत्रकारों का कहना है कि मंगलवार देर रात तक सुरक्षा बलों और चरमपंथियों के बीच गोलीबारी जारी थी ।
अभी तक घायल होने वाले लोगों की सही संख्या का पता नहीं चल सका है। इस्लामाबाद के अस्पतालों में पत्रकारों के जाने पर पाबंदी लगा दी गई है ।
ख़बरें हैं कि इस सैनिक कार्रवाई के दौरान लाल मस्जिद की इमारत को काफ़ी नुक़सान पहुँचा है ।
Wednesday, July 11, 2007
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1 comment:
पाकिस्तान ने भारत के सामने जिहादियों से लड़ने का सही तरीका प्रदर्शित किया है।
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