भारत का अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए आज मतदान हो रहा है। सीधा मुक़ाबला यूपीए-वाम मोर्चे की उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल और भैरों सिंह शेखावत के बीच है।
वर्तमान राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत हालाँकि स्वतंत्र उम्मीदवार के रुप में मैदान में हैं लेकिन उन्हें विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के कई घटक दलों का सीधा समर्थन प्राप्त है ।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) खुल कर उनके साथ है लेकिन निर्वाचक मंडल की स्थिति के मुताबिक पाटिल के चुने जाने की संभावना अधिक है ।
भाजपा की मुहिम बुधवार को उस समय और कुंद पड़ गई जब तृणमूल कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने मतदान में हिस्सा नहीं लेने का फ़ैसला किया ।
इससे पहले एनडीए में शामिल शिव सेना शेखावत के बजाए प्रतिभा पाटिल को समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है ।
प्रतिभा पाटिल की जीत पक्की मानी जा रही है लेकिन इन चुनावों को आने वाले समय में सबसे कटु राष्ट्रपति चुनावों के रुप में ज़रुर याद किया जाएगा ।
पाटिल मज़बूत स्थिति में
वामपंथी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ( यूपीए) समर्थित उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल के समर्थन में चुनावी आकड़ा भले ही हो पर जिस तरह से प्रतिभा पाटिल के ख़िलाफ़ अखबारों में आरोपों की बौछार हुई हो उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता ।
सत्तारुढ़ गठबंधन का कहना है कि उनकी उम्मीदवार तीन लाख वोटों से जीत दर्ज़ करेंगी जबकि बीजेपी का कहना है कि अगर सांसदों ने अंतरात्मा की आवाज़ सुनकर मतदान किया तो शेखावत आश्चर्यजनक परिणाम दे सकते हैं ।
राष्ट्रपति पद के निर्वाचक मंडल में सभी सांसद और राज्यों के विधानमंडल के सदस्य शामिल होते हैं और इनके कुल मतों का मूल्य लगभग 10 लाख 98 हज़ार है ।
बहुजन समाज पार्टी और कुछ अन्य दलों ने भी प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया है जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार भैरों सिंह शेखावत के समर्थन में पूरा विपक्ष एकजुट नहीं हो सका है।
समाजवादी पार्टी और कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों ने मतदान में अनुपस्थित रहने की भी घोषणा कर दी है ।
इस बीच गुजरात से बीजेपी के कुछ सांसदों ने कहा है कि राष्ट्रपति चुनावों में वो अंतरात्मा की आवाज़ पर वोट डालेंगे ।
Thursday, July 19, 2007
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