Tuesday, July 17, 2007

मुंबई धमाके: फिर सज़ा सुनाए जाने की तैयारी

विशेष टाडा अदालत 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाक़ी बचे 24 दोषियों को मंगलवार से सज़ा सुनाना शुरू कर सकती है।


इसके पहले अदालत ने कुछ दोषियों की सज़ा सुनाने पर रोक लगाने संबंधी एक याचिका ख़ारिज कर दी थी ।
पिछले सप्ताह कुछ दोषियों ने मामले को सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित कराने के लिए याचिका दायर की थी । 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के मामले में आतंकवाद निरोधक अदालत ने कुल 100 लोगों को दोषी ठहराया था और 23 लोगों को बरी कर दिया था ।
अभियुक्तों में बॉलीवुड स्टार संजय दत्त भी शामिल हैं और उन्हें अभी सज़ा सुनाई जानी बाक़ी है ।
पिछले दिनों अदालत ने उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत तो दोषी ठहराया था लेकिन आतंकवाद के आरोपों से बरी कर दिया था ।


संजय दत्त को भी इंतज़ार

ग़ौरतलब है कि 1993 में मुंबई में 12 बम धमाके हुए थे, जिनमें 257 लोग मारे गए थे और 700 से ज़्यादा लोग घायल भी हुए थे।

माना जाता है कि 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद मुस्लिम अंडरवर्ल्ड के इशारे पर ये धमाके हुए थे ।
माफ़िया सरगना दाउद इब्राहिम पर बम धमाकों की साज़िश रचने का आरोप है लेकिन वे अब भी फ़रार हैं ।
भारत सरकार कहती रही है कि दाउद इब्राहिम और एक अन्य संदिग्ध टाइगर मेमन पाकिस्तान में छिपे हुए हैं लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार करता है ।
मुंबई धमाकों के ज़्यादातर अभियुक्त पिछले 13 साल से जेल में हैं।
यह मुक़दमा इतना लंबा चला कि 12 अभियुक्तों की मौत हो गई और कई अभियुक्तों ने उतनी सज़ा काट ली है, जितनी उन्हें आजीवन क़ैद मिलने के बाद भुगतनी पड़ती ।
तेरह साल तक चले मुक़दमे के बाद पिछले साल सितंबर से अदालत ने अपना फ़ैसला सुनाना शुरू किया था जो दिसंबर में पूरा हुआ। अब 24 दोषियों को सज़ा सुनाई जानी बाक़ी है।

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